NTPC ग्रीन एनर्जी के शेयर में 24 फ़रवरी, 2025 को लगभग 8 फ़ीसदी की गिरावट देखने को मिल रही है. ख़ास बात ये है कि शेयर लगभग तीन महीने पहले लिस्ट हुआ है और अपने रिकॉर्ड हाई से लगभग 38 फ़ीसदी टूटकर ₹100 के स्तर से नीचे आ गया है. ऐसे में शेयर के भविष्य को लेकर निवेशकों में चिंता बढ़ गई है.
हालांकि, याद रखिए कि ये एक 'महारत्न' केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है और इसमें लगभग 89 फ़ीसदी हिस्सेदारी NTPC की है.
हाल की गिरावट की वजह
एक रिपोर्ट के अनुसार, NTPC ग्रीन एनर्जी के कुछ प्रमुख शेयरहोल्डर्स के लिए तीन महीने का लॉक-इन पीरियड खत्म हो गया है. लॉक-इन पीरियड समाप्त होने के साथ ही 18.33 करोड़ शेयर या कंपनी की आउटस्टैंडिंग इक्विटी का 2% हिस्सा ट्रेडिंग के लिए पात्र हो गया है.
हालांकि, याद रखना चाहिए कि शेयरहोल्डर लॉक-इन पीरियड समाप्त होने का मतलब ये नहीं है कि सभी शेयर खुले बाज़ार में बेच दिए जाएंगे. वे शेयर केवल ट्रेडिंग के लिए पात्र हो जाते हैं.
NTPC Green Energy के बारे में
NTPC Green Energy, NTPC लिमिटेड की एक सहायक कंपनी है, जो रिन्युएबल एनर्जी के स्रोतों पर ध्यान केंद्रित करती है. ये कंपनी मुख्य रूप से सौर, पवन और पनबिजली परियोजनाओं के माध्यम से पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा उत्पादन करती है. NTPC Green Energy का उद्देश्य भारत के एनर्जी सेक्टर को स्वच्छ और टिकाऊ बनाना है, साथ ही कार्बन उत्सर्जन को कम करना है. ये कंपनी न केवल ऊर्जा उत्पादन में योगदान देती है, बल्कि भारत की जलवायु परिवर्तन की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में भी मदद करती है. NTPC Green Energy का लक्ष्य भविष्य में रिन्युएबल एनर्जी में प्रमुख भूमिका निभाना है.
NTPC Green Energy के शेयर का प्रदर्शन
NTPC ग्रीन एनर्जी के शेयर 27 नवंबर को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर मामूली प्रीमियम के साथ लिस्ट हुए थे. पिछले तीन महीने के दौरान दिसंबर में ₹155.35 का ऑल टाइम हाई छूआ था और 24 फ़रवरी 2025 को ₹96.20 का ऑल टाइम लो छूआ है. कुल मिलाकर शेयर अपने रिकॉर्ड हाई से 38 फ़ीसदी टूट चुका है.
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NTPC Green Energy को लेकर वैल्यू रिसर्च की रेटिंग
हालांकि, NTPC Green Energy के नई लिस्टिड कंपनी होने और दूसरी कुछ वजहों से वैल्यू रिसर्च धनक की तरफ़ से कोई रेटिंग नहीं दी गई है. निवेश के दूसरे मौक़े देखने के लिए हमार स्टॉक स्क्रीनर पर ग़ौर कर सकते हैं.
NTPC Green Energy की 5 प्रमुख पॉजिटिव बातें
1. पर्यावरणीय लाभ: NTPC Green Energy सौर, पवन और पनबिजली जैसे रिन्युएबल एनर्जी स्रोतों से बिजली उत्पादन करती है, जो पारंपरिक फोसिल फ्यूल की तुलना में कम कार्बन उत्सर्जन करता है. इससे पर्यावरण की सुरक्षा होती है और जलवायु परिवर्तन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
2. टिकाऊ विकास को बढ़ावा: ये कंपनी भारत के टिकाऊ ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. रिन्युएबल एनर्जी के विकास से देश की ऊर्जा ज़रूरतों को भविष्य में बिना किसी पर्यावरणीय हानि के पूरा किया जा सकता है.
3. क्लीन एनर्जी की आपूर्ति: NTPC Green Energy क्लीन और रिन्युएबल एनर्जी का प्रमुख स्रोत बनकर ऊर्जा संकट को दूर करने में मदद करती है, जिससे लोगों को एक स्थिर और भरोसेमंद बिजली आपूर्ति मिलती है.
4. नौकरी और आर्थिक विकास: ये कंपनी नई ऊर्जा परियोजनाओं के निर्माण और संचालन में स्थानीय रोजगार के अवसर पैदा करती है, जिससे क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलता है.
5. सरकार की ऊर्जा नीति में योगदान: NTPC Green Energy भारत सरकार की 'रिन्युएबल एनर्जी ' नीति को समर्थन देती है और ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाती है.
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NTPC Green Energy की 5 निगेटिव बातें
1. शुरुआती निवेश की ऊंची कॉस्ट: सौर और पवन ऊर्जा जैसी रिन्यूएबल एनर्जी परियोजनाओं के लिए शुरुआती निवेश बहुत ज़्यादा होता है. इन परियोजनाओं की स्थापना में बड़े पैमाने पर पूंजी की आवश्यकता होती है, जिससे वित्तीय दबाव बढ़ सकता है.
2. मौसम पर निर्भरता: सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाएं मौसम की स्थितियों पर निर्भर होती हैं. बादल, धूप की कमी या हवा की धीमी गति ऊर्जा उत्पादन को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे आपूर्ति में अनिश्चितता पैदा होती है.
3. लोकेशन चयन और भूमि से जुड़ी ज़रूरतें: रिन्यूएबल एनर्जी परियोजनाओं के लिए ख़ासी ज़मीन की ज़रूरत होती है, जो कई बार स्थानीय समुदायों या कृषि भूमि के लिए समस्याएं पैदा कर सकती हैं. इसके अलावा, उचित लोकेशन का चयन भी चुनौती भरा हो सकता है.
4. पावर के लिए स्टोरेज क्षमता की कमी: रिन्यूएबल एनर्जी के स्रोतों में अस्थिरता के कारण, पावर स्टोरेज और डिस्ट्रीब्यूशन की वर्तमान तकनीकें पर्याप्त नहीं हैं, जिससे उत्पादन में असंतुलन हो सकता है.
5. सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव: कुछ स्थानों पर रिन्यूएबल परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण और स्थानीय पर्यावरण पर असर पड़ता है, जिससे स्थानीय समुदायों और इकोसिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
क्या करें निवेशक
NTPC Green Energy के शेयरों में हाल की गिरावट ख़ासकर लॉक-इन पीरियड समाप्त होने के कारण एक अस्थायी उतार-चढ़ाव हो सकती है. लंबे समय के निवेशकों की बात करें तो ये गिरावट एक अवसर हो सकती है, क्योंकि NTPC Green Energy क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में मज़बूत भूमिका निभा रही है और सरकार की रिन्यूएबल एनर्जी से जुड़ी नीति से इसे फ़ायदा मिल सकता है. हालांकि, मौसमी उतार-चढ़ाव और स्टॉक की अस्थिरता को ध्यान में रखना भी ज़रूरी है. अगर आप लंबे समय के निवेश के लिए तैयार हैं, तो इसे एक सकारात्मक अवसर मान सकते हैं.
डिस्क्लेमरः ये स्टोरी जानकारी देने के लिए है निवेश की सलाह नहीं. स्टॉक निवेश से पहले अपनी पूरी रिसर्च ज़रूर करें.
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