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मैं अपने स्टॉक्स और म्यूचुअल फ़ंड्स को बेचकर बेंगलुरु नॉर्थ में एक फ़्लैट ख़रीदने का सोच रहा हूं. क्या अगले 5 साल के नज़रिए से ये सही फै़सला होगा? मुझे अपने निवेश को बनाए रखना चाहिए या 5 साल बाद फ़्लैट ख़रीदना चाहिए? कौन सा विकल्प बेहतर रिटर्न देगा? और अगर फ़्लैट किराए पर देने के लिए ख़रीदा जाए तो सही रहेगा? - शंकर कृष्णमूर्ति
किसी को भी इसकी तुलना करते समय इसे बहुत ही निष्पक्ष रूप से देखना चाहिए. क्योंकि जिस फ़्लैट को ख़रीदने का प्लान बना रहे हैं, उससे फ़ायदे की गुंजाइश कितनी है? दूसरा ये है कि इससे किराये की इनकम कितनी होगी? फ़्लैट ख़रीदने का फै़सला आसान नहीं है, ख़ासकर तब, जब इसका मक़सद ख़ुद उसमें रहना नहीं, बल्कि किराये पर देना हो. सबसे पहले ये देखना होगा कि आप जिस फ़्लैट को ख़रीदने की सोच रहे हैं, उसकी क़ीमत में अगले कुछ साल में बढ़ोतरी होने की कितनी संभावना है. क्या वोलोकेशन ऐसी है, जो आने वाले समय में डेवलप होगी और फ़्लैट की क़ीमत बढ़ाएगी.
साथ ही, आपको ये भी कैलकुलेट करना होगा कि उस फ़्लैट से आपको कितना किराया मिलेगा. आमतौर पर, अगर फ़्लैट से 4-6% का सालाना किराये की यील्ड मिलती है, तो ये एक अच्छा सौदा हो सकता है. किराया उस फ़्लैट की कुल क़ीमत के रेशियो में होना चाहिए. ताकि, ये आपके निवेश को सही ठहरा सके.
लेकिन तस्वीर का दूसरा पहलू देखें तो म्यूचुअल फ़ंड्स आपको बिना किसी झंझट के निवेश करने का विकल्प देते हैं. आप यहां लगातार अपने पैसे को बढ़ते हुए देख सकते हैं, और सबसे बड़ी बात, आपको टैक्स तब तक नहीं देना पड़ता, जब तक आप अपना निवेश रिडीम नहीं करते. इसके अलावा, म्यूचुअल फ़ंड्स में आपका निवेश फै़ला हुआ होता है, जिससे आपका रिस्क कम हो जाता है.
अब सवाल ये है कि क्या फ़्लैट ख़रीदने का विचार वाक़ई बेहतर विकल्प है. ये निर्णय इतना सीधा नहीं है. फ़्लैट ख़रीदने में कई मुश्किलें जुड़ी होती हैं. आपको सिर्फ़ उसकी क़ीमत और किराये की इनकम पर विचार नहीं करना है, बल्कि ये भी सोचना है कि इसे बेचने में कितना समय और मेहनत लगेगी. इसके अलावा, आपके सारे पैसे एक ही एसेट में बंध जाएंगे, जिसे निवेश की भाषा में ‘कंसंट्रेशन रिस्क’ कहते हैं.
हालांकि, अगर आप ख़ुद किराये के घर में रह रहे हैं और अपने लिए घर ख़रीदने की सोच रहे हैं, तो मामला बिल्कुल अलग है. अपने रहने के लिए घर ख़रीदने का फै़सला न केवल सही होता है, बल्कि ये मानसिक शांति भी देता है. भले ही इससे मिलने वाला रिटर्न थोड़ा कम हो, अपने घर का सुकून किसी भी निवेश से ज़्यादा मायने रखता है.
लेकिन सिर्फ़ किराये के लिए फ़्लैट ख़रीदने का विचार थोड़ा पेचीदा है. अगर आपको फ़्लैट की क़ीमत बहुत सस्ती में मिल रही हो और किराये की अच्छी गारंटी हो, तो विचार किया जा सकता है. लेकिन अगर सौदा मामुली है, तो म्यूचुअल फ़ंड्स की सरलता और बेहतर रिटर्न का विकल्प कहीं ज़्यादा मज़बूत है.
आख़िरी बात!
फै़सला लेने से पहले आपको सभी पहलुओं पर विचार करना होगा. रियल एस्टेट के पेचीदा निवेश और म्यूचुअल फ़ंड्स की सरलता के बीच चुनाव करते वक्त ये देखना होगा कि कौन सा विकल्प आपके फ़ाइनेंशियल प्लान और रिस्क उठाने की क्षमता के अनुकूल है. जब तक आप अपने रहने के लिए घर नहीं ख़रीद रहे, म्यूचुअल फ़ंड्स जैसा आसान और लचीला विकल्प ज़्यादा आसान और फ़ायदेमंद हो सकता है.
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यह लेख मूल रूप से फ़रवरी 13, 2025 को पब्लिश हुआ था.