अगर मैं अभी गोल्ड फ़ंड या ETF में निवेश करता हूं, तो मुझ पर किस तरह से टैक्स लगेगा? - एक पाठक
टैक्स इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस तरह के गोल्ड प्रोडक्ट- या तो गोल्ड फ़ंड ऑफ फ़ंड्स (FoF) या गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फ़ंड (ETF) में निवेश करते हैं. यहां बताया गया है कि प्रत्येक पर किस तरह से टैक्स लगता है:
गोल्ड FoF
गोल्ड FoF म्यूचुअल फ़ंड हैं जो गोल्ड ETF की यूनिट्स में निवेश करते हैं. वे नियमित म्यूचुअल फ़ंड की तरह काम करते हैं, जिससे निवेशकों को छोटी रक़म से शुरुआत करने और अनुशासित निवेश के लिए सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) का विकल्प चुनने की अनुमति मिलती है.
- अगर दो साल से ज़्यादा समय तक रखा जाता है: इस फ़ायदे को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) माना जाएगा और इस पर 12.5 फ़ीसदी टैक्स लगेगा.
- अगर दो साल के भीतर बेचा जाता है: फ़ायदे को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) के रूप में माना जाएगा और आपके इनकम टैक्स स्लैब की दर के अनुसार टैक्स लगाया जाएगा.
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गोल्ड ETF
FoF के विपरीत, गोल्ड ETF का बिज़नस शेयरों की तरह ही स्टॉक एक्सचेंज में होता है, जिससे निवेशकों को उन्हें मार्केट प्राइस पर रियल टाइम में ख़रीदने और बेचने की सहूलियत मिलती है.
- अगर एक साल से ज़्यादा समय तक होल्ड रखा जाता है: लाभ को LTCG के रूप में वर्गीकृत किया जाता है और 12.5 फ़ीसदी की दर से टैक्स लगाया जाता है.
- अगर एक वर्ष के भीतर बेचा जाता है: फ़ायदे को STCG माना जाएगा और आपके इनकम टैक्स स्लैब की दर के अनुसार टैक्स लगाया जाएगा.
कौन-सा विकल्प बेहतर है?
गोल्ड ETF का एक्सपेंस रेशियो आमतौर पर कम होता है, जिससे वो कॉस्ट के लिहाज़ से बेहतर होते हैं. हालांकि, उन्हें डीमैट और ट्रेडिंग दोनों अकाउंट की ज़रूरत होती है. गोल्ड FoF इन अकाउंट्स के बिना निवेशकों के लिए अधिक सुविधाजनक विकल्प हैं, हालांकि उनकी कॉस्ट थोड़ी ज़्यादा हो सकती है.
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ये लेख पहली बार जनवरी 29, 2025 को पब्लिश हुआ.