क्या आप इस बात से निराश हैं कि ₹12 लाख तक की टैक्सेबल इनकम वाले लोग (₹75,000 की मानक कटौती के बाद) ज़ीरो टैक्स का भुगतान करते हैं, लेकिन आपको सिर्फ़ इसलिए भारी टैक्स चुकाना पड़ता है क्योंकि आप थोड़ा ज़्यादा कमाते हैं?
चिंता न करें - यहां कुछ राहत ( Marginal Relief ) की बात है कि आपको सिर्फ़ इसलिए ज़्यादा टैक्स का भुगतान नहीं करना होगा क्योंकि आपकी आय ₹12 लाख से थोड़ी ज़्यादा है.
₹12 लाख इनकम पर क्या होगा?
केंद्रीय बजट 2025-26 ने धारा 87A की छूट को बढ़ाकर ₹60,000 कर दिया है, जिससे नई कर व्यवस्था के तहत ₹12 लाख तक की टैक्सेबल इनकम पूरी तरह से टैक्स फ़्री हो गई है. हालांकि, अगर आपकी टैक्सेबल इनकम ₹12 लाख से ज़्यादा हो जाती है - भले ही थोड़ी सी रक़म से - तो आप इस छूट को पूरी तरह से खो देते हैं, जिससे टैक्सेबल इनकम में ख़ासी बढ़ोतरी होती है.
यहीं आपके लिए कुछ राहत की बात है. इससे सुनिश्चित होता है कि अगर आपकी इनकम ₹12 लाख से कुछ ज़्यादा है, तो आपका टैक्स बहुत ज़्यादा नहीं बढ़ेगा.
ये राहत कैसे काम करती है?
ये राहत उन लोगों को अनुचित टैक्स के बोझ से बचाती है जिनकी आय ₹12 लाख से थोड़ी ज़्यादा है.
आइए देखें कि ये राहत कैसे बचाव कर सकती है?
केस 1: राहत के बिना (इनकम: ₹12.05 लाख)
मान लीजिए कि आपकी टैक्सेबल इनकम (₹75,000 के स्टैंडर्ड डिडक्शन के बाद) ₹12.05 लाख है. ऐसे में, आपके ऊपर टैक्स से जुड़ी देनदारी ₹60,750 होगी, जैसा कि आप नीचे देख सकते हैं.
इनकम स्लैब (₹) | टैक्स रेट | टैक्स की रक़म (₹) |
---|---|---|
0 – 4,00,000 | 0% | 0 |
4,00,001 – 8,00,000 | 5% | 20000 |
8,00,001 – 12,00,000 | 10% | 40000 |
12,00,001 – 12,05,000 | 15% | 750 |
बिना Marginal Relief के कुल टैक्स: | 60,750 | |
(इनकम ₹12 लाख से ज़्यादा होते ही कोई रिबेट नहीं) |
क्या कर व्यवस्थाओं (tax regimes) के बारे में उलझन में हैं? हमारा टैक्स कैलकुलेटर आंकड़ों पर ग़ौर करता है, ताकि आप अपनी जेब में ज़्यादा पैसे रख सकें. पुरानी बनाम नई कर व्यवस्था की तुरंत तुलना करें और अपनी बचत के लिए बेहतर विकल्प चुनें.
केस 2: मामूली राहत के साथ
- आपकी इनकम ₹12 लाख से ₹5,000 ज़्यादा है.
- ये राहत सुनिश्चित करती है कि आपकी कुल टैक्स की देनदारी ₹5,000 (₹12 लाख से ऊपर अतिरिक्त रक़म) से ज़्यादा न हो.
- टैक्स की देनदारी= ₹60,750 के बजाय ₹5,000.
Margin Relief फ़ायदेमंद हैः टैक्स टेबल पर एक नज़र
स्टैंडर्ड डिडक्शन के बाद टैक्सेबल इनकम (₹) | Marginal Relief के बिना टैक्स (₹) | Marginal Relief के साथ टैक्स (₹) | सेविंग्स (₹) |
---|---|---|---|
12,01,000 | 60,150 | 1,000 | 59,150 |
12,03,000 | 60,450 | 3,000 | 57,450 |
12,05,000 | 60,750 | 5,000 | 55,750 |
12,10,000 | 61,500 | 10,000 | 51,500 |
12,15,000 | 62,250 | 15,000 | 47,250 |
12,25,000 | 63,750 | 25,000 | 38,750 |
12,50,000 | 67,500 | 50,000 | 17,500 |
12,60,000 | 69,000 | 60,000 | 9,000 |
12,70,000 | 70,500 | 70,000 | 500 |
जैसा कि ऊपर बताया गया है, ये राहत केवल ₹12 लाख से कुछ ज़्यादा इनकम वालों के लिए लागू होती है, जिससे ये सुनिश्चित होता है कि उन्हें केवल अतिरिक्त आय पर ही टैक्स देना होगा और वे ज़्यादा टैक्स देने से बच सकेंगे.
आखिरी बात
अगर आपकी सैलरी ₹12 लाख से कुछ ज़्यादा है, तो ये राहत सुनिश्चित करती है कि आप ज़्यादा टैक्स न चुकाएं. हालांकि ये अवधारणा नई नहीं है, लेकिन कई टैक्सपेयर्स को शायद ये पता न हो कि ये उनके लिए कैसे काम करती है. इसलिए, अगली बार जब आपकी सैलरी में मामूली बढ़ोतरी हो और आपकी सैलरी ₹12 लाख से कुछ ज़्यादा हो, तो आप राहत की सांस ले सकते हैं. मामूली राहत आपकी मदद के लिए है!
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ये लेख पहली बार फ़रवरी 07, 2025 को पब्लिश हुआ.