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दौड़ और निवेश: एक ही सिक्के़ के दो पहलू जो आपको रखेंगे फ़िट और फ़ाइनेंशियली सिक्योर

निवेश से जुड़े 5 बड़े सबक़ जो एक युवा निवेशक ने अपनी सुबह की जॉगिंग से सीखे

दौड़ और निवेश: रनिंग से सीखे गए 5 सबक़ आपको जो अमीर बना सकते हैंAI-generated image

मैं एक नया निवेशक हूं जिसे दौड़ना पसंद है. अक्सर इंस्टाग्राम पर लोगों को ऐसे कई पोस्ट देखता हूं, जहां लोग 45 मिनट से कम समय में 10 किलोमीटर दौड़ने का दावा करते हैं, तो मुझे हैरत होती है लेकिन उसी पल ये एहसास होता है कि हर दौड़ने वाले का सफ़र अलग होता है.

ठीक वैसे ही, हर निवेशक का सफ़र भी अलग होता है. फे़मस इन्वेस्टर हॉवर्ड मार्क्स कहते हैं कि दूसरों की कॉपी करने के बजाय अपने निवेश का सफ़र ख़ुद तय करें. आपकी इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी आपकी रिस्क लेने की क्षमता, गोल्स और पर्सनैलिटी से मेल खानी चाहिए.

तो चलिए, जानते हैं वो 5 दमदार इन्वेस्टमेंट टिप्स जो मैंने अपनी रनिंग से सीखे हैं और जो आपकी इन्वेस्टमेंट जर्नी को भी आसान बना सकते हैं.

1. पहले प्लानिंग, फिर एक्शन

सुबह जल्दी उठना ज़रूरी है, लेकिन रनिंग की असली तैयारी दौड़ से एक दिन पहले शुरू होती है. अच्छी डाइट, सही नींद और वॉर्म-अप. बिना तैयारी के दौड़ में परफ़ॉर्म करना मुश्क़िल है.

निवेश भी कुछ ऐसा ही है. पहले अपने रिस्क लेने की क्षमता, गोल्स और टाइम फ़्रेम तय करें. अगर ये स्टेप सही रहेगा, तो इन्वेस्टमेंट का सफ़र भी आसान हो जाएगा. जल्दबाज़ी में पैसे लगाने से बचें और सोच-समझकर निवेश करें.

2. शुरुआत करना ज़रूरी है

सुबह 6 बजे उठकर दौड़ने जाना बहुत मुश्क़िल लगता है, इसलिए, मैं एक तरक़ीब अपनाता हूं. उठो, कपड़े बदलो, चेहरा धो लो. फिर पीछे हटने का कोई ऑप्शन नहीं बचता.

निवेश भी ऐसा ही है. अगर अब तक निवेश शुरू नहीं किया है, तो एक छोटी SIP के साथ शुरूआत करें. धीरे-धीरे ये आपकी फ़ाइनेंशियल ग्रोथ का सबसे बड़ा ज़रिया बन जाएगा. छोटी शुरुआत करें, लेकिन जुनून के साथ लगातार निवेश में बने रहें.

3. धीरे-धीरे, मगर लगातार आगे बढ़ें

मैं किसी भी रनर या निवेशक को यही सलाह दे सकता हूं कि चाहे दौड़ हो या इन्वेस्टमेंट, धीरे-धीरे बढ़ना ही सबसे अच्छा तरीक़ा है. बहुत तेज़ भागेंगे तो जल्दी थक जाएंगे, लेकिन सही स्पीड से चलोगे और कंसिस्टेंट रहेंगे तो लंबी दूरी तय कर पाएंगे.

निवेश में भी जल्दबाज़ी से बचें. बिना रिसर्च किए पैसा न लगाएं. सही जानकारी लें, समझदारी से फै़सला करें और धैर्य रखें. वॉरेन बफे़ट का 20-स्लॉट रूल अपनाएं. लाइफ़ में सोच-समझकर सिर्फ़ 20 बड़े निवेश करें, ताकि हर फै़सला सही और सोच-समझकर लिया गया हो.

सीमित फैसला लेने से आपको अपने निवेश को बेहतर ढंग से समझने पर मजबूर होना पड़ता है. इसलिए, जैसे ही बाज़ार में गिरावट आती है, आप उनसे बाहर नहीं निकलेंगे. और निवेशित रहेंगे.

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4. पहले मुश्क़िल लगेगा, फिर सब ऑटो-पायलट पर चलेगा

मेरे लिए दौड़ का पहला 2 किलोमीटर सिर्फ़ वार्म-अप होता है. शुरुआत में थकान लगती है, लेकिन जब बॉडी ट्यून-इन हो जाती है, तो दौड़ना आसान हो जाता है.

निवेश में भी ऐसा ही होता है. जब आप अपने 20s में निवेश शुरू करते हैं, तो शुरुआत में पैसे कम होते हैं और बचत करना मुश्क़िल लगता है. लेकिन धीरे-धीरे ये आपकी ज़िंदगी का हिस्सा बन जाता है और ग्रोथ ऑटो-पायलट मोड में चली जाती है. शुरुआत में मेहनत करनी पड़ती है, लेकिन बाद में पैसा ख़ुद-ब-ख़ुद बढ़ता है. यानी, कुछ साल के बाद, आप कुछ अजीब महसूस करेंगे. आप पाएंगे कि निवेश आपके जीवन में एक अहम हिस्सा बन चुका है. और आदत भी.

अपने पैरों की तरह, अब आप शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से आपका वार्म-अप हो चुका है.

5. कंपाउंडिंग - जब असली खेल शुरू होता है

रनिंग में एक टर्म है 'The Wall'. ये वो मोमेंट होता है जब शरीर थक कर हार मानने लगता है. ये हर किसी के लिए अलग-अलग हो सकती है. अपने अनुभव से, मैं आपको बता सकता हूं कि ऐसा लगता है मानो कि आप गिरने के कगार पर हैं

आपके दिमाग में ख़तरे की घंटियां बज रही हैं. लेकिन अगर आप दर्द को सहते हुए दौड़ते रहें, अगर आप उसे पार कर लें, तो दौड़ अचानक आसान लगने लगती है और थकावट दूर हो जाती है, अचानक, लंबी दूरी तय करने के लिए कम प्रयास की ज़रूरत होती है.

निवेश में भी ऐसा ही होता है. मार्केट में गिरावट आएगी, रिटर्न धीमे होंगे, धैर्य डगमगाएगा. आप हैरत करेंगे कि आपका पैसा क्यों नहीं बढ़ रहा है. अनुशासित निवेश करने में सालों लग सकते हैं, सिर्फ़ कुछ हद तक ठीक-ठाक रिटर्न देखने के लिए.

लेकिन अगर आप SIP जारी रखते हैं, तो 10-15 साल में कंपाउंडिंग का असली जादू देखने को मिलेगा. धीरे-धीरे निवेश का पैसा तेज़ी से बढ़ने लगेगा और आपको लगेगा कि आपने अपनी इन्वेस्टमेंट वॉल पार कर ली है. कंपाउंडिंग को समझें और धैर्य बनाए रखें.

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याद रखें!

5 साल से दौड़ रहा हूं और समझा कि सुधार के लिए सिर्फ़ मेहनत ही नहीं, बल्कि आराम और धैर्य भी ज़रूरी है. यही बात निवेश पर भी लागू होती है.

निवेश में भी बहुत लोग SIP रोकने-चलाने की ग़लती करते हैं. लेकिन लॉन्ग टर्म वेल्थ बनाने का असली मंत्र है. धैर्य रखना और बिना फ़ालतू छेड़छाड़ किए निवेश को लंबे समय तक बनाए रखना. अक्सर मार्केट के उतार-चढ़ाव देखकर लोग घबरा जाते हैं, लेकिन असली गेम लंबी रेस में जीतने का है. इन्वेस्टमेंट और दौड़ में एक ही मंत्र है, पेशेंश और कंसिस्टेंसी.

तो चाहे दौड़ हो या इन्वेस्टिंग, धीरे मगर लगातार बढ़ें तभी मंज़िल मिलेगी.

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ये लेख पहली बार फ़रवरी 17, 2025 को पब्लिश हुआ.

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