AI-generated image
क्या आपको लगता है कि नई कर व्यवस्था ने आपके लिए टैक्स सेविंग के सभी अवसरों को खत्म कर दिया है? ऐसा नहीं है. भले ही, ज़्यादातर पारंपरिक डिडक्शन और अलाउंसेज खत्म हो गए हैं, लेकिन कुछ प्रमुख एग्जम्प्शन और डिडक्शन अभी भी बने हुए हैं. इन्हें समझने से आपको जटिल टैक्स प्लानिंग की ज़रूरत के बिना कानूनी रूप से अपनी टैक्सेबल इनकम को कम करने में मदद मिल सकती है. यहां बताया गया है कि आप अभी भी क्या दावा कर सकते हैं.
1. NPS और EPF में इम्प्लॉयर का योगदान अभी भी टैक्स-फ़्री है
- NPS (नेशनल पेंशन स्कीम): बेसिक + DA (महंगाई भत्ता) के 14 फ़ीसदी तक नियोक्ता द्वारा किया गया योगदान पूरी तरह से टैक्स फ़्री है. ये सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों दोनों पर लागू होता है.
- EPF (इम्प्लॉइज प्रॉविडेंट फ़ंड): बेसिक + DA के 12 फ़ीसदी तक इम्प्लॉयर द्वारा किया गया योगदान टैक्स फ़्री रहता है.
- EPF और NPS में इम्प्लॉयर द्वारा किए गए योगदान के लिए कुल एग्जम्प्शन, संयुक्त रूप से ₹7.5 लाख प्रति वर्ष है.
उदाहरण: अगर आपका मंथली बेसिक + DA ₹1 लाख है और आपका नियोक्ता NPS में ₹14,000 (14 फ़ीसदी) का योगदान देता है, तो ये पूरी रक़म टैक्स फ़्री है.
2. किराये पर दी गई प्रॉपर्टी के लिए होम लोन पर ब्याज पर डिडक्शन अभी भी लिया जा सकता है
अगर आपने किराये पर दी गई प्रॉपर्टी के लिए होम लोन लिया है, तो भी आप सेक्शन 24(बी) के तहत भुगतान किए गए ब्याज पर डिडक्शन का दावा कर सकते हैं.
- किराए पर दी गई प्रॉपर्टी पर चुकाए गए पूरे होम लोन के ब्याज को उस प्रॉपर्टी की किराये की आय से घटाया जा सकता है.
- हालांकि, यदि चुकाया गया ब्याज किराये की आय से ज़्यादा है, तो इसके चलते हुए नुक़सान को नई कर व्यवस्था के तहत किसी अन्य आय (जैसे वेतन या बिज़नस इनकम) के विरुद्ध समायोजित नहीं किया जा सकता है.
- साथ ही, किसी भी असमायोजित नुक़सान को भविष्य के वर्षों में आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है.
उदाहरण: अगर आप किराए पर दी गई प्रॉपर्टी के लिए होम लोन पर सालाना ₹3 लाख ब्याज दे रहे हैं और ₹5 लाख किराया कमा रहे हैं, तो आप ₹3 लाख के डिडक्शन का दावा कर सकते हैं. किराए से केवल ₹2 लाख ही टैक्सेबल होंगे.
ये भी पढ़िए- पैसा कहां निवेश करें? आपकी ज़रूरत के मुताबिक़ सबसे बेहतर निवेश
3. त्यागपत्र या सेवानिवृत्ति पर लीव इनकैशमेंट और ग्रेच्युटी टैक्स फ़्री रहेगी
अगर आपके पास इस्तीफे या सेवानिवृत्ति के समय अप्रयुक्त अवकाश है, तो आप एक सीमा तक बिना टैक्स चुकाए इसे भुना सकते हैं. इसी तरह, इम्प्लॉयर से प्राप्त ग्रेच्युटी भुगतान भी कुछ शर्तों के तहत टैक्स फ़्री है.
- लीव इनकैशमेंट:
- सरकारी कर्मचारियों के लिए: पूरी तरह से टैक्स फ़्री.
- गैर-सरकारी कर्मचारियों के लिए: ₹25 लाख तक की राशि टैक्स फ़्री.
- ग्रेच्युटी: अगर आपने कम से कम पांच वर्ष तक काम किया है, तो त्यागपत्र या सेवानिवृत्ति पर प्राप्त ग्रेच्युटी ₹20 लाख तक टैक्स फ़्री है.
उदाहरण: यदि आपको त्यागपत्र या सेवानिवृत्ति पर ग्रेच्युटी के रूप में ₹15 लाख मिलते हैं, तो आपको इस पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.
4. ₹75,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन स्वतः लागू होता है
नई कर व्यवस्था के तहत सभी सैलरीड कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को उनकी टैक्सेबल इनकम से ₹75,000 के एकमुश्त डिडक्शन का फ़ायदा मिलता है.
- अन्य डिडक्शंस के विपरीत, आपको इसका क्लेम करने के लिए निवेश करने या कोई सबूत देने की ज़रूरत नहीं है.
- टैक्सेबल इनकम की कैलकुलेशन करते समय ये ऑटोमैटिक तरीक़े से लागू हो जाता है.
उदाहरण: अगर आपकी कुल टैक्सेबल सैलरी ₹15 लाख है, तो ₹75,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन इसे घटाकर ₹14.25 लाख कर देती है, जिससे आपकी टैक्स की देनदारी कम हो जाती है.
5. कुछ गिफ्ट टैक्स-फ़्री रहते हैं, जिनमें वेडिंग गिफ़्टी भी शामिल हैं
नई कर व्यवस्था के तहत, सभी उपहारों पर टैक्स नहीं लगता. कुछ गिफ्ट पर पूरी तरह छूट होती है, जिससे आप बिना टैक्स के पैसे या एसेट प्राप्त कर सकते हैं.
- क़रीबी रिश्तेदारों (माता-पिता, जीवनसाथी, भाई-बहन, बच्चे) से मिले गिफ्ट हमेशा टैक्स फ़्री होते हैं, चाहे उनकी राशि कितनी भी हो.
- रिश्तेदारों से इतर मिले गिफ्ट टैक्स फ़्री होते हैं, जो प्रति वर्ष ₹50,000 तक होते हैं. इससे ज़्यादा रक़म 'अन्य स्रोतों से इनकम' के रूप में टैक्सेबल होती है.
- वेडिंग गिफ्ट पूरी तरह से टैक्स फ़्री होते हैं, चाहे उनकी राशि कितनी भी हो या उन्हें कौन दे रहा हो.
उदाहरण: अगर आपको किसी मित्र से ₹75,000 का गिफ़्ट मिलता है, तो केवल ₹25,000 पर ही टैक्स लगेगा. लेकिन अगर यही गिफ़्ट शादी के वेडिंग गिफ़्ट के रूप में मिला है, तो पूरी रक़म टैक्स फ़्री है.
ये भी पढ़िए- क्या एग्ज़िट लोड सिर्फ़ मुनाफे़ पर लगता है या पूरे निवेश पर?
यह लेख मूल रूप से फ़रवरी 13, 2025 को पब्लिश हुआ था.