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हाल ही में अपनी प्रॉपर्टी बेची है तो इसके लिए बधाई, लेकिन बुरी ख़बर ये है कि आपको इससे हुए फ़ायदे पर टैक्स चुकाना होगा.
हालांकि, एक तरीका है जिससे आप टैक्स चुकाने से बच सकते हैं और वो है प्रॉपर्टी बेचने के छह महीने के भीतर फ़ायदे को कैपिटल गेन बॉन्ड्स में निवेश करना.
इन बॉन्ड्स से टैक्स को टालने की एक सुविधा मिलती है, लेकिन क्या ऐसा करना वास्तव में वित्तीय रूप से समझदारी भरा फैसला होगा?
इसके बजाय, क्या टैक्स का भुगतान करना और शेष राशि को इक्विटी फ़ंड में निवेश करना बेहतर होगा?
तुलना करने से पहले, आइए कैपिटल गेन्स बॉन्ड्स पर क़रीब से नज़र डालते हैं और देखते हैं कि वे कौन-से फ़ायदे देते हैं.
कैपिटल गेन बॉन्ड्स क्या हैं?
ये फ़िक्स्ड इनकम बॉन्ड्स कैपिटल गेन्स पर कर छूट प्रदान करते हैं, लेकिन ये पांच साल के लॉक-इन पीरियड और ₹50 लाख की अधिकतम निवेश की सीमा के साथ आते हैं.
वर्तमान में इन बॉन्ड्स पर 5.25 फ़ीसदी ब्याज मिलता है, जिसका भुगतान सालाना किया जाता है, लेकिन इस ब्याज पर आप पर लागू स्लैब दरों के हिसाब से टैक्स लगता है. इसके अलावा, इन बॉन्ड को लॉक-इन पीरियड के दौरान बेचा, ट्रांसफर या गिरवी के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है.
उदाहरण
मान लीजिए कि आपने ज़मीन का एक टुकड़ा खरीदा और कुछ साल बाद उसे ₹50 लाख के मुनाफ़े पर बेच दिया। अगर आप टैक्स चुकाना चाहते हैं, तो आपको टैक्स डिपार्टमेंट को ₹6.25 लाख देने होंगे. (प्रॉपर्टी बेचने के बाद कैपिटल गेन्स पर दो तरह से टैक्स लगाया जा सकता है.)
लेकिन अगर आप ₹50 लाख के मुनाफ़े को कैपिटल गेन बॉन्ड में निवेश करते हैं, तो आपका टैक्स बिल शून्य हो जाएगा. इतना ही नहीं, आपको हर साल 5.25 फ़ीसदी ब्याज मिलना शुरू हो जाता है (हालांकि ये ब्याज कर योग्य है).
कुल मिलाकर, आपको हर साल ₹2.62 लाख का टैक्स से पहले का ब्याज मिलता है.
हालांकि, चूंकि ब्याज पर आपके इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगेगा, इसलिए अगर आप 30 फ़ीसदी के टैक्स ब्रैकेट में आते हैं, तो आपका टैक्स के बाद का ब्याज सालाना ₹1.84 लाख तक कम हो जाता है. पांच वर्षों में, ये आपकी ₹9.19 लाख की कुल अर्निंग के बराबर है.
इसे अपने शुरुआती निवेश में जोड़ें और पांच साल बाद आपके कुल निवेश की वैल्यू ₹59.19 लाख होगी.
लेकिन क्या इससे भी बेहतर कोई विकल्प है?
टैक्स का भुगतान करें और इक्विटी चुनें
आइए आपको दो परिदृश्यों से रूबरू कराते हैं. पहला मामला अधिक एग्रेसिव निवेशकों के लिए है और दूसरा रिस्क से ज़्यादा बचने वाले निवेशकों के लिए है.
केस 1: कैपिटल गेन्स का भुगतान किया और बाक़ी रक़म को फ़्लेक्सी-कैप फ़ंड में निवेश किया.
कैपिटल गेन्स बॉन्ड में निवेश करने के बजाय, आप अपने ₹50 लाख के फ़ायदे पर ₹6.25 लाख टैक्स देते हैं और बाकी ₹43.75 लाख फ़्लेक्सी-कैप फ़ंड में निवेश करते हैं. 12.51 फ़ीसदी के औसत पांच साल के रोलिंग रिटर्न के आधार पर, आपका निवेश पांच साल बाद ₹78.87 लाख हो जाता है.
हालांकि, चूंकि इक्विटी में हुआ फ़ायदे पर 12.5 फ़ीसदी की दर से टैक्स लगेगा, इसलिए आपको फ़ायदे पर ₹4.39 लाख टैक्स देना होगा. इससे आपको टैक्स के बाद ₹74.48 लाख मिलते हैं, जो रक़म कैपिटल-गेन बॉन्ड (59.19 लाख रुपये) से अर्जित धनराशि से काफ़ी ज़्यादा है.
केस 2: कैपिटल गेन्स का भुगतान किया और बाक़ी रक़म को एग्रेसिव हाइब्रिड फ़ंड में निवेश किया
इस मामले में, आप अपने ₹50 लाख के कैपिटल गेन्स पर ₹6.25 लाख टैक्स का भुगतान करते हैं और शेष ₹43.75 लाख को एग्रेसिव हाइब्रिड फ़ंड में निवेश करते हैं.
11.75 फ़ीसदी के औसत पांच साल के रोलिंग रिटर्न के साथ, आपका निवेश पांच साल में ₹76.25 लाख हो जाता है.
12.5 फ़ीसदी के कैपिटल गेन्स टैक्स के बाद, निवेश की वैल्यू ₹72.19 लाख रह जाती है, जो कैपिटल गेन्स बॉन्ड से आपको मिलने वाली कमाई से काफ़ी ज़्यादा है.

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मुख्य निष्कर्ष
- ऐतिहासिक डेटा कैपिटल गेन्स बॉन्ड की तुलना में इक्विटी फ़ंड का मज़बूती के साथ समर्थन करता है. पिछले 15 साल के, टैक्स के बाद के पांच साल के रोलिंग रिटर्न से पता चलता है कि फ़्लेक्सी-कैप और एग्रेसिव हाइब्रिड फ़ंड ने क्रमशः 87.9 फ़ीसदी और 94.5 फ़ीसदी मामलों में कैपिटल गेन बॉन्ड (जो वर्तमान में 5.25 फ़ीसदी रिटर्न प्रदान करते हैं) से बेहतर प्रदर्शन किया है.
- टैक्स के बाद की बात करें तो इन फ़ंड्स ने फ़्लेक्सी-कैप फ़ंड के लिए 56.6 फ़ीसदी मामलों में और एग्रेसिव हाइब्रिड फ़ंड के लिए 50.2 फ़ीसदी मामलों में कैपिटल गेन बॉन्ड्स (10.5 फ़ीसदी से ऊपर) के मुकाबले दोगुना से ज़्यादा रिटर्न दिया है.
- कई निवेशक इक्विटी की अस्थिरता के कारण उनमें नुक़सान की आशंका के चलते उसमें निवेश करने से हिचकिचाते हैं। हालांकि, डेटा एक अलग कहानी बताता है. टैक्स के बाद पाच-साल के रोलिंग रिटर्न के आधार पर, निगेटिव रिटर्न मिलने की आशंका बेहद कम है, जो फ़्लेक्सी-कैप फ़ंड के लिए सिर्फ़ 0.29 फ़ीसदी और एग्रेसिव हाइब्रिड फ़ंड के लिए 0.08 फ़ीसदी है.
ध्यान दें कि हमने कैपिटल गेन बॉन्ड्स के साथ उचित तुलना के लिए फ़्लेक्सी-कैप और एग्रेसिव हाइब्रिड फ़ंड में एकमुश्त निवेश मान लिया है. हालांकि, किसी भी अन्य मामले में, प्रतिकूल स्थितियों बाज़ार में प्रवेश करने के जोखिम से बचने के लिए अपने निवेश को कई महीनों में फैलाना सबसे अच्छा है.
आखिरी बात
निश्चित रूप से, कैपिटल गेन बॉन्ड आपको टैक्स बचाने में मदद करते हैं, लेकिन अगर पांच साल बाद आपके पास कम वैल्थ बचती है तो इसका क्या फ़ायदा है, अगर आपने बस टैक्स का भुगतान किया होता और समझदारी से निवेश किया होता? ये बॉन्ड तुरंत टैक्स की मार से बचकर कुछ समय के लिए राहत दे सकते हैं, लेकिन लंबे समय में, वे आपकी ग्रोथ की क्षमता को सीमित कर देते हैं.
इसके बजाय, समझदारी भरा कदम ये होगा कि आप अपने पैसे को डायवर्सिफ़ाइड इक्विटी फ़ंड में लगा दें. उनके मामले में, ऊंचे रिटर्न की संभावना अस्थायी तौर पर टैक्स सेविंग से कहीं ज़्यादा है.
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ये लेख पहली बार फ़रवरी 25, 2025 को पब्लिश हुआ.