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क्या आपको नए फ़ंड ऑफ़र (NFO) में निवेश करना चाहिए?

NFO में पैसा लगाएं या पुराने फ़ंड्स पर, इससे जुड़े डेटा और तर्क जो आपकी समझ बढ़ाएंगे

NFO में निवेश करना चाहिए या नहीं? जानें डेटा और तर्क

पुराने फ़ंड्स बनाम नए फ़ंड्स

हाल के सालों में म्यूचुअल फ़ंड कंपनियों ने कई नए फ़ंड ऑफ़र्स (NFO) लॉन्च किए हैं. पिछले कुछ महीनों में, NFO की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है, जिससे रिटेल निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है. कई निवेशक मानते हैं कि नया फ़ंड बेहतर रिटर्न दे सकता है, लेकिन क्या असल में ऐसा है? इस लेख में हम नए फ़ंड्स और पुराने फ़ंड्स के बीच तुलना करेंगे और जानेंगे कि लंबी अवधि के निवेशकों के लिए कौन सा बेहतर विकल्प है.

NFO क्या है और हाल ही में कौन-कौन से लॉन्च हुए हैं?

NFO, यानी नया फ़ंड ऑफ़र, किसी म्यूचुअल फ़ंड कंपनी द्वारा मार्केट में पेश किया गया नया फ़ंड होता है. हाल ही में कई थीमेटिक और सेक्टोरल NFO लॉन्च किए गए हैं, जैसे:

NFO का नाम थीम लॉन्च तिथि न्यूनतम निवेश
बड़ौदा BNP पारिबास एनर्जी ऑपर्च्युनिटीज़ फ़ंड एनर्जी 21 जनवरी 2025 ₹5,000
SBI निफ़्टी बैंक इंडेक्स बैंक 20 जनवरी, 2025 ₹5,000
UTI निफ़्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स थीमेटिक 28 जनवरी, 2025 ₹5,000

हालांकि, निवेशकों को NFO में निवेश करने से पहले इनकी रणनीति, थीम और पिछले फ़ंड्स की परफ़ॉर्मेंस को समझना ज़रूरी है.

NFO से जुड़ी आम ग़लतफ़हमियां

  1. "NFO बेहतर रिटर्न देंगे" - ये सोच अक्सर निवेशकों को लुभाती है, लेकिन सच्चाई ये है कि स्थापित फ़ंड्स का प्रदर्शन ज़्यादा विश्वसनीय होता है.
  2. "कम NAV का मतलब सस्ता निवेश" - ये एक आम ग़लतफ़हमी है. NFO का NAV हमेशा ₹10 पर शुरू होता है, लेकिन ये उसकी क्वालिटी को नहीं दिखाता. साथ ही NAV का प्राइस आपके लिए कोई मायने नहीं रखता.
  3. "नया फ़ंड नई रणनीति के साथ आता है" - ज़्यादातर NFOs मौजूदा रणनीतियों का ही एक्सटेंशन होते हैं.

ऐतिहासिक परफ़ॉर्मेंस का विश्लेषण: क्यों पुराने फ़ंड्स बेहतर हैं?

अलग-अलग अनालेसिस के अनुसार, पहले से स्थापित फ़ंड्स ने समय के साथ बेहतर प्रदर्शन किया है. नीचे कुछ आंकड़े दिए गए हैं:

फ़ंड का नाम लॉन्च वर्ष 5-वर्षीय रिटर्न (%) जोखिम स्तर
मोतीलाल ओसवाल निफ़्टी मिडकैप 150-डायरेक्ट 2019 23.98% बहुत ज़्यादा
मिराए एसेट निफ़्टी नेक्स्ट 50 ETF 2020 16.37% बहुत ज़्यादा
नोटः डेटा 27 जनवरी, 2025 का है.

इससे स्पष्ट होता है कि जिन फ़ंड्स का ट्रैक रिकॉर्ड बेहतर रहा है, वे NFO की तुलना में ज्यादा भरोसेमंद होते हैं.

निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव

  • सावधानी से तुलना करें : मौजूदा फ़ंड्स और NFO के बीच प्रदर्शन और जोखिम का आकलन करें.
  • लंबी अवधि की योजना बनाएं : लंबे समय के निवेश का नज़रिया अपनाएं और निवेश को मार्केट के उतार-चढ़ाव से प्रभावित न होने दें.
  • SIP का विकल्प चुनें : नियमित निवेश से रिस्क कम होता है और लागत औसत हो जाती है.

ये भी पढ़िए- SIP: ₹1 करोड़ की वैल्थ बनाने की सही रणनीति क्या है?

क्या NFO सही विकल्प है?

लंबी अवधि के निवेशकों के लिए, नए फ़ंड के ऑफ़र (NFOs) के बजाय, पहले से स्थापित और जांचे-परखे फ़ंड्स में निवेश करना ज़्यादा सुरक्षित और फ़ायदेमंद हो सकता है. निवेश करने से पहले अच्छी तरह रिसर्च करें और भावनाओं में बहने के बजाय डेटा के आधार पर फ़ैसले लें.

इस तरह, NFO में निवेश से पहले सभी पहलुओं को समझना और अपने आर्थिक लक्ष्यों के मुताबिक़ फ़ैसला लेना ज़रूरी है.

NFO पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

1. क्या NFO में निवेश करने का कोई फ़ायदा है?

NFO नए विषयों या रणनीतियों के साथ आते हैं, लेकिन अक्सर पहले से मौजूद फ़ंड्स की तुलना में जोखिम भरे हो सकते हैं. इसलिए निवेशक को सतर्क रहना चाहिए.

2. पुराने फ़ंड्स क्यों बेहतर हैं?

क्योंकि उनका प्रदर्शन पहले से जाना हुआ होता है और निवेशक को उनके रिटर्न व रिस्क के बारे में स्पष्ट जानकारी मिलती है.

3. NFO और मौजूदा फ़ंड्स में क्या अंतर है?

NFO बिल्कुल नया होता है, जिसकी कोई ऐतिहासिक परफ़ॉर्मेंस नहीं होती, जबकि मौजूदा फ़ंड्स का ट्रैक रिकॉर्ड उपलब्ध होता है.

4. क्या SIP से NFO में निवेश करना संभव है?

ज़्यादातर मामलों में फ़ंड में SIP केवल लॉन्च के बाद ही संभव होती है, NFO के दौरान नहीं.

5. वैल्यू रिसर्च धनक कैसे मेरी निवेश योजना में मदद कर सकता है?

वैल्यू रिसर्च धनक निवेशकों को डेटा-आधारित सलाह, रिसर्च और सही निवेश गाइडेंस देता है.

ये भी पढ़िए- बाज़ार में गिरावट के दौरान कौन सा म्यूचुअल फ़ंड चुनें?

ये लेख पहली बार जनवरी 28, 2025 को पब्लिश हुआ.

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