AI-generated image
कामयाबी की चाहत रखने वाला कोई भी बिज़नस अक्सर एक पहले से अनुमानित योजना का पालन करता है, जिसमें पूंजी जुटाना, खर्च बढ़ाना और तेज़ी से विस्तार करना शामिल है. हालांकि, डॉ. अरोकियास्वामी वेलुमणि ने एक अलग रणनीति अपनाई. तमिलनाडु में एक साधारण परिवार में जन्मे वेलुमणि एक रिसर्च से जुड़ी सरकारी नौकरी से आगे बढ़ते हुए थायरोकेयर के संस्थापक बने, जो एक दिग्गज डायग्नोस्टिक्स कंपनी है जिसने उद्योग में बदलाव किया, लेकिन उसने फ़ंड जुटाकर नहीं, बल्कि कम ख़र्च करके ऐसा किया है.
लागत में लगातार कटौती, तकनीकी के लिहाज़ से बेहतर दांव और किफ़ायत पर जोर के कारण थायरोकेयर ने फ़ाइनेंशियल ईयर 08 से फ़ाइनेंशियल ईयर 21 तक सालाना 20 फ़ीसदी की ग्रोथ की, जिसमें 36 फ़ीसदी का औसत ऑपरेटिंग मार्जिन था और ये सब बिना क़र्ज़ लिए किया गया है.
वेलुमणि की रणनीति एक ऐसे बिज़नस के निर्माण में एक मास्टरक्लास जैसी है जो वित्तीय अनुशासन पर पनपती है. एक लेक्चर में, उन्होंने बताया कि थायरोकेयर को बनाने में जो किया गया, वो एक समय में लिया गया एक किफ़ायती फैसला था. हम नीचे उनकी बातों का विश्लेषण कर रहे हैं:
किफ़ायत: सफलता का गुप्त हथियार
वेलुमणि कहते हैं, "सफलता इस बारे में नहीं है कि आप कितना पैसा कमाते हैं; यह इस बारे में है कि आप कितने कम पैसे में अपना गुजारा कर सकते हैं." उनके लिए, किफ़ायत सिर्फ़ एक रणनीति नहीं है, बल्कि एक टिकाऊ बिज़नस का आधार है.
हायरिंग पर भारी भरकम ख़र्च करने वाले ज़्यादातर बिज़नसेज के विपरीत, थायरोकेयर ने इम्प्लॉयी कॉस्ट को रेवेन्यू की तुलना में सिर्फ़ 11 फ़ीसदी पर सीमित रखा, जबकि इंडस्ट्री का एवरेज 25 फ़ीसदी है. वेलुमणि ने फ्रेशर्स यानि नए लोगों को काम पर रखकर ऐसा किया. पिछले कुछ वर्षों में, उन्होंने 25,000 से ज़्यादा नए लोगों को काम पर रखा.
उनकी हायरिंग से जुड़ी नीति ने न सिर्फ़ कॉस्ट बचाई, बल्कि उन्हें वफ़ादारी का भी फ़ायदा मिला. "जब आप किसी ऐसे व्यक्ति को काम पर रखते हैं जो अनुभवहीन है, लेकिन सीखने के लिए तैयार है, तो वे कंपनी के साथ बढ़ते हैं और लंबे समय तक आपके साथ रहते हैं."
वेलुमणि के लिए, प्राइसिंग की तुलना में कॉस्ट मैनेजमेंट ज़्यादा महत्वपूर्ण है. वो चेतावनी देते हैं, "कंपनियां इसलिए बंद नहीं होतीं क्योंकि वे प्राइस कम रखती हैं; वे इसलिए बंद होती हैं क्योंकि वे कॉस्ट्स को कंट्रोल नहीं कर पातीं." साथ ही उन्होंने कहा कि प्रीमियम प्रोडक्ट्स वाले बिज़नस भी अनियंत्रित ख़र्चों के कारण विफल हो जाते हैं.
उनकी बात का मुख्य निष्कर्ष है- कॉस्ट कोलेस्ट्रॉल की तरह होती है, उन्हें कम रखें, और आप स्वस्थ रहेंगे.
ये भी पढ़िए- CDSL: इस स्मॉल कैप स्टॉक ने 5 साल में 9 गुनी की रक़म, अब क्या करें निवेशक?
दक्षता को बढ़ाने की तकनीक
वेलुमणि की रणनीति सिर्फ़ कॉस्ट कम करने तक सीमित नहीं थी, बल्कि ये तकनीक के ज़रिए हर रुपये का बेहतर इस्तेमाल करने के बारे में भी थी.
वे कहते हैं, "हमने एक ऐसी लैब बनाई जो एक दिन में 1,00,000 सैम्पल्स को प्रोसेस कर सकती थी, जबकि उसकी जैसी दूसरी कंपनियों की लैब सिर्फ़ 200 ही कर पाते थीं. लेकिन कैसे? ऐसा तकनीक के सहारे संभव हुआ." सेंट्रलाइज़, स्वचालित मॉडल के चलते थायरोकेयर के लिए न्यूनतम लागत पर बड़ी मात्रा में काम करना संभव हुआ. वे कहते हैं, "जो मशीनें खड़ी रहती हैं वे देनदारियां हैं; जो मशीनें चलती रही हैं वो ही एसेट हैं."
ऑटोमेशन का फ़ायदा उठाकर, उन्होंने कॉस्ट कम की और वॉल्यूम बढ़ने के बावजूद ख़र्चों को लगभग स्थिर रखा. इससे उन्हें मुनाफ़ा बनाए रखते हुए टेस्ट्स की क़ीमतें बाज़ार से आधी रखने में मदद मिली. उनके कॉम्पीटिटर प्राइसिंग के मामले में उनकी बराबरी नहीं कर सके, क्योंकि उनकी कॉस्ट ज़्यादा थी.
अपने कॉम्पीटिटर्स की स्वचालित तकनीक हासिल करके बिज़नस को और आगे बढ़ाया गया. उसके लिए डिस्ट्रीब्यूटर्स को ऊंचे मार्जिन देना संभव हुआ. उन्होंने कहा, "जब आपके डिस्ट्रीब्यूटर अच्छी कमाई करते हैं, तो दिग्गज कंपनियों के साथ कॉम्पीटिशन में आपको बढ़त हासिल होगी."
कॉस्ट के लिहाज़ से मज़बूत स्थिति में आने से उनको मार्केटिंग में भी फ़ायदा मिला. उन्होंने कहा, "हमारी दक्षता और प्राइसिंग प्रतिस्पर्धियों और डिस्ट्रीब्यूटर्स के बीच चर्चा का विषय बन गईं. विज्ञापन पर एक भी रुपया ख़र्च किए बिना, मुंह-ज़बानी प्रचार हमारा सबसे प्रभावी मार्केटिंग टूल बन गया."
ये भी पढ़िए- एंजल वन का शेयर हुआ सस्ता, क्या ये निवेश का मौक़ा है?
बिना क़र्ज़ के विस्तार
वेलुमणि का ग्रोथ के प्रति क़र्ज़-मुक्त दृष्टिकोण सबसे उल्लेखनीय है.
उन्होंने बताया, "मैंने कभी भी पैसे उधार नहीं लिए, एक बार भी नहीं." इसके बजाय, उन्होंने समय के साथ पुनर्निवेश (रिइन्वेस्टमेंट) पर भरोसा किया. उन्होंने कहा, "रिइन्वेस्टमेंट के माध्यम से लगातार विस्तार ग्रोथ सबसे स्थायी तरीका है."
बाहरी फ़ंडिंग के बिना विस्तार करने की थायरोकेयर की क्षमता के चलते न केवल लागत कम रही, बल्कि उसने हाई नेटवर्थ वाले निवेशकों को भी आकर्षित किया. उन्होंने कहा, "जब आप आत्मनिर्भर होते हैं, तो आप न केवल बिज़नस बढ़ा रहे होते हैं, बल्कि आप विश्वसनीयता भी बना रहे होते हैं."
पूंजी को आकर्षित करने में अपने दम पर ग्रोथ की भूमिका को देखते हुए, वे कहते हैं: "यदि आप निवेशकों के पीछे भाग रहे हैं, तो आप पहले से ही ख़ुद को कम आंक रहे हैं. जब निवेशक आपके पास आते हैं, तो इसका मतलब है कि आपने अपनी योग्यता साबित कर दी है."
जिस काम में आप अच्छे हैं, उसमें महारत हासिल करें
थायरोकेयर के ग्रोथ के लक्ष्य के केंद्र में विशेषज्ञता एक और रणनीति थी. भले ही, कई बिज़नसेज बहुत जल्दी विविधता लाते हैं और अपनी बढ़त खो देते हैं, लेकिन वेलुमणि ने वही करना जारी रखा जो उन्हें अच्छी तरह आता था.
वे कहते हैं, "मैंने केवल बायोकेमिस्ट्री और वेलनेस डायग्नोस्टिक्स पर ध्यान केंद्रित किया. ये स्केलेबल, कुशल था और दीर्घकालिक ग्राहकों को सुनिश्चित करते हुए पुरानी स्थितियों को संबोधित करता था।"
वे उद्यमियों को अपनी ताकत पर दोगुना ज़ोर देने की सलाह देते हैं. उन्होंने कहा, "यदि आप मार्केटिंग में अच्छे हैं, तो मार्केटिंग पर ध्यान दें. यदि आप उत्पादन में विशेषज्ञता रखते हैं, तो उस पर ध्यान दें. विशेषज्ञता उत्कृष्टता की ओर ले जाती है."
वेलुमणि के सबक़
वेलुमणि की कहानी सिर्फ़ प्रेरणादायी ही नहीं बल्कि शिक्षाप्रद भी है. उनके सिद्धांत उन सभी लोगों के लिए बहुत ही अच्छे सबक़ हैं जो टिकाऊ बिज़नस खड़ा करना चाहते हैं. किफ़ायत, कॉस्ट मैनेजमेंट, फोकस और रिइन्वेस्टमेंट उनके दर्शन के स्तंभ हैं. उद्यमियों के लिए, उनकी स्पष्ट सलाह है: "अपनी कॉस्ट पर नियंत्रण रखें, अपनी ताकत पर ध्यान दें और धीरे-धीरे आगे बढ़ें. सफलता आपके पीछे आएगी."
निवेशकों के लिए, उनकी कहानी टिकाऊ तौर-तरीक़ों पर आधारित कंपनियों की पहचान करने की अहमियत को रेखांकित करती है. उन्होंने कहा, "एक कंपनी जो अपनी कॉस्ट्स को समझती है, क़र्ज़ से बचती है और मुनाफ़े को रिइन्वेस्ट करती है, वो सोने के बराबर मूल्यवान है."
आखिरी बात: ऐसे 10 स्टॉक खोजें जिनकी हर पोर्टफ़ोलियो को ज़रूरत होती है
चाहे आप हाई ग्रोथ का पीछा कर रहे हों या स्थिरता को प्राथमिकता दे रहे हों, हर पोर्टफ़ोलियो को एक मज़बूत आधार की ज़रूरत होती है.
हमारी ऑल-वेदर इन्वेस्टिंग रिपोर्ट यही बताती है - 10 स्टॉक जो तेज़ी के दौर में भी फलते-फूलते हैं और मंदी के दौर में भी स्थिर रहते हैं.
इसके भीतर क्या है?
- 10 ऑल-वेदर स्टॉक - किसी भी निवेशक के लिए एक वक्त की कसौटी पर खरा साबित हुआ आधार.
- एक स्टेप बाई स्टेप गाइड जो इन स्टॉक का इस्तेमाल करके एक लचीला पोर्टफ़ोलियो बनाने मददगार होगी.
क्यों अभी उठाएं कदम?
ये रिपोर्ट केवल वैल्यू रिसर्च स्टॉक एडवाइज़र के सब्सक्राइबर्स के लिए उपलब्ध है.
सीमित समय के लिए, सामान्य क़ीमत पर 47% छूट पर तीन साल का सब्सक्रिप्शन प्राप्त करें. ₹36,000 के बजाय अभी ₹18,990 में सब्सक्रिप्शन लें.
ये भी पढ़िए- 2025 को अपने निवेश का सबसे शानदार साल बनाएं!
यह लेख मूल रूप से फ़रवरी 06, 2025 को पब्लिश हुआ था.