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एक सुबह कॉफ़ी पीते समय तब मेरी सांस अटक सी गई, जब मैंने अंजू से सुना, “उसकी सेविंग्स एक करोड़ से ज़्यादा हो गई.” मेरी जूनियर अंजू ने सुबह के समय ये बताकर एक धमाका कर दिया.
मैं अंजू को कई साल से जानती हूं. वो इस समय 40 साल की है और एक साधारण सी ज़िंदगी जीती है, उसके पास मारुति की वैगन-आर है, घर से टिफ़िन लाती है और कभी बेवजह ख़र्च नहीं करती. फिर भी, वो करोड़पति बन गई, जबकि हमारे सीनियर मैनेजर रूपम, 55 की उम्र में भी रिटायरमेंट सेविंग्स को लेकर परेशान हैं.
कम सैलरी, फिर भी करोड़पति! इसका सीक्रेट जानिए
मैंने बेझिझक पूछ लिया "कैसे?"
अंजू मुस्कुराई. उसने अपनी ग्रीन-टी बनाते हुए बताया, "मेरी शुरुआती सैलरी ज़्यादा नहीं थी. मैं 22 की उम्र में किराए के छोटे से घर में रहती थी और मैंने माता-पिता को पैसों के लिए संघर्ष करते देखा था. मैंने तभी तय कर लिया था कि मुझे वो ज़िंदगी नहीं जीनी है."
उसने हर महीने सिर्फ़ ₹8,000 निवेश के साथ शुरुआत की थी. उसने बताया, "मेरे दोस्त मुझसे कहते थे, ‘थोड़ा जी भी लिया कर.’ लेकिन मैं घर में पैसों की तंगी को नहीं भूल पाई थी."
लेकिन बात सिर्फ़ इतनी नहीं थी. हर साल जब उसकी सैलरी बढ़ती तो उसने अपनी SIP में 10% का इज़ाफ़ा किया. उसने कहा, "ये मेरी ख़ुद से एक सालाना चुनौती थी. कुछ साल मुश्क़िल रहे, ख़ासकर जब MBA के लिए पैसे देने पड़ते थे. लेकिन मैंने हार नहीं मानी."
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देरी की क़ीमत
हफ़्ते के अंत में, मैंने अपने मैनेजर रूपम से बातचीत की. उनकी कहानी बिल्कुल अलग थी.
उन्होंने सलाद खाते हुए लंबी सांस ली और कहा, "तुम जानती हो ये कैसे हुआ. पहले बच्चों की पढ़ाई, फिर माता-पिता के मेडिकल ख़र्च. मैंने हमेशा सोचा कि प्रमोशन मिलने के बाद निवेश शुरू करूंगी."
और यही हुआ. उन्होंने 43 की उम्र में हर महीने ₹25,000 निवेश करना शुरू किया - अंजू की तुलना में तीन गुना ज़्यादा! लेकिन उन्होंने अपनी SIP कभी नहीं बढ़ाई.
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गणित का खेल
हालांकि, नतीजे हैरान करने वाले थे. अंजू ने ₹8,000 से शुरुआत की और अपनी SIP को बढ़ाते-बढ़ातेअब ₹44,479 प्रति माह निवेश कर रही है. नतीजा? उसका कुल पोर्टफ़ोलियो ₹1.15 करोड़ का हो गया है, जो रूपम के ₹80 लाख से ₹35 लाख ज़्यादा है, जबकि रूपम की सैलरी ज़्यादा थी.
ये अंतर बढ़ता ही जाएगा…
अगर दोनों 12% सालाना रिटर्न के साथ निवेश जारी रखते हैं, तो 60 की उम्र में अंजू की संपत्ति ₹21 करोड़ तक पहुंच सकती है, जबकि रूपम की सिर्फ़ ₹1.6 करोड़. जल्दी शुरुआत ने अंजू को रिटायरमेंट तक रूपम से 13 गुना ज़्यादा अमीर बना दिया.
कैसे बढ़ती गई वेल्थ
अंजू ने कैसे आगे बढ़ना शुरू किया? हर साल निवेश बढ़ाने की रणनीति के साथ उसे कंपाउंडिंग का फ़ायदा मिला. जब आप लंबे समय तक निवेश बनाए रखते हैं, तो आप सिर्फ़ अपने निवेश पर ही रिटर्न नहीं कमाते; आप अपने रिटर्न पर रिटर्न कमाते हैं. लेकिन अंजू इसे और भी सरल शब्दों में कहती हैं: "ये आम का पेड़ लगाने जैसा है. जितनी जल्दी आप इसे लगाएंगे, उतनी जल्दी आपको आम मिलेंगे. और एक बार जब आपको आम मिल जाए, तो आप उसके बीज भी लगा सकते हैं."
अंजू और रूपम की ये कहानी हमें दो महत्वपूर्ण सबक़ सिखाती है:
समझने वाली दो बातें
- समय की ताक़त - छोटी रक़म से जल्दी शुरुआत करना, बड़ी रक़म से देरी से शुरू करने से कहीं बेहतर है.
- निवेश बढ़ाने की अहमियत- हर साल निवेश में थोड़ी सी बढ़ोतरी आपके निवेश को कई गुना तक बढ़ा सकती है.
आज सुबह मैंने अपनी SIP में फिर 10% की बढ़ोतरी की. छोटे क़दम ही बड़े बदलाव लाते हैं. आख़िर, आम का पेड़ लगाने का सबसे सही समय बीत चुका. दूसरा सबसे अच्छा समय? आप जानते हैं - SIP को अपनी आदत बना लें, तो आप अपने भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित बना सकते हैं. छोटी बचत समय के साथ मिलकर बड़ा पैसा बना सकती हैं. इसलिए आज ही शुरुआत करें और SIP को अपनी वित्तीय योजना का एक ख़ास हिस्सा बनाएं.
अभी आजमाएं और अपने निवेश के सफ़र की शुरुआत करें - छोटी बचत से बड़े सपनों तक!
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यह लेख मूल रूप से फ़रवरी 06, 2025 को पब्लिश हुआ था.