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ये कॉलम गोल्ड के बारे में है. इसमें कुछ भी नया नहीं है - मैंने पिछले दो दशकों में कई बार निवेश के तौर पर सोने के बारे में लिखा है. हालांकि, इस कॉलम को लिखने की शुरुआत कुछ ऐसी बातों से हुई जो मेरे दिमाग़ में नहीं थीं. पहली बात इस बारे में है कि बैंक ऑफ़ इंग्लैंड में फ़िज़िकल गोल्ड रखने वाले यू.एस. बैंक और दूसरे लोगों को सोना पाने में देरी का सामना करना पड़ रहा है. और दूसरी बात फ़ोर्ट नॉक्स की समस्या की थी. आख़िर क्या है फ़ोर्ट नॉक्स की समस्या? चलिए, आगे इसे समझते हैं.
पिछले एक हफ़्ते में फ़ोर्ट नॉक्स के इर्द-गिर्द एक ग़ज़ब का नाटक उभर कर आया, ये वो मशहूर तिजोरी है जहां अमेरिकी सरकार अपना सोने का ख़ज़ाना रखती है. जिस नाटक की मैं बात कर रहा हूं उसकी शुरुआत एलन मस्क के इस सवाल से हुई कि क्या किसी को पता है कि सोना अब भी वहां है. इसके तुरंत बाद सेनेटर रैंड पॉल ने रोना रोया कि उन्हें एक दशक में फ़ोर्ट नॉक्स जाने की इजाज़त नहीं दी गई है और राष्ट्रपति ट्रम्प ने घोषणा की कि उनका प्रशासन "सोना वहां है ये पक्का करने के लिए फ़ोर्ट नॉक्स जाएगा." इस पर ट्रेज़री सेक्रेटरी ने ज़ोर देकर कहा कि सालाना ऑडिट साबित करते हैं कि सब कुछ ठीक है, लेकिन आलोचकों कह रहे हैं कि ये वहां कथित रूप से जमा 147 मिलियन ट्रॉय औंस की विस्तृत जांच नहीं की गई है.
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ये एक और कॉन्सपीरेसी थ्योरी की तरह लग सकता है, लेकिन ये सोने के बारे में कुछ बुनियादी बातों को उजागर करता है जो निवेशकों को चिंतित कर सकती हैं. ये सच्चाई कि दुनिया की सबसे सुरक्षित फ़ेसेलिटी में रखे गए सोने के बारे में इस तरह के शक़ हो सकते हैं, हमें निवेश के तौर पर सोने की प्रकृति के बारे में कुछ बताता है. अगर आप फ़ोर्ट नॉक्स में रखे सोने के बारे में पूरी तरह से निश्चित नहीं हैं, तो आपके बैंक लॉकर में रखे सोने या आपके डीमैट खाते में मौजूद काग़ज़ी सोने के बारे में क्या कहा जाए?
यहां विडंबना दिलचस्प है. सोना ऐसी चीज़ मानी जाती है जिसपर सबसे ज़्यादा निर्भर हुआ जा सकता है, एक ऐसा एसेट जिसकी ओर आप तब मुड़ते हैं जब आपको किसी और चीज़ पर भरोसा नहीं रह जाता. और उसके बावजूद, हम यहां सोने की सेफ़्टी और वेरिफ़ाइबिलिटी यानि सत्यापन के सवालों के साथ खड़े हैं. इसके बाद क्या होगा? क्या कोई स्विस बैंकों में जमा सोने की ऑडिटिंग सुझाएगा? या बैंक ऑफ़ इंग्लैंड की तिजोरियों की पूरी लिस्ट बनवाएगा?
जो इस सब को ख़ासतौर से दिलचस्प बनाता है वो ये है कि ये बात ऐसे समय में उठी है जब सोने की क़ीमतें ऐतिहासिक ऊंचाई के क़रीब हैं. ग्लोबल, सुपरनेशनल करंसी के तौर पर सोने की भूमिका को फिर से स्थापित करने की चर्चा बढ़ रही है. फ़ोर्ट नॉक्स के मसले ने सोने की पहले से ही जटिल कहानी की गुत्थी में एक और जटिलता की परत जोड़ दी है. ऐसा लगता है कि निवेश के रूप में सोने के पक्ष और विपक्ष में पारंपरिक तर्कों को उलझा दिया गया है, जिससे निवेशक पहले से कहीं ज़्यादा भ्रमित हो गए हैं.
और अगर आपको लगता है कि फ़ोर्ट नॉक्स ही एकमात्र सोने का रहस्य है, तो सोचिए कि लंदन के सोने के बाज़ार में हर दिन क्या होता है. असल में वहां सोने की ज़्यादातर ट्रेडिंग में "अनएलोकेटेड" सोना शामिल होता है - मूल रूप से काग़ज़ी वादा जो ख़ास बार के बजाय सोने के सामान्य पूल के आधार पर होता है. ये कुछ-कुछ ऐसा है जैसे आप अपने परिवार के गहनों को रखने के लिए बैंक लॉकर में जाते हैं और आपको बताया जाता है, "चिंता मत करो कि ये किस लॉकर में है, हमारे पास यहां बहुत सारे गहने हैं, जब आप चाहें तब आपको अपना गहना मिल जाएगा." ये सिस्टम तब तक ठीक काम करता है जब तक बहुत से लोग एक साथ अपना सोना नहीं मांग लेते, जिससे ट्रेडरों को अपने वादों को पूरा करने के लिए वास्तविक, भौतिक सोना खोजने के लिए संघर्ष करना पड़ता है. दुनिया के सबसे पुराने गढ़ में निवेश करने की सरलता बस यहीं तक थी!
हालांकि, एक आम निवेशक के लिए, ये बातें सोने को एक अहम निवेश के तौर पर रखने के ख़िलाफ़ मामले को कमज़ोर करने के बजाय और मज़बूत ही करता है. फ़ोर्ट नॉक्स विवाद हमेशा से सोने की सबसे बड़ी समस्या दिखाता है: ये एक ऐसा एसेट है जो कुछ भी पैदा नहीं करता, कोई आमदनी नहीं देता, और जिसकी क़ीमत पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करती है कि कोई और इसके बदले में क्या देगा. इसके अलावा, वेरिफ़ाइबिलिटी और इसकी कस्टडी के बारे में नए सवाल उठ रहे हैं, और निवेश का विषय डगमगाता नज़र आ रहा है.
मैंने लंबे समय से माना है कि सोने को किसी व्यक्ति के निवेश पोर्टफ़ोलियो में, बहुत हुआ तो एक छोटी भूमिका ही निभानी चाहिए. पिछले सप्ताह की घटनाओं ने, उस नज़रिए को बदलने के बजाय, और मज़बूत ही किया है. जब सरकारें भी अपने सोने के भण्डार को आसानी से वेरिफ़ाई नहीं कर सकतीं, तो आम निवेशकों के लिए ये समय ज़्यादा प्रोडक्टिव एसेट्स पर ध्यान देने का है, जो असली या काल्पनिक तिजोरियों में पड़े रहने के बजाय वास्तविक मूल्य पैदा करते हैं.
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