एन.एफ़.ओ. रिव्यू

ग्रो निफ़्टी इंडिया रेलवे PSU इंडेक्स फ़ंड और ETF NFO के बारे में सबकुछ जानिए

आइए समझते हैं कि क्या आपको इस ट्रेन में सवार होना चाहिए

ग्रो निफ़्टी इंडिया रेलवे PSU इंडेक्स फंड और ETF NFO की समीक्षाAI-generated image

Groww ने एक अनूठा इंडेक्स फ़ंड और ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फ़ंड) लॉन्च किया है, जो भारतीय रेलवे से जुड़ी PSU (सरकार द्वारा संचालित कंपनियों) में निवेश की पेशकश करता है.

ग्रो निफ़्टी इंडिया रेलवे PSU इंडेक्स फ़ंड और ETF नाम से, वे दोनों फ़ंड 16 जनवरी, 2025 को मेंबरशिप के लिए खुले, और 30 जनवरी, 2025 तक आम लोगों के लिए खुले रहेंगे.

लेकिन क्या ये इंडेक्स फ़ंड और ETF आपके समय और कोशिश के लायक़ है?

ग्रो निफ्टी इंडिया रेलवे PSU इंडेक्स फ़ंड और ETF स्नैपशॉट

NFO अवधि 16 जनवरी से 30 जनवरी 2025 तक
बेंचमार्क निफ्टी इंडिया रेलवे पीएसयू टोटल रिटर्न इंडेक्स
फ़ंड मैनेजर श्री अभिषेक जैन
टैक्स ट्रीटमेंट अगर यूनिट एक साल के भीतर बेची जाती हैं, तो कैपिटल गेन (पूंजीगत लाभ) पर 20% टैक्स लगेगा.
अगर यूनिट एक साल के बाद बेची जाती हैं, तो कैपिटल गेन पर 12.5% टैक्स लगेगा. हालांकि, ₹1.25 लाख तक के मुनाफ़े को टैक्स से छूट होगी.

ग्रो निफ्टी इंडिया रेलवे PSU इंडेक्स फ़ंड और ETF: इसे कैसे मापा जाएगा?

ग्रो निफ्टी इंडिया रेलवे PSU इंडेक्स फ़ंड और ETF पैसिल फ़ंड होंगे, जिसका मतलब है कि वे सिर्फ़ निफ्टी इंडिया रेलवे PSU इंडेक्स की नकल करने (फ़ॉलो करने) का लक्ष्य रखेंगे.

निफ्टी इंडिया रेलवे PSU इंडेक्स के बारे में

चूंकि ग्रो निफ्टी इंडिया रेलवे PSU इंडेक्स फ़ंड और ETF की किस्मत निफ्टी इंडिया रेलवे PSU इंडेक्स पर निर्भर करती है, तो आइए बाद वाले पर क़रीब से देखते हैं:

  • लॉन्च: 25 नवंबर, 2024
  • फ़ोकस: निफ्टी 500 से उन PSU को ट्रैक करता है जो सीधे या परोक्ष रूप से भारतीय रेलवे को सेवाएं देते हैं.
  • पुनर्गठन: मार्च और सितंबर में साल में दो बार होता है.

सेक्टर एलोकेशन
31 दिसंबर, 2024 तक, निफ़्टी इंडिया रेलवे PSU इंडेक्स में निम्नलिखित सेक्टरों को भारी एलोकेशन किया गया है:

  • निर्माण (25.4 प्रतिशत)
  • वित्तीय सेवाएं (19.4 प्रतिशत)
  • उपभोक्ता सेवाएं (17.3 प्रतिशत)
  • सेवाएं (15.8 प्रतिशत)
  • बिजली (6.9 प्रतिशत)

इन पांच सेक्टरों का टोटल इंडेक्स में 85 प्रतिशत भार है.

इससे कॉन्सनट्रेशन (एक ही जगह ज़्यादा निवेश) की चिंताएं बढ़ जाती हैं, क्योंकि कुछ ही सेक्टरों में एलोकेशन करने से मार्केट की गिरावट के दौरान निवेश मे बड़ी गिरावट का जोखिम बढ़ जाता है.

शेयर निवेश किस तरह बंटा है
निफ़्टी इंडिया रेलवे PSU इंडेक्स भी इंडेक्स के भीतर कुछ शेयरों पर बहुत ज़्यादा निर्भर करता है.

सबसे बड़े चार शेयर, इंडियन रेलने फ़ाइनांस कॉर्पोरेशन (19.4 प्रतिशत), रेल विकास निगम (17.4 प्रतिशत), इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज़्म कॉर्पोरेशन (17.3 प्रतिशत) और कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया (15.8 प्रतिशत), इनका कुल इंडेक्स का भार का 70 प्रतिशत हिस्सा रखते हैं.

बाक़ी 30 प्रतिशत 10 शेयरों में बंटा हुआ है, जिसमें नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (NTPC) के पास सबसे बड़ा 7 प्रतिशत का हिस्सा है.

मुट्ठी भर शेयरों में इस तरह का केंद्रित (कॉन्सनट्रेशन) निवेश उतार-चढ़ाव की संभावना को बढ़ा देता है और फ़ंड की निर्भरता सिर्फ़ कुछ शेयरों पर ज़्यादा हो जाती है.

इसके मुक़ाबले, फ़्लेक्सी-कैप फ़ंड जैसे एवरेज डाइवर्स इक्विटी फ़ंड ने इस समय अपने टॉप पांच शेयरों में सिर्फ़ 28 प्रतिशत का एलोकेशन किया है, जिससे ये मुट्ठी भर कंपनियों के प्रदर्शन का बंधक नहीं है.

निफ्टी इंडिया रेलवे PSU इंडेक्स का प्रदर्शन: रिटर्न कैसा रहा?

1 अप्रैल, 2021 को अपनी स्थापना के बाद से, इंडेक्स ने क़रीब चार साल में 4 गुना से ज़्यादा बढ़ा है, जो 45 प्रतिशत CAGR की प्रभावशाली बढ़ोतरी है. इसके मुक़ाबले में, व्यापक आधार वाला निफ्टी 500 ने इसी दौरान में 17 प्रतिशत से कुछ ऊपर का मामूली रिटर्न दिया है.

रेलवे PSU शेयरों के हालिया शानदार प्रदर्शन का श्रेय काफ़ी हद तक भारतीय रेलवे के लिए बढ़े हुए बजट के एलोकेशन को दिया जा सकता है.

हालांकि, ये समझना ज़रूरी है कि मूल्य निर्धारण (प्राइसिंग पावर) की ताक़त की कमी और लगातार सरकारी हस्तक्षेप जैसे कारणों से PSU शेयरों ने ऐतिहासिक रूप से कमतर प्रदर्शन किया है. और ये बात मौजूदा रैली को लेकर सवाल उठाती है.

अगर आपने 1 जनवरी, 2001 से निफ़्टी PSE इंडेक्स में हर महीने ₹10,000 निवेश किए होते, जो उन कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है जिनमें सरकार सीधे-सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से बहुमत की हिस्सेदारी रखती है, तो 31 दिसंबर, 2019 तक आपका सालाना रिटर्न मामूली 8.64 प्रतिशत ही होता. ये प्रदर्शन बैंक फ़िक्स्ड डिपॉज़िट (FD) द्वारा दिए जाने वाले रिटर्न से थोड़ा ही बेहतर है.

इसके उलट, व्यापक आधार वाले निफ्टी 500 इंडेक्स ने इसी दौरान 15 प्रतिशत से ज़्यादा का सालाना रिटर्न दिया होता, जिसके नतीजे में क़रीब ₹60 लाख का अंतर होता!

इस तरह का साफ़ अंतर, PSU शेयरों में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट से जुड़े रिस्क और संभावित अवसर लागतों (potential opportunity cost) को उजागर करता है.

ग्रो निफ्टी इंडिया रेलवे PSU इंडेक्स फ़ंड और ETF: क्या आपको निवेश करना चाहिए?

ये इंडेक्स फ़ंड और ETF रेलवे PSU सेक्टर में ख़ास एक्सपोज़र पाने का कम लागत वाला तरीक़ा पेश करता है. हालांकि, इसमें बड़ी कमियां हैं: कुछ स्टॉक और सेक्टर में हाई कॉन्सनट्रेशन, PSU का ग़ैर-भरोसेमंद स्वभाव और इंडेक्स के हाल ही में लॉन्च होने के कारण सीमित ऐतिहासिक डेटा.

हालांकि ये उन निवेशकों को आकर्षित कर सकता है जो रेलवे थीम गहरा यक़ीन रखते हैं और हाई रिस्क ले सकते हैं, लेकिन ज़्यादातर निवेशकों को रिस्क को ठीक तरीक़े से मैनेज करने के लिए बड़े इंडेक्स या फ्लेक्सी-कैप फ़ंड में डाइवर्सिफ़ाई करने से फ़ायदा होगा.

ये भी पढ़िएः Stock Rating Update: फाइव स्टार रेटिंग वाले इन 10 शेयरों में बने ख़रीदारी के मौक़े

वैल्यू रिसर्च धनक से पूछें aks value research information

कोई सवाल छोटा नहीं होता. पर्सनल फ़ाइनांस, म्यूचुअल फ़ंड्स, या फिर स्टॉक्स पर बेझिझक अपने सवाल पूछिए, और हम आसान भाषा में आपको जवाब देंगे.


टॉप पिक

IDFC फ़र्स्ट बैंक बार-बार क्यों मांग रहा है पैसा?

पढ़ने का समय 5 मिनटKunal Bansal

रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा गोल्ड, क्या आपको अब भी इसमें ख़रीदारी करनी चाहिए?

पढ़ने का समय 4 मिनटउज्ज्वल दास

NPS के इंप्लॉयर कंट्रीब्यूशन से क्या इस साल टैक्स बच सकता है?

पढ़ने का समय 2 मिनटवैल्यू् रिसर्च टीम

आईने में दिखने वाला निवेशक

पढ़ने का समय 4 मिनटधीरेंद्र कुमार down-arrow-icon

जानें कब और क्यों डेट फ़ंड नेगेटिव रिटर्न दे सकते हैं?

पढ़ने का समय 5 मिनटआकार रस्तोगी

म्यूचुअल फंड पॉडकास्ट

updateनए एपिसोड हर शुक्रवार

Invest in NPS

आईने में दिखने वाला निवेशक

जब इंसानी भावनाएं ही हमारी सबसे बड़ी दुश्मन बन जाती हैं

दूसरी कैटेगरी