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बाज़ार में गिरावट के दौर के बीच, सौरभ के म्यूचुअल फ़ंड्स के पोर्टफ़ोलियो पर गहरा दबाव देखने को मिल रहा है. कुछ फ़ंड्स के NAV में तो लगातार गिरावट बनी हुई थी. ऐसे में, दूसरे सामान्य निवेशकों की तरह सौरभ के मन में SIP रोकने का ख़याल आया. हालांकि, ऐसा सोचने या SIP को रोकने वाले वो अकेले नहीं है.
असल में, SIP स्टॉपेज रेशियो जनवरी, 2025 में 109 फ़ीसदी तक पहुंच गया, जो पिछले कुछ समय में सबसे ज़्यादा है. ये रेशियो नए रजिस्ट्रेशन के मुक़ाबले बंद की गई SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) अकाउंट की संख्या का आकलन करता है.
हालांकि, हम पहले भी कहते रहे हैं कि निवेश के साथ भावनाओं को मिलाना आपकी वैल्थ के लिए अच्छा होने के बजाय नुक़सान ही देगा. आइए, आगे इससे जुड़े पहलुओं पर विचार करते हैं.
महीना | SIP की रक़म (₹) | NAV (₹) | ख़रीदी गईं यूनिट |
---|---|---|---|
जनवरी | 5000 | 55 | 90.90 |
फ़रवरी | 5000 | 50 | 100.00 |
मार्च | 5000 | 40 | 125.00 |
अप्रैल | 5000 | 45 | 111.11 |
मई | 5000 | 35 | 142.86 |
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मंदी के दौरान SIP रोकना क्यों एक बेकार आइडिया है
#1 गिरावट इक्विटी मार्केट का हिस्सा है
बाज़ार में उतार-चढ़ाव होता रहता है, लेकिन लंबे समय में उनमें हमेशा तेज़ी देखने को मिलती है. मंदी के दौरान बेचने से नुक़सान होता है, जबकि निवेश बनाए रखने से आप रिकवरी के दौर का फ़ायदा उठा सकते हैं.
ऐसा क्यों है? पांच साल के दौरान, सेंसेक्स में SIP निवेशकों को 78.6 फ़ीसदी के सबसे ऊंचे स्तर से लेकर -14.5 फ़ीसदी के न्यूनतम स्तर तक का रिटर्न मिला है. लेकिन अगर इस समय-सीमा को 20 साल तक बढ़ा दिया जाए, तो ये सीमा 20.8 फ़ीसदी के सबसे ऊंचे स्तर से लेकर 9.2 फ़ीसदी के निम्नतम स्तर पर आ जाती है.
ऐसा क्यों होता है? असल में, समय के साथ बाज़ार में उतार-चढ़ाव एक दूसरे को बैलेंस कर देते हैं. इस तरह से आप जितने लंबे समय तक निवेश बनाए रखेंगे, आपके वैल्थ तैयार करने के सफ़र में मार्केट के उतार-चढ़ाव का उतना ही कम असर होगा. इससे आपको अपना पोर्टफ़ोलियो बढ़ाने में मदद मिलेगी.
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#2 SIP आपको बाज़ार के निचले स्तरों से फ़ायदा उठाने में मदद करता है
मार्केट की अलग-अलग साइकल में अपनी SIP को जारी रखते हुए, आप अलग-अलग प्राइस प्वाइंट्स पर निवेश करते हैं, समय के साथ अपनी यूनिट्स की कॉस्ट को एवरेज करते हैं, जिसे रुपये की कॉस्ट एवरेजिंग के रूप में जाना जाता है. इससे एवरेज कॉस्ट कम हो जाती है, ख़ासकर जब क़ीमतें कम होती हैं. नीचे दी गई टेबल दिखाती है कि ऐसा कैसे होता है.
किस म्यूचुअल फ़ंड कैटेगरी में आई कितनी गिरावट?
कैटेगरी | YTD | 1 महीना | 3 महीना | 1 साल |
---|---|---|---|---|
इक्विटी: स्मॉल कैप | -15.76 | -11.28 | -11.77 | 1.40 |
इक्विटी: इंफ्रास्टक्चर | -12.31 | -9.41 | -10.33 | 1.72 |
इक्विटीः मिड कैप | -11.81 | -7.58 | -8.14 | 5.84 |
इक्विटीः मल्टी कैप | -10.69 | -6.95 | -7.79 | 4.82 |
इक्विटीः लार्ज एंड मिड कैप | -9.60 | -5.74 | -7.83 | 2.82 |
YTD यानि वर्ष 2025 में अभी तक. डेटा 20 फ़रवरी 2025 तक का है |
जैसा कि आप देख सकते हैं, जैसे-जैसे म्यूचुअल फ़ंड की NAV (नेट एसेट वैल्यू) घटती है, आप ज़्यादा यूनिट ख़रीद पाते हैं. इसके अलावा, आपके म्यूचुअल फ़ंड का औसत NAV ₹43.87 निकलता है, जो उन पांच NAV में से तीन से कम है, जिस पर आपने फ़ंड ख़रीदा था.
#3 मार्केट में समय बिताना, मार्केट टाइम करने से ज़्यादा अहम है
मार्केट को टाइम करना यानि मार्केट की भविष्यवाणी करना लगभग असंभव है. अगर आप निवेश करने के लिए सही या परफ़ेक्ट समय का इंतज़ार करते रहेंगे, तो आप समय के साथ अच्छा रिटर्न पाने से चूक जाएंगे.

इस ग्राफ़ से पता चलता है कि अगर आप पिछले दशक में केवल 20 सबसे अच्छे दिनों से भी चूक गए होते, तो आपका रिटर्न 80 फ़ीसदी तक कम हो सकता था. इसके विपरीत, पूरे समय निवेश बनाए रखने से न केवल दहाई अंकों का रिटर्न (12.2%) मिलता, बल्कि 10 साल के बाद एक बड़ा कॉर्पस भी तैयार हो जाता.
इसलिए, अपनी SIP को रोकने का मतलब है कंपाउंडिंग से चूकना, जिसके चलते आपकी फ़ाइनेंशियल ग्रोथ धीमी हो सकती है और लंबे समय में कम कॉर्पस की वजह बन सकती है.
अहम सबक़
SIP का मतलब है लगातार निवेश. मुश्किल दौर में भी निवेश जारी रखने से आपको लंबे समय के फ़ाइनेंशियल गोल पर ध्यान केंद्रित करने और समय के साथ वैल्थ बनाने में मदद मिलती है. भले ही, बाज़ार की मौजूदा गिरावट चिंताजनक लग सकती है, लेकिन कम समय के उतार-चढ़ाव के चलते अपनी निवेश की यात्रा को पटरी से न उतरने दें. शांत रहें, निवेश बनाए रखें और याद रखें कि SIP समय के साथ वैल्थ तैयार करने का एक साधन है न कि बाज़ार में होने वाले बदलावों का तुरंत समाधान.
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ये लेख पहली बार फ़रवरी 21, 2025 को पब्लिश हुआ.