AI-generated image
इस हफ़्ते की शुरुआत में, मुझे इक्विटी निवेशकों के लिए न्यू ईयर रेज़ोल्यूशन्स पर देविना मेहरा का एक बढ़िया कॉलम पढ़ने को मिला. इसने मुझे म्यूचुअल फ़ंड निवेशकों के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया, जो अक्सर इसी तरह की चुनौतियों का सामना करते हैं, लेकिन उन्हें एक अलग नज़रिए की ज़रूरत होती है. जहां म्यूचुअल फ़ंड निवेशक को दर्जनों चीज़ें करनी चाहिए, मैं सिर्फ़ दो या तीन महत्वपूर्ण रेज़्योन्यूशन्स या संकल्पों की बात करने जा रहा हूं जो आने वाले साल में आपके पोर्टफ़ोलियो में असली अंतर ला सकते हैं.
पहला, और शायद सबसे महत्वपूर्ण संकल्प, बस इस बात को जानना है कि आपके पास क्या है. ये बेहद बुनियादी बात लगेगी, लेकिन आपको आश्चर्य होगा कि कितने निवेशक जिनसे मैं मिलता हूं, उन्होने सालों से म्यूचुअल फ़ंड निवेशों को बिना ये जाने जमा किया है कि उनके पोर्टफ़ोलियो में क्या है. अपने मौजूदा निवेशों का जायज़ा लें - तुंरत किसी बदलाव करने के इरादे से नहीं, बल्कि ये समझने के लिए कि आपके पास क्या है. कौन से फ़ंड हैं? किस कैटेगरी के हैं? उन्होंने अपने बेंचमार्क के मुक़ाबले कैसा प्रदर्शन किया है? आपके पोर्टफ़ोलियो का कितना हिस्सा इक्विटी और डेट फ़ंड में है? ये समझ अपने आप में एक ताक़तवर तरीक़ा है जो आपके निवेश के सभी फ़ैसलों के लिए एक मज़बूत आधार का काम करेगा.
ये भी पढ़ें: समझो और क़ाबू करो
दूसरा संकल्प स्वाभाविक रूप से पहले से ही निकलता है - सही निगरानी और रीबैलेंस का अनुशासन स्थापित करें. ध्यान दें कि मैं यहां ख़ासतौर से 'अनुशासन' शब्द का इस्तेमाल कर रहा हूं. आपको अपने निवेशों पर उस तरह नज़र रखने की ज़रूरत नहीं है जैसे बाज़ अपने शिकार पर रखता है, लेकिन आपको एक सुलझे हुए व्यवस्थित नज़रिए की ज़रूरत है. अपने फ़ंड के प्रदर्शन की समीक्षा के लिए हर तीन महीने में एक बार समय निकालें, लेकिन - और ये ज़रूरी है - बदलाव केवल सालाना आधार पर ही करें जब तक कि कोई असल में मजबूर कर देने वाली वजह न हो. बहुत से निवेशक मार्केट की हर हलचल या ख़बरों की सुर्ख़ियों के जवाब में अपने पोर्टफ़ोलियो में बार-बार बदलाव करके अपने रिटर्न को नुक़सान पहुंचाते हैं.
ये भी पढ़ें: ये महज़ दिन भर का आंकड़ा नहीं
तीसरा संकल्प, और इस पर जितना ज़ोर दिया जाए कम है, और वो है SIP का अनुशासन. सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान कसरत की तरह हैं - सबसे अच्छी तरह की कसरत वही होती है जिस पर आप टिके रहते हैं. यहां दो वायदे कीजिए: सबसे पहला, अपनी SIP को हर साल अपने वेतन के बढ़ने के साथ बढ़ा दें. ये केवल ज़्यादा निवेश करने की बात नहीं है; ये उसी अनुपात में निवेश करने की बात है, जिस रफ़्तार से आपकी आमदनी बढ़ रही है. दूसरा, और ये शायद मुश्किल हो कि मार्केट में गिरावट के दौरान अपनी SIP को जारी रखने पर डटे रहें. असल में, ये ठीक वही समय होता है जब आपकी SIP आपके लिए सबसे ज़्यादा मेहनत कर रही होती है, आपको कम क़ीमतों पर यूनिट मिल रही होती हैं.
ये संकल्प निवेश की तमाम सोफ़स्टिकेटेड स्ट्रैटजियों के मुक़ाबले कमज़ोर लग सकते हैं जिनके बारे में आप पढ़ते होंगे. और हो सकता है कि उनमें अगले मल्टीबैगर फ़ंड खोजने या सही समय पर मार्केट में कुछ सही करने का उत्साह न हो. लेकिन मैंने दशकों के दौरान अलग-अलग मार्केट साइकिल्स में देखा है, ये सरल, उबाऊ काम ही हैं जो आख़िर में आपके लिए अच्छी पूंजी बनाते हैं.
ये भी पढ़ें: सरल निवेश से अद्भुत दौलत तक का सफ़र
इसे इस तरह से सोचिए: जिस तरह एक गाड़ी को सुरक्षित तरीक़े से चलने के लिए एक्सीलरेटर और ब्रेक दोनों की ज़रूरत होती है, उसी तरह आपके म्यूचुअल फ़ंड पोर्टफ़ोलियो को ग्रोथ बढ़ाने और सुरक्षा तंत्र दोनों की ज़रूर होती है. नियमित निगरानी से पता चलता है कि कब क्या किया जाना चाहिए. SIP में अनुशासन रखना निवेश में स्थिरता लाने के साथ उसकी ग्रोथ तय करता है, जबकि सालाना समीक्षा आपके जोश में लिए गए फ़ैसलों पर ब्रेक का काम करती है.
इन संकल्पों की ख़ूबसूरती ये है कि इनके लिए मार्केट के रुझानों को लेकर किसी ख़ास समझ की ज़रूरत नहीं होती है. ये संकल्प इस बात की परवाह किए बिना काम करेंगे कि मार्केट में तेज़ी है या मंदी में, ब्याज दरें बढ़ रही हैं या गिर रही हैं, या वैश्विक अर्थव्यवस्था का विस्तार हो रहा है या सिकुड़ रही है. ये सदा एक जैसे बने रहने वाले सिद्धांतों पर आधारित हैं जिन्होंने अनगिनत मार्केट साइकिल्स के दौरान निवेशकों की अच्छे नतीजे दिए हैं.
जैसे ही हम एक और साल शुरू करें, तो याद रखिए कि निवेश में, जीवन की दूसरी कई चीज़ों की तरह, सरलता अक्सर जटिलता पर भारी पड़ती है. निवेशकों में चीज़ों को ज़्यादा जटिल बनाने, लगातार अगली सबसे अच्छी स्ट्रैटजी या सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले फ़ंड की तलाश करने की आदत होती है. लेकिन मेरा अनुभव बताता है कि ऐसे ही निवेशक लंबे समय में सफल होते हैं, जो इन बुनियादी सिद्धांतों पर अडिग रहते हैं.
ध्यान देने लायक़ बात ये है कि मार्केट में उतार-चढ़ाव के समय ये संकल्प और भी महत्वपूर्ण हो जाते हैं. जब मार्केट में उठा-पटक हो, तो अपने पोर्टफ़ोलियो की स्पष्ट समझ, समीक्षा करने का अनुशासन बनाए रखना और अपनी SIP जारी रखना, आपको स्थिरता और आत्मविश्वास दोनों दे सकता है, जो आगे बढ़ने के लिए ज़रूरी होती है. इसे तूफ़ानी मौसम के दौरान एक भरोसेमंद कम्पास की तरह देखें - ये यात्रा में हर समय एक ही दिशा नहीं दिखाता, लेकिन इससे ये पक्का हो जाता है कि आप अपनी यात्रा में सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.
इन बुनियादी संकल्पों पर ध्यान दें, और आप अगले साल इस समय ख़ुद को बेहतर स्थिति में पाएंगे, फिर चाहे मार्केट कुछ भी करे.
अगर आपको अपने निवेश संकल्पों पर क़ायम रहना भारी लग रहा है, तो वैल्यू रिसर्च फ़ंड एडवाइज़र आपकी मदद के लिए मौजूद है. एक्सपर्ट सलाह, चुने हुए फ़ंड्स की अमल करने लायक़ रेकमेंडेशन के साथ, ये मार्केट की उथल-पुथल को समझना आसान कर देता है और आपको आत्मविश्वास से भरे, लॉन्ग-टर्म फ़ैसले लेने में सक्षम बनाता है. लगातार बदलते हुए निवेश परिदृश्य में हमें अपना गाइड बनाएं.
ये भी पढ़ें: म्यूचुअल फ़ंड, ऑटो-पायलट और एयर क्रैश