एन.पी.एस.

₹50,000 की मासिक पेंशन के लिए कितना निवेश करना होगा?

NPS एक ऐसी योजना है जो रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा देती है

NPS: ₹50,000 की मासिक पेंशन के लिए कितना निवेश करें? नेशनल पेंशन स्कीम

भारत में कई लोग अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग को लेकर चिंतित रहते हैं. नौकरियां करने वाले ज़्यादातर लोग पेंशन योजना का चुनाव करने में असमंजस में रहते हैं. नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) एक ऐसी योजना है जो रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा देती है. तो सवाल ये है कि ₹ 50,000 की मासिक पेंशन पाने के लिए कितना निवेश जरूरी है? आइए विस्तार से जानते हैं.

नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) क्या है? (NPS kya hai?)

नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) भारत सरकार द्वारा 2004 में लॉन्च की गई एक रिटायरमेंट स्कीम है. ये पेंशन फ़ंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) द्वारा संचालित की जाती है. NPS में योगदान करने वाले निवेशक को रिटायरमेंट के बाद तयशुदा राशि मिलती है. ये योजना सुरक्षित, पारदर्शी और कम ख़र्चीली मानी जाती है.

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) सभी भारतीय नागरिकों को पेंशन का फ़ायदा देने की सरकारी पहल है. ये एक फ़िक्स्ड कंट्रीब्यूशन स्कीम है, जहां कोई व्यक्ति नियमित रूप से एक निश्चित अवधि में थोड़ी सी धनराशि जुटाकर रिटायरमेंट के लिए एक कॉर्पस जमा कर सकता है. रिटायरमेंट पर, सिस्टमैटिक लंपसम विड्रॉल (SLW) सुविधा के ज़रिए 60 फ़ीसदी धनराशि एकमुश्त या चरणबद्ध तरीक़े से निकालने की अनुमति है. बाकी रक़म का भुगतान पेंशन एन्युटी के रूप में किया जाता है जो अनिवार्य है.

NPS को पेंशन फ़ंड रेग्युलेटरी और डवलपमेंट अथॉरटी (PFRDA) द्वारा रेग्युलेट किया जाता है और ये केंद्र सरकार और कुछ राज्य सरकारों के कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है. इसके तीन अलग-अलग तरह के अकाउंट होते हैं:

टियर I: यह NPS का सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला संस्करण है और जो कोई भी NPS में शामिल होना चाहता है, उसके लिए ये एक अनिवार्य खाता है. इसमें एग्ज़िट पर प्रतिबंध है और ये टैक्स बेनेफ़िट के साथ आती है.

टियर II रेगुलर: ये एक स्वैच्छिक-बचत खाता है, जिससे कभी भी पैसे निकाले जा सकते हैं. इसका कोई टैक्स बेनेफ़िट नहीं है.

टियर II TTS: इसमें टैक्स बेनेफ़िट मिलता है और तीन साल के लॉक-इन के बाद एग्ज़िट की अनुमति मिलती है. ये योजना केवल केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए उपलब्ध है.
60 साल की उम्र पूरी होने पर, 60 फ़ीसदी तक धनराशि एकमुश्त निकाली जा सकती है, जो टैक्स-फ़्री होती है. बाक़ी 40 फ़ीसदी धनराशि से एन्युटी प्लान ख़रीदना अनिवार्य है. हालांकि, निवेशक मेच्योरिटी को स्थगित कर सकता है और 75 साल की उम्र तक निवेश जारी रख सकता है.

एक मामूली फ़ीस के बदले में पैसे का प्रबंधन चुने हुए पेंशन फ़ंड मैनेजर द्वारा किया जाता है.

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NPS में रिटर्न कितना होता है? (NPS me return kitna hota hai?)

NPS से मिलने वाला रिटर्न बाज़ार से जुड़ा होता है और ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस फ़ंड में निवेश करते हैं. NPS इक्विटी (E), कॉर्पोरेट ऋण (C), सरकारी प्रतिभूतियों (G) और वैकल्पिक निवेश योजनाओं (A) में अलग-अलग एक्सपोज़र के साथ अलग-अलग फ़ंड की पेशकश करता है.

इन एसेट्स क्लास में, इक्विटी में सबसे अधिक जोख़िम (और अधिकतम रिटर्न की संभावना) और सरकारी प्रतिभूतियों में सबसे कम जोख़िम होता है. निम्नलिखित निवेश विकल्प उपलब्ध हैं:

एक्टिव-च्वाइस निवेश: निवेशक अपनी पसंद के अनुसार E, C और G विकल्पों को मिला सकते हैं. वैकल्पिक निवेश में अधिकतम 5 फ़ीसदी एलोकेशन हो सकता है. इक्विटी के लिए ये 75 फ़ीसदी हो सकता है.

ऑटो-च्वाइस निवेश: यहां निवेश का एलोकेशन निवेशक की उम्र के आधार पर किया जाता है. इस योजना के डिफ़ॉल्ट वर्जन (मीडियम लाइफ़ साइकल फ़ंड) में, इक्विटी पोरेशन 35 साल की उम्र तक 50 फ़ीसदी है, जिसके बाद ये प्रति साल 2 फ़ीसदी कम हो जाता है जब तक कि ये 55 साल की उम्र तक 10 फ़ीसदी न हो जाए. कॉर्पोरेट डेट पोर्शन में 35 साल की उम्र तक 30 फ़ीसदी, जिसके बाद ये प्रति साल 1 फ़ीसदी कम हो जाता है जब तक कि 55 साल की उम्र तक ये 10 फ़ीसदी न हो जाए.

ऑटो-चॉइस के भीतर अन्य विकल्पों में एग्रेसिव और कंज़रवेटिव लाइफ़ साइकल फ़ंड हैं, जो क्रमशः 75 फ़ीसदी और 25 फ़ीसदी के इक्विटी एलोकेशन के साथ शुरू होते हैं. NPS सब्सक्राइबर की उम्र बढ़ने के साथ ये कम हो जाते हैं.

NPS में टैक्स पर क्या असर होता है?

एक फ़ाइनेंशियल ईयर में ₹1.5 लाख (सेक्शन 80CCD के तहत) और ₹50,000 (सेक्शन 80CCD (1B) के तहत) तक के निवेश पर टैक्स डिडक्शन का फ़ायदा उठाया जा सकता है. समय पूरा होने पर मिलने वाली 60 फ़ीसदी रक़म टैक्स-फ़्री होती है. शेष 40 फ़ीसदी से एन्युटी प्लान ख़रीदना अनिवार्य है. एन्युटी योजना से मिलने वाली पेंशन को आय में जोड़ा जाता है और लागू स्लैब के अनुसार कर लगाया जाता है.

टियर-II रेग्युलर अकाउंट में निवेश टैक्स बेनेफ़िट के लिए पात्र नहीं है. इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि टियर-II खाते में निवेश से होने वाले फ़ायदे पर कैसे टैक्स लगाया जाता है. हालांकि, यदि निवेश तीन साल के भीतर बेचा जाता है, तो अधिकांश टैक्स एक्सपर्ट इसे टैक्स वाली आमदनी में जोड़ना पसंद करते हैं. वरना, अगर निवेश तीन साल के बाद बेचा जाता है, तो इंडेक्सेशन का बेनेफ़िट देने के बाद फ़ायदे पर 20 फ़ीसदी टैक्स लगाया जाता है.

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NPS में लॉक-इन पीरियड कितना है?

टियर I: अगर आप 60 साल की उम्र से पहले बाहर निकलना चाहते हैं, तो आपको एन्युटी ख़रीदने के लिए 80 फ़ीसदी राशि का इस्तेमाल करना होगा. आप अपने कॉर्पस का 20 फ़ीसदी निकाल सकते हैं, लेकिन इस पर आपके आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स लगाया जाएगा. 60 साल की उम्र में रिटायर होने वालों के लिए NPS से 60 फ़ीसदी विड्रॉल टैक्स फ़्री है. आपको एन्युटी ख़रीदने के लिए बाक़ी राशि का इस्तेमाल करना होगा. हालांकि, अगर कुल राशि ₹5 लाख से ज़्यादा नहीं है, तो पूरी राशि एन्युटी ख़रीदने की आवश्यकता के बिना एकमुश्त राशि के रूप में निकाली जा सकती है.

योजना में तीन साल रहने के बाद, आप निर्धारित ख़र्चों के लिए कंट्रीब्यूशन का 25 फ़ीसदी तक निकाल सकते हैं. इन ख़र्चों में बच्चों की उच्च शिक्षा या शादी, पहले घर का निर्माण या ख़रीद और स्वयं, पति या पत्नी, बच्चों या आश्रित माता-पिता के लिए गंभीर बीमारी का इलाज शामिल हैं. नियमों में 13 गंभीर बीमारियों को परिभाषित किया गया है और इस सुविधा को दुर्घटनाओं या अन्य जानलेवा बीमारियों तक बढ़ा दिया गया है.

ध्यान देने वाली बात यह है कि 25 फ़ीसदी की सीमा की गणना कंट्रीब्यूट की गई राशि पर की जाएगी, न कि खाते की शेष राशि पर. मान लीजिए कि आपने 10 सालों तक प्रति माह ₹5,000 का कंट्रीब्यूशन किया है, तो आप ₹1.50 लाख यानी ₹6 लाख का 25 फ़ीसदी निकालने के पात्र होंगे. आप टेन्योर के दौरान अधिकतम तीन विड्रॉल कर सकते हैं.

टियर II रेगुलर: इस स्वैच्छिक खाते में, आप जब चाहें अपनी बचत निकालने के लिए स्वतंत्र हैं. जमा और धन निकालने की कोई सीमा नहीं है.

टियर II TTS : आप तीन साल की लॉक-इन अवधि के बाद बिना किसी सीमा के अपना पैसा निकाल सकते हैं.

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₹50,000 की मासिक पेंशन के लिए कितनी राशि निवेश करें?

NPS के माध्यम से ₹50,000 की मासिक पेंशन हासिल करने के लिए, आपको रिटायर होने तक एक बड़ी रक़म जमा करनी होगी. एक निश्चित रक़म जमा करना कई फ़ैक्टर्स पर निर्भर करता है, जिसमें रिटायरमेंट के समय एन्युटी दरें, एन्युटी ख़रीदने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली आपकी रक़म का हिस्सा और जीवन प्रत्याशा (life expectancy) शामिल है. हालांकि, एक सामान्य रेशियो से पता चलता है कि पेंशन के इस गोल को हासिल करने के लिए आपको ₹2.5 करोड़ से ₹3 करोड़ तक की रक़म की ज़रूरत होगी.

ऐसे करें प्लानिंग...

उम्र निवेश की अवधि मासिक योगदान अनुमानित मंथली पेंशन कुल योगदान भविष्य में वैल्यू (अनुमानित)
25 35 साल ₹6,550 ₹50,000 ₹27 लाख ₹2.50 करोड़़
30 30 साल ₹11,000 ₹50,000 ₹39.60 लाख ₹2.50 करोड़
40 20 साल ₹32,700 ₹50000 ₹78.48 लाख ₹2.50 करोड़

क्या मान लिया गया?:

रिटर्न की दर: NPS निवेश से लंबे समय का सालाना रिटर्न 10% माना गया है.

एन्युटी ख़रीद: कुल जमा कॉर्पस का 40% मासिक पेंशन के लिए एन्युटी ख़रीदने में उपयोग किया जाता है. अनुमानित एन्युटी दर लगभग 6% है.

***नोट: ये आंकड़े एक सामान्य अनुमान बताते हैं और वास्तविक रिटर्न, एन्युटी दरों में परिवर्तन और NPS के भीतर निवेश के विकल्पों के आधार पर आंकड़ों में अंतर हो सकता है.

नेशनल पेंशन स्कीम के बड़े फ़ायदे

  1. टैक्स लाभ: NPS में निवेश करने पर सेक्शन 80C और 80CCD के तहत टैक्स छूट मिलती है.
  2. लचीलापन: अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश का विकल्प मिलता है, जैसे कि इक्विटी, कॉर्पोरेट बॉन्ड और गवर्नमेंट सिक्योरिटी.
  3. कम लागत: दूसरी रिटायरमेंट स्कीमों की तुलना में NPS का ख़र्च कम है.
  4. सुरक्षा: सरकार द्वारा संचालित होने के कारण ये सुरक्षित मानी जाती है.

निवेश के दौरान ध्यान देने वाली बातें

  • निवेश अवधि: जितनी लंबी अवधि होगी, उतना ही ज़्यादा कॉर्पस मिलेगा.
  • रिटर्न की अस्थिरता: इक्विटी में ज़्यादा रिस्क होता है, लेकिन लंबी अवधि में अच्छे रिटर्न मिल सकते हैं.
  • आंशिक निकासी: ज़रूरत पड़ने पर कुछ प्रतिशत राशि निकाली जा सकती है.

NPS निवेश कैसे करें? (nps me contribution kaise kare)

  1. ऑनलाइन रजिस्टर करें : NPS की आधिकारिक वेबसाइट या किसी अधिकृत बैंक/फ़ाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन से अकाउंट खोलें.
  2. PRAN नंबर पाएं: एक स्थायी रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (PRAN) जारी किया जाता है.
  3. अंशदान करें: मासिक या सालाना आधार पर योगदान दें.
  4. फ़ंड का चुनाव करें: अपनी जोखिम लेने की क्षमता के मुताबिक़ एसेट अलोकेशन चुनें.

क्या NPS मेरे लिए सही विकल्प है? (Is NPS a good investment option?)

  • अगर आप एक लंबी अवधि के निवेशक हैं और रिटायरमेंट के बाद फ़िक्स्ड इनकम चाहते हैं, तो NPS एक अच्छा विकल्प है.
  • अगर आप मार्केट के उतार-चढ़ाव झेल सकते हैं और ज़्यादा रिटर्न चाहते हैं, तो म्यूचुअल फंड में SIP करना भी एक विकल्प हो सकता है.

रिटायरमेंट प्लानिंग ज़रूरी है और नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) एक सुरक्षित और किफ़ायती विकल्प हो सकता है. हालांकि, अपनी रिस्क सहने की क्षमता, आर्थिक लक्ष्यों और निवेश करने की क्षमता को ध्यान में रखते हुए फ़ैसले लें. धनक पर आपको नेशनल पेंशन सिस्टम के हर प्लान और हर कंपनी का पूरा ब्यौरा मिल जाएगा, देखने के लिए यहां क्लिक करें.

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NPS पर कुछ आम सवालों के जवाब (FAQs)

1. NPS में न्यूनतम और अधिकतम निवेश कितना है?

NPS में न्यूनतम निवेश ₹500 रुपये प्रति योगदान है, जबकि अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है.

2. क्या NPS में पैसा सुरक्षित है?

हां, NPS सरकार द्वारा समर्थित है और इसमें आपका निवेश अलग-अलग सुरक्षित साधनों में किया जाता है.

3. रिटायरमेंट के बाद पैसा कैसे मिलेगा?

60 साल की उम्र के बाद, आप 60% रक़म एकमुश्त निकाल सकते हैं, जबकि 40% से आपको मासिक पेंशन मिलेगी.

4. क्या मैं NPS में अपना योगदान बदल सकता हूं?

हां, आप अपनी आर्थिक स्थिति के मुताबिक़ निवेश की रक़म को बढ़ा या घटा सकते हैं.

5. NPS और म्यूचुअल फ़ंड में क्या अंतर है?

NPS एक पेंशन स्कीम है जो मुख्य रूप से रिटायरमेंट को ध्यान में रखकर बनाई गई है, जबकि म्यूचुअल फ़ंड लचीलापन और ऊंचे रिटर्न के विकल्प देता है.

6. अगर NPS अकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाए तो क्या होगा?

खाता बंद कर दिया जाता है और पूरी राशि नॉमिनी या कानूनी वारिस को भुगतान कर दी जाती है. हालांकि, अगर नॉमिनी या कानूनी वारिस चाहे तो उसके पास एन्युटी प्लान ख़रीदने का विकल्प होता है.

ये भी पढ़िए- भारत में कौन सी सरकारी पेंशन योजना सबसे अच्छी है?

ये लेख पहली बार जनवरी 29, 2025 को पब्लिश हुआ.

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