भारत में रिटायरमेंट प्लान के बिना काम करने वाले लाखों लोग हैं. ये उनके लिए हमेशा ही एक चिंता का विषय बना रहता है. अगर इस चिंता से मुक्त होना है, रियाटरमेंट के बाद आरामदायक ज़िंदगी बितानी है तो सही निवेश की शुरुआत करना बेहद ज़रूरी है. सुरक्षित निवेश (Safe Investments) क्या हो और कैसे हम उसका चुनाव करें ये बेहद अहम फ़ैसला है, जो आपकी भविष्य में आर्थिक आज़ादी पक्की करेगा. आइए इस लेख में हम सुरक्षित निवेश के अलग-अलग विकल्पों पर चर्चा करें और जानें कि कौन-सा विकल्प आपके लिए सबसे सही साबित हो सकता है. तो पहले बात करते हैं आपके सवाल की.
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सुरक्षित निवेश के विकल्प क्या हैं?
1. कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) और सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF)
शुरुआत:
EPF की शुरुआत 1952 में हुई थी, जबकि PPF को 1968 में शुरू किया गया.
मौजूदा स्थिति: सरकार समर्थित ये योजना जो टैक्स बचत और गारंटीड रिटर्न के लिए जानी जाती है. इस समय PPF की ब्याज दर 7.1% है.
किसके लिए सही: नौकरीपेशा और छोटे निवेशक
फ़ायदा:
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रिटर्न टैक्स-फ़्री होते हैं
- गारंटीड सुरक्षा मिलती है
2. नेशनल पेंशन स्कीम (NPS)
शुरुआत:
2004 में शुरू हुई इस योजना का उद्देश्य पेंशन सुरक्षा देना है.
मौजूदा स्थिति: NPS अब निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों के लिए उपलब्ध है. इसमें आंशिक गारंटी होती है और मार्केट पर आधारित रिटर्न मिलता है.
किसके लिए सही: लंबे समय का निवेश करने वाले
फ़ायदा:
-
सेक्शन 80CCD के तहत टैक्स का फ़ायदा है
- फ़्लेक्सिबल निवेश विकल्प है
3. सीनियर सिटिज़न सेविंग्स स्कीम (SCSS)
शुरुआत:
2004 में सरकार ने इसे ख़ासतौर पर
वरिष्ठ नागरिकों के लिए
शुरू किया.
मौजूदा स्थिति: सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न के साथ ये योजना 8.2% ब्याज दर देती है.
किसके लिए सही: 60 साल से ज़्यादा उम्र के नागरिक
फ़ायदा:
-
टैक्स में फ़ायदा मिलता है
- तयशुदा रिटर्न होता है
4. पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS)
शुरुआत:
भारत सरकार ने ये योजना उन लोगों के लिए शुरू की जो मासिक आय या
मंथली इनकम
चाहते हैं.
मौजूदा स्थिति: मौजूदा ब्याज दर 7.4% है और ये योजना छोटे निवेशकों के लिए सुरक्षित मानी जाती है.
किसके लिए सही: वे लोग जो हर महीने आमदनी पाना चाहते हैं
फ़ायदा:
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नियमित मासिक आय मिलती है
- पूंजी की सुरक्षा होती है
5. म्यूचुअल फ़ंड
शुरुआत:
1990 के दशक में भारत में लोग
म्यूचुअल फ़ंड्स
में दिलचस्पी लेने लगे और आज ये ख़ासे लोकप्रिय होते जा रहे हैं.
मौजूदा स्थिति: SIP के ज़रिए निवेश अब एक सुरक्षित और अनुशासित निवेश का दूसरा नाम बन चुका है.
किसके लिए सही: युवा निवेशक और उन लोगों के लिए जो कुछ जोखिम ले सकते हैं
फ़ायदा:
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ऊंचे रिटर्न की संभावना होती है
- लिक्विडिटी काफ़ी होती है, यानि ज़रूरत पड़ने पर आप अपना पैसा आसानी से निकाल सकते हैं.
सुरक्षित निवेश योजनाओं की तुलना
योजना | न्यूनतम-अधिकतम (₹) | मैच्योरिटी | टैक्स में फ़ायदा | रिटर्न रेट | सुरक्षा |
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PPF | 500-1.5 लाख/वर्ष | 15 वर्ष | हां | 7% | हाई |
NPS | कोई सीमा नहीं | 60 वर्ष की उम्र | हां | 8-10% | मीडियम |
SCSS | 1000-15 लाख | 5 वर्ष | हां | 8% | हाई |
POMIS | 1000-9 लाख | 5 वर्ष | नहीं | 7% | हाई |
म्यूचुअल फ़ंड में SIP | कोई सीमा नहीं | 3 वर्ष* | नहीं | 12-15% | मीडियम |
* सिर्फ़ टैक्स सेविंग फ़ंड (ELSS Funds) के मामले में. दूसरे किसी भी फ़ंड में पैसा आसानी से कभी भी निकाला जा सकता है. |
निवेश योजना चुनते समय ध्यान रखने वाली बातें
क्या करें | क्या न करें |
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निवेश से जुड़े जोखिमों को समझें | बिना रिसर्च के निवेश न करें |
निवेश का उद्देश्य स्पष्ट करें | बाज़ार की अफ़वाहों पर विश्वास न करें |
लंबे समय की योजनाओं पर ध्यान दें | सभी पैसे एक ही योजना में न लगाएं |
क्यों लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट में म्यूचुअल फ़ंड्स की बात ज़रूरी है?
इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड में निवेश एक बेहतरीन विकल्प हैं जो अनुशासित निवेश के लिए सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के ज़रिए लॉन्ग-टर्म ग्रोथ दे सकता है. ये लंबे समय में आपके लिए फ़ायदे का सौदा साबित हो सकता है. हालांकि, कई निवेशक मार्केट के उतार-चढ़ावों को देखते हुए इससे बचते हैं. लेकिन असलियत ये है कि जितना लंबा समय निवेश में लगाया जाता है, रिस्क उतना ही कम हो जाता है.
आइए देखें कि कैसे लंबे समय का निवेश रिस्क को कम कर सकता है. हम पिछले 10 और 20 साल के औसत भारतीय इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड रिटर्न के उदाहरण से इसे स्पष्ट करेंगे.
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लंबे समय में इक्विटी निवेश का जोखिम कम कैसे होता है?
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बाज़ार के उतार-चढ़ाव का असर कम होना:
- शॉर्ट-टर्म में शेयर बाज़ार काफ़ी उतार-चढ़ाव भरा रहता है, लेकिन लंबे समय में बाज़ार में स्थिरता दिखाई देती है. ऐतिहासिक तौर पर देखेंगे तो पाएंगे कि लंबे समय में भारतीय बाज़ार ऊपर ही गया है.
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पावर ऑफ़ कंपाउंडिंग:
- लंबे समय तक निवेश करने से कंपाउंडिंग का असर बढ़ता है, जिससे रिटर्न भी ज़बरदस्त तरीक़े से बढ़ता है.
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मार्केट साइकिल का फ़ायदा:
- शेयर बाज़ार में मंदी और तेज़ी दोनों साइकिल होते हैं. लंबे समय के निवेश में निवेशक को सभी साइकिल्स का फ़ायदा मिलता है.
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पिछले 10 और 20 साल के निवेश पर एक नज़र
नीचे दी गई टेबल में हम एक औसत भारतीय इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड में निवेश पर आधारित 10 और 20 साल के रिटर्न की तुलना कर रहे हैं.
निवेश अवधि | औसत वार्षिक रिटर्न (%) | कुल निवेश (₹) | मैच्योरिटी की रक़म (₹) |
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10 साल | 12% | 1,00,000 | 3,11,000 |
20 साल | 14% | 1,00,000 | 13,74,000 |
इससे स्पष्ट होता है कि लंबे समय के दौरान निवेश में रिटर्न ज़्यादा होता है और रिस्क कम होता है.
इक्विटी फ़ंड और दूसरे सुरक्षित कहलाने वाले निवेशों की तुलना
अगर यही पैसा आपने नेशनल पेंशन स्कीम ( NPS ) या सीनियर सिटिज़न सेविंग्स स्कीम (SCSS) में लगाया होता, तो हमें कुछ इस तरह के रिटर्न मिल सकते थे:
निवेश विकल्प | औसत वार्षिक रिटर्न (%) | कुल निवेश (₹) | 10 साल में मैच्योरिटी की रक़म (₹) |
---|---|---|---|
NPS | 10% | 1,00,000 | 2,59,374 |
SCSS | 7.50% | 1,00,000 | 2,06,552 |
इस तुलना से पता चलता है कि इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड लंबे समय के दौरान दूसरे पारंपरिक निवेशों के मुक़ाबले बेहतर रिटर्न दे सकते हैं. हालांकि, पारंपरिक निवेश विकल्पों में पूंजी की सुरक्षा ज़्यादा होती है.
मगर यहां एक और बात समझने वाली है. अगर लंबे समय का आपका निवेश महंगाई दर से ज़्यादा रिटर्न नहीं दे पाता है तो आप अपनी पूंजी को कम ही करते हैं फिर चाहे आपकी बचत का आंकड़ा आपके निवेश किए पैसे से ज़्यादा ही क्यों न दिखे. लंबे समय में महंगाई दर के पछाड़ने के लिए सिर्फ़ इक्विटी निवेश ही आसानी से कर पाता है. और म्यूचुअल फ़ंड इक्विटी में निवेश का सबसे आसान और सही तरीक़ा हैं. इस बात को समझने के लिए आप हमारे ये लेख भी ज़रूर पढ़ें.
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लॉन्ग-टर्म इक्विटी इन्वेस्टमेंट और फ़ंड SIP के फ़ायदे
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रुपये की लागत औसत (Rupee Cost Averaging):
- नियमित SIP निवेश करने से बाज़ार के उतार-चढ़ाव का असर कम होता है.
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टैक्स में फ़ायदा:
- लंबी अवधि के निवेश पर कैपिटल गेन टैक्स कम होता है.
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आर्थिक लक्ष्य पूरे होते हैं:
- रिटायरमेंट, बच्चों की शिक्षा और घर ख़रीदने जैसे बड़े लक्ष्यों के लिए लंबी अवधि का निवेश आदर्श होता है.
लंबे समय के इक्विटी फ़ंड निवेश में रिस्क कैसे कम होता है
लंबी अवधि में फ़ंड में निवेश के ज़रिए इक्विटी के फ़ायदे लेना औरजोखिम कम रखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण रणनीति ये है कि आप समय के साथ निवेश को फैलाएं और अनुशासित तरीक़े से निवेश करें.
मिसाल के तौर पर, अगर आपका लक्ष्य बच्चे की हायर एजुकेशन या 20-25 साल बाद होने वाला रिटायरमेंट प्लान कर रहे हैं, तो म्यूचुअल फ़ंड और इक्विटी निवेश आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं. भले ही इसमें कुछ हद तक रिस्क हो, लेकिन ऐतिहासिक आंकड़े बताते हैं कि लंबी अवधि में रिटर्न रिस्क से कहीं ज़्यादा होता है.
रिस्क कम करने की कुछ बातें
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SIP के ज़रिए निवेश करें ताकि मार्केट के उतार-चढ़ाव का औसत निकले
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डाइवर्स पोर्टफ़ोलियो
बनाएं, जिसमें इक्विटी और ड़ेट फंड का बैलेंस हो
- अपने गोल के पूरा होने के कुछ पहले (क़रीब 2 साल) अपना पैसा इक्विटी फ़ंड से क़िश्तों में निकाल कर किसी अच्छे डेट फ़ंड में डाल दें इससे मार्केट में अचानक आने वाली गिरावट से आप सुरक्षित हो जाएंगे.
निवेश के दौरान ध्यान देने वाली बातें
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सही फ़ंड का चुनाव करें
जो आपके जोखिम सहने की क्षमता के अनुसार हो
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बाज़ार के उतार-चढ़ाव से घबराकर निवेश बंद न करें
- निवेश का समय-समय पर रिव्यू करें और ज़रूरत के मुताबिक़ पोर्टफ़ोलियो में बैलेंस बनाएं
लंबे समय के निवेश के लिए, 15-20 साल के निवेश में धीरज और अनुशासन ज़रूरत होती है. सही योजनाओं में निवेश करके आप अपने आर्थिक लक्ष्यों को आसानी से पा सकते हैं. सुरक्षित निवेश आपकी आर्थिक आज़ादी का एक अहम क़दम है. सही निवेश के तरीक़े का चुनाव आपकी भविष्य की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए.
पिछले वर्षों के आंकड़ों से ये स्पष्ट होता है कि जितनी लंबी अवधि के लिए निवेश किया जाता है, उतनी ही ज़्यादा स्थिरता और फ़ायदा मिलता है. इसलिए, धैर्यपूर्वक निवेश करें और अपने भविष्य के आर्थिक लक्ष्यों को सुरक्षित करें.
ये भी पढ़ें: शेयर या म्यूचुअल फ़ंड: कौन सा निवेश आपके लिए सही है?
सुरक्षित निवेश पर आम सवाल (FAQs)
1. क्या EPF और PPF में निवेश करना सुरक्षित है?
हां, EPF और PPF सरकार द्वारा समर्थित योजनाएं हैं और 100% सुरक्षित मानी जाती हैं.
2. क्या NPS में निवेश करना सही रहेगा?
अगर आप लंबे समय तक निवेश करने की योजना बना रहे हैं और टैक्स फ़ायदा चाहते हैं, तो NPS एक बेहतरीन विकल्प है.
3. सीनियर सिटिज़न के लिए सबसे अच्छा विकल्प क्या है?
SCSS वरिष्ठ नागरिकों के लिए सबसे सुरक्षित और आकर्षक ब्याज दर के साथ आता है.
4. क्या SIP एक सुरक्षित निवेश है?
SIP बाज़ार से जुड़ा होता है, इसलिए इसमें जोखिम होता है, लेकिन ये लॉन्ग-टर्म ग्रोथ के लिए सही है.
5. मैं अपने निवेश की योजना कैसे बनाऊं?
आप वैल्यू रिसर्च धनक की मदद से अपने निवेश लक्ष्यों के मुताबिक़ अपनी योजना बना सकते हैं.
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ये लेख पहली बार जनवरी 27, 2025 को पब्लिश हुआ.