इस साल रिटर्न के मामले में स्मॉल-कैप म्यूचुअल फ़ंड्स का बुरा हाल है. 2025 में 11 फ़रवरी तक एवरेज स्मॉल-कैप फ़ंड ने अपने निवेशकों को 13 फ़ीसदी से ज़्यादा का नुक़सान पहुंचाया है. बीते दो महीनों से जारी गिरावट इतनी तेज़ रही है कि निवेशकों के बीच आने वाले समय को लेकर चिंता बढ़ गई है. आइए पहले शॉर्ट टर्म में सबसे ज़्यादा कमज़ोरी दर्ज करने वाले टॉप 5 म्यूचुअल फ़ंड्स के बारे में जानते हैं.
सबसे ज़्यादा गिरने वाले टॉप 5 म्यूचुअल फ़ंड
फ़ंड | रिटर्न (1 माह) | रिटर्न (3 माह) | रिटर्न (6 माह) |
---|---|---|---|
टाटा स्मॉल कैप | -7.61 | -12.47 | -10.54 |
महिंद्रा मनुलाइफ़ स्मॉल कैप | -7.59 | -12.06 | -14.23 |
ABSL स्मॉल कैप | -7.69 | -11.72 | -13.03 |
क्वांट स्माल कैप | -6.62 | -11.49 | -15.30 |
बैंक ऑफ इंडिया स्मॉल कैप | -7.42 | -11.35 | -11.14 |
नोट- यहां सभी एक्टिव फ़ंड के डायरेक्ट प्लान पर विचार किया गया है. डेटा 13 फ़रवरी, 2025 तक का है. |
अब आपके मन में उठ रहे होंगे ये सवाल
अगर आप स्मॉल-कैप म्यूचुअल फ़ंड में निवेश कर रहे हैं, तो आप ख़ुद से पूछ रहे होंगे:
-
क्या मुझे आगे नुक़सान से बचने के लिए अपनी
SIP
बंद कर देनी चाहिए?
-
क्या मुझे कम क़ीमतों का फ़ायदा उठाने के लिए ज़्यादा निवेश करना चाहिए?
- क्या स्मॉल कैप में सुधार होगा या ये लंबे समय की मंदी की शुरुआत है?
भले ही, ये चिंताएं स्वाभाविक हैं, लेकिन ये याद रखना ज़रूरी है कि स्मॉल कैप स्वाभाविक रूप से अस्थिर होते हैं. वे लार्ज कैप की तुलना में ज़्यादा तेज़ी से गिरावट का अनुभव करते हैं, लेकिन इससे ऐतिहासिक रूप से उन लंबे समय के निवेशकों को फ़ायदा पहुंचाते हैं जो निवेशित रहते हैं.
स्मॉल कैप कैसे व्यवहार करते हैं?
अतीत से पता चलता है कि स्मॉल-कैप फ़ंड अक्सर एक ही वर्ष में बहुत ज़्यादा उतार-चढ़ाव से गुज़रते हैं. इसे बेहतर ढंग से समझने के लिए, यहां देखिए कि पिछले कुछ सालों में स्मॉल-कैप फ़ंड ने कैसा प्रदर्शन किया है, साल के दौरान उनमें कितनी गिरावट आई, उनका उच्चतम रिटर्न पॉइंट क्या रहा और आखिरकार कितना रिटर्न रहा.
स्मॉल-कैप फ़ंड्स का उतार-चढ़ाव भरा सफ़र
साल | सबसे ज़्यादा रिटर्न | सबसे कम रिटर्न | साल में रिटर्न |
---|---|---|---|
2006 | 40% | -13% | 31% |
2007 | 56% | -13% | 56% |
2008 | 2% | -66% | -62% |
2009 | 99% | -20% | 99% |
2010 | 29% | -6% | 19% |
2011 | 1% | -27% | -26% |
2012 | 42% | 0% | 40% |
2013 | 5% | -21% | 5% |
2014 | 89% | -5% | 89% |
2015 | 11% | -4% | 9% |
2016 | 16% | -19% | 5% |
2017 | 50% | 1% | 50% |
2018 | 3% | -23% | -17% |
2019 | 5% | -13% | -1% |
2020 | 24% | -36% | 24% |
2021 | 62% | -1% | 59% |
2022 | 7% | -16% | 2% |
2023 | 42% | -5% | 41% |
2024 | 29% | -5% | 24% |
नोट: 10 साल से ज़्यादा के इतिहास वाले स्मॉल-कैप फ़ंड्स के रेग्युलर प्लान्स पर आधारित. |
डेटा से मुख्य रूप से क्या पता चला
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एक वर्ष के भीतर तेज़ गिरावट आम बात है:
यहां तक कि उन वर्षों में भी जब स्मॉल कैप ने पॉजिटिव रिटर्न दिया, तब भी बड़ी गिरावट आई.
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बड़ी गिरावट के बाद रिकवरी अक्सर जल्दी होती है:
2008 एक भारी गिरावट वाला साल (-62 फ़ीसदी) था, लेकिन जो लोग निवेशित रहे, उन्हें 2009 में 99 फ़ीसदी का दमदार रिटर्न मिला.
- शॉर्टम टर्म की गिरावट का मतलब हमेशा नुक़सान नहीं होता: यहां तक कि जब किसी साल के दौरान बाज़ार में गिरावट आई, तो अंतिम रिटर्न अक्सर पॉजिटिव रहा.
इससे एक सामान्य बात की पुष्टि होती है: अगर आप स्मॉल कैप में निवेश कर रहे हैं, तो तेज़ गिरावट के लिए तैयार रहें. लेकिन इतिहास बताता है कि जो लोग निवेशित रहे, उन्हें शानदार रिवार्ड मिला.
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क्या आपको स्मॉल कैप में अपनी SIP बंद कर देनी चाहिए?
इसका आसान उत्तर है: नहीं, जब तक कि आपके एसेट एलोकेशन से कोई अन्य संकेत (सुझाव) न मिले. स्मॉल-कैप निवेश में 7-10 साल का समय होना और अस्थिरता के लिए तैयार रहना बेहद अहम है. अगर आप एक व्यवस्थित फ़ाइनेंशियल प्लान के साथ निवेश कर रहे हैं, तो शॉर्ट टर्म की गिरावट के कारण SIP रोकना नुक़सानदेह हो सकता है.
यहां जानिए क्यों:
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SIP अस्थिर बाज़ारों में सबसे ज़्यादा कारगर होती है
- अपने निवेश को जारी रखते हुए, आप कम क़ीमतों पर यूनिट ख़रीदते हैं, जिससे आपकी लंबे समय की कॉस्ट बेहतर होती है.
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रिकवरी तेज़ होती है
- मंदी के बाद स्मॉल कैप अक्सर लार्ज कैप की तुलना में तेज़ी से वापसी करते हैं.
- लंबे समय के रिटर्न शॉर्ट टर्म की गिरावट से ज़्यादा होते हैं - जैसा कि पिछले मार्केट क्रैश में देखा गया है, निवेश करते रहने से समय के साथ बेहतर नतीजे मिले हैं.
हालांकि, अगर स्मॉल कैप की आपके इक्विटी पोर्टफ़ोलियो में 25 फ़ीसदी से ज़्यादा हिस्सेदारी है, तो ये SIP को पूरी तरह से बंद करने के बजाय इसे रिबैलेंस करने का समय हो सकता है.
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क्या आपको अभी और निवेश करना चाहिए?
भले ही, गिरावट के बाद स्मॉल कैप आकर्षक लग सकते हैं, लेकिन हम सिर्फ़ इसलिए निवेश बढ़ाने की सलाह नहीं देते क्योंकि बाज़ार में गिरावट है.
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अगर आपके फ़ाइनेंशियल प्लान में पहले से ही स्मॉल कैप शामिल हैं, तो बस उसी पर टिके रहें.
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अगर स्मॉल कैप के लिए आपका पोर्टफ़ोलियो एलोकेशन पहले से ही अधिकतम (20-25 फ़ीसदी) है, तो और जोड़ने की कोई ज़रूरत नहीं है.
- बाज़ार में टाइमिंग शायद ही कभी काम करती है. शॉर्ट टर्म में अचानक बदलाव करने के बजाय लगातार निवेश करते रहना बेहतर है.
निवेशकों को अब क्या करना चाहिए?
1. अपनी SIP जारी रखें. अगर स्मॉल कैप आपके लंबे समय के प्लान का हिस्सा हैं, तो अपने निवेश पर बने रहें.
2. अपने एसेट एलोकेशन को रिव्यू करें. अगर स्मॉल कैप आपके पोर्टफ़ोलियो के 25 फ़ीसदी से ज़्यादा हो गए हैं, तो उन्हें रिबैलेंस करने पर विचार करें.
3. भावनाओं में बहकर निवेश से बचें. बाज़ार की कम समय की गतिविधियों के आधार पर निवेश के फ़ैसले लेने से अक्सर पछताना पड़ता है.
4. सब्र रखें. स्मॉल कैप में भारी उतार-चढ़ाव हो सकता है, लेकिन ऐतिहासिक रूप से लंबे समय के निवेशकों को इनमें फ़ायदा मिला है.
आखिरी बात
स्मॉल-कैप फ़ंड में गिरावट आना आम बात है. ऐसा अक्सर होता हैं और हर बार वे निवेशकों के सब्र की परीक्षा लेते हैं. हालांकि, इतिहास से पता चलता है कि जो निवेशक अपनी योजनाओं पर टिके रहते हैं, अपनी SIP चालू रखते हैं और भावनाओं में बहकर फ़ैसलों से बचते हैं, वे आगे निकल जाते हैं.
बाज़ार की गतिविधियों पर प्रतिक्रिया देने के बजाय, सुनिश्चित करें कि आपकी निवेश रणनीति अच्छी तरह से व्यवस्थित है और आपके फ़ाइनेंशियल गोल्स से मेल खाती हो. बाज़ार में समय बिताना बाजार को टाइम करने यानि अंदाजा लगाने से ज़्यादा अहम है.
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