गिरता हुआ बाज़ार बहुत कमज़ोर कंपनियों पर भारी पड़ता है. हमारा बाज़ार भी इस समय कुछ ऐसा ही कर रहा है. सेंसेक्स अपने सबसे ऊंचे स्तर से क़रीब 10 प्रतिशत नीचे है और BSE के लगभग 62 प्रतिशत स्टॉक्स पिछले महीने गिरावट में रहे हैं. क़रीब 10 प्रतिशत अपने साल भर के निचले स्तर पर हैं. लेकिन ऐसी गिरावटें, जो मूलभूत समस्याओं के बजाय बाज़ार की घबराहट का नतीजा होती हैं, निवेशकों के लिए ख़ास मौक़े बना सकती हैं—उन निवेशकों के लिए जो बाज़ार में सबसे नीचे जाने वाले स्टॉक्स में से कौन से निवेश के लिए ठीक यानि सस्ते हो सकते हैं.
हमने ये काम आपके लिए कर दिया है. नीचे दिए गए फ़िल्टरों की मदद से हमने 15 ऐसे स्टॉक्स चुने हैं जो 52-हफ़्तों के निचले स्तर (52-week low) पर होने के बावजूद मज़बूत बिज़नस मॉडल के मालिक हैं. हम इनमें से पांच स्टॉक्स की संभावित रिकवरी के कारणों की बात यहां विस्तार से कर रहे हैं.
हमारे स्टॉक सलेक्शन के फ़िल्टर:
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स्टॉक की क़ीमत अपने 52-हफ़्तों के निचले स्तर से 5% से ज़्यादा रिकवर न हुई हो.
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मार्केट कैप ₹10,000 करोड़ से ज़्यादा हो.
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P/E रेशियो, पिछले पांच साल के औसत P/E का 1.5 गुना तक हो.
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पिछले पांच साल का औसत ROE 15% से ज़्यादा हो.
- चार साल का टैक्स के बाद का प्रॉफ़िट (PAT) 15% से ज़्यादा की दर से बढ़ा हो.
15 कंपनियां जो पलट सकती हैं पासा
कंपनी | 52-हफ़्ते का लो प्राइस (₹) | उनके 52-हफ़्ते का हाई से बदलाव (%) | 5-साल का मीडियन ROE (%) | 4-साल की PAT ग्रोथ (% pa) |
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AIA इंजीनियरिंग | 3,282 | -30.5 | 16.4 | 17.8 |
एप्टस वैल्यू हाउसिंग | 286 | -28.2 | 16.1 | 30.5 |
एशियन पेंट्स | 2,257 | -30.7 | 28.2 | 18.9 |
एस्ट्रल | 1,532 | -36.7 | 18.5 | 21.6 |
बर्जर पेंट्स | 438 | -25.5 | 23.7 | 15.6 |
बिड़लासॉफ़्ट | 530 | -37.0 | 15.9 | 29.1 |
कोल इंडिया | 368 | -31.7 | 52.1 | 22.3 |
ग्राइंडवेल नॉर्टन | 1,840 | -36.8 | 20.1 | 20.2 |
हैप्पीएस्ट माइंड्स | 693 | -26.2 | 30.8 | 36.4 |
हैटसन एग्रो प्रोडक्ट | 956 | -28.6 | 17.7 | 24.2 |
IRCTC | 762 | -33.5 | 39.7 | 21.3 |
RR केबल | 1,313 | -27.3 | 23.9 | 24.9 |
टाटा एलेक्सी | 6,285 | -29.1 | 34.6 | 32.6 |
टाटा टेक्नोलॉजीज़ | 870 | -27.1 | 19.8 | 28.2 |
ट्यूब इन्वेस्टमेंट्स | 3,339 | -25.6 | 26.3 | 39.5 |
जनवरी 08, 2025 तक का डाटा |
5 मज़बूत स्टॉक जो 52-हफ़्तों के नचले स्तर पर हैं
1) AIA Engineering (स्टॉक रेटिंग: 3)
AIA Engineering , जो सीमेंट और माइनिंग इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाले स्पेशलाइज़्ड मटेरियल बनाती है, इस समय मुश्किलों का सामना कर रही है. इसके लंबे समय तक चलने वाले (wear-resistant) प्रोडक्ट्स, जो ऑपरेशनल एफ़िशिएंसी बढ़ाने और लागत घटाने के लिए मशहूर हैं, के बावजूद Q2 FY25 में इसकी बिक्री 77,000 टन से घटकर 60,330 टन रह गई.
ग्राहकों के ऑर्डरों में कटौती, शिपमेंट में देरी और इसके स्पेशलाइज़्ड मटेरियल को धीमे अपनाने की वजह से इसकी शॉर्ट-टर्म परफ़ॉर्मेंस प्रभावित हुआ है. वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं ने इस दबाव को और बढ़ा दिया है, जिससे स्टॉक 52-हफ़्ते के निचले स्तर पर आ गया है.
हालांकि, AIA की नींव मज़बूत है. इसके पास कर्ज़ मुक्त बैलेंस शीट और ₹3,212 करोड़ के कैश रिजर्व हैं—एक फ़ाइनेंशियल सेफ़्टी नेट जो इसे अस्थायी झटकों से उबरने में मदद करेगी. प्रोडक्शन बढ़ाने और नए मटीरियल में डाइवर्सिटी लाने में निवेश इसकी भविष्य की ग्रोथ पर ध्यान देने की बात साफ़ दिखाता है. विपरीत रुख (कॉन्ट्रेरियन स्टांस) अपनाने के इच्छुक निवेशकों के लिए, AIA इंजीनियरिंग एक स्मार्ट निवेश हो सकता है, जो मार्केट की स्थिति बेहतर होने पर मज़बूत वापसी की संभावना बनाता है.
2) Asian Paints (स्टॉक रेटिंग: 3)
Asian Paints , जो भारत के डेकोरेटिव पेंट मार्केट में अव्वल है और एक ग्लोबल हेवीवेट है, इसकी जीवंत विकास (अच्छी ग्रोथ) कहानी ने अपनी चमक खो दी है. अपने इनोवेटिव प्रोडक्ट और 1.67 लाख रिटेल टचपॉइंट्स में फैले बेजोड़ डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के लिए जानी जाने वाली ये कंपनी लंबे समय से भारत के कंज़्यूमर सेंटीमेंट का संकेत रही है. फिर भी, शेयर अब ख़ुद को 52-हफ़्तों के निचले स्तर के क़रीब पाता है, जो धीमे होते बाज़ार की चुनौतियों को दिखाता है.
Q2 FY25 में इसके रेवेन्यू में 7% की गिरावट और टैक्स के बाद के प्रॉफ़िट में 42% की तेज़ गिरावट देखी गई. क़ीमतों में आक्रामक कटौती, कमज़ोर प्रोडक्ट मिक्स, और प्रतिस्पर्धा ने इसकी परफ़ॉर्मेंस पर असर किया है. दोषी कौन है? क़ीमतों में भारी कटौती, कमज़ोर प्रोडक्ट का भी होना और लगातार बनी रहने वाली प्रतिस्पर्धा, जिसमें प्रतिद्वंद्वी भारी छूट दे रहे हैं. मामले को बदतर बनाने के लिए, प्रमुख क्षेत्रों में लंबे समय तक मानसून और बाढ़ ने मांग को और कम कर दिया, ख़ासकर शहरी क्षेत्रों में, हालांकि ग्रामीण बाज़ारों ने आश्चर्यजनक लचीलापन दिखाया.
लेकिन ये कमज़ोर नींव पर बना बिज़नस नहीं है. एशियन पेंट्स क्षमता का विस्तार करने के साथ अपनी स्थिति को मज़बूत करने में व्यस्त है, जिसमें विनाइल एसीटेट और व्हाइट सीमेंट निर्माण में बैकवर्ड इंटीग्रेशन शामिल है. इनोवेशन ग्रोथ को रफ़्तार दे रहा है, इसके रेवेन्यू का 12 प्रतिशत हाल ही में लॉन्च किए गए प्रोडक्ट से आता है. इसके लागत पर क़ाबू करने की कोशिश और जानी-मानी ब्रांड इक्विटी से फ़ायदा उठाने का मज़बूत मौक़ा देते हैं.
कॉन्ट्रेरियन (यानि ट्रेंड के उलट जा कर निवेश की रणनीति वाले) निवेशकों के लिए, शेयर की कमज़ोरी एक अवसर पेश कर सकती है. जैसे-जैसे मांग स्थिर होती है और कंपनी की रणनीतिक पहल रंग दिखाती है, एशियन पेंट्स खोई हुई ज़मीन वापस पा सकता है.
3) Aptus Value Housing Finance (स्टॉक रेटिंग: 4)
Aptus Value Housing , कम आमदनी वाले और छोटे शहरों में फ़ाइनेंस के दायरे से बाहर के ग्राहकों को किफ़ायती होम लोन देता है. इस समय ये कंपनी रेग्युलेटरी चुनौतियों का सामना कर रही है. टियर-3 और टियर-4 शहरों, ख़ासतौर पर अपना काम-धंधा करने वाले और क़र्ज़ चाहने वालों पर इसका ध्यान है, जिन्हें अक्सर पारंपरिक क़र्ज़ देने वाले अनदेखा करते हैं, जिसने इसे हाउसिंग फ़ाइनेंस स्पेस में एक अलग पहचान दिलाई है. हालांकि, RBI द्वारा NBFC क़र्ज़ देने के तरीक़ों की कड़ी जांच और क़र्ज़ के डिस्ट्रीब्यूशन में देरी ने हाल ही में निवेशकों की इस धारणा को धुंधला कर दिया है.
इन चुनौतियों के बावजूद, कंपनी ने उल्लेखनीय लचीलापन दिखाया है. FY25 की दूसरी तिमाही में इसके प्रबंधन के तहत एसेट्स में साल-दर-साल 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई और इसने 99 प्रतिशत की प्रभावशाली कलेक्शन की क्षमता दिखाई है. केवल 1.25 प्रतिशत के कुल NPA रेशियो के साथ, Aptus अच्छा रिस्क मैनेजमेंट का प्रदर्शन करना जारी रखता है, फिर चाहे बड़े स्तर पर पर अनिश्चितता हो.
Aptus को जो चीज़ अलग करती है, वो है इसकी वित्तीय मज़बूती है. 73 प्रतिशत का मज़बूत पूंजी की मौजूदगी का अनुपात पक्का करता है कि कंपनी के पास स्थायी रूप से बढ़ने की काफ़ी क्षमता है कम लोन-टू-वैल्यू (LTV) रेशियो क़र्ज़ के रिस्क को और सीमित कर देता है, जिससे किफ़ायती आवास सेक्टर में एक दमदार खिलाड़ी के तौर पर इसकी स्थिति मज़बूत होती है.
एक कॉन्ट्रेरियन (विपरीत) निवेशक के लिए, एप्टस एक लुभावना मामला पेश करता है. जैसे-जैसे रेग्युलेटरी दबाव कम होते हैं, कंपनी की रणनीतिक पहल और मज़बूत बुनियादी बातें लंबे समय की ग्रोथ को अनलॉक कर सकती हैं.
4) Hatsun Agro Product (स्टॉक रेटिंग: 2)
दक्षिण भारत में डेयरी सेक्टर का प्रमुख नाम, Hatsun Agro , कच्चे माल की बढ़ती क़ीमतों और बढ़ते ख़र्चों से जूझ रही है. भारत के डेयरी बाज़ार में एक प्रमुख खिलाड़ी और अरोक्या, अरुण आइसक्रीम और इबाको जैसे ब्रांडों का घर हैटसन एग्रो, इन्वेंट्री के स्तर में बढ़ोतरी के कारण कम मार्जिन और बढ़ते क़र्ज़ के दौर से गुज़र रहा है. दक्षिणी भारत में अपनी मज़बूत उपस्थिति के लिए जानी जाने वाली कंपनी ने 8 प्रतिशत रेवेन्यू के बढ़ने के बावजूद Q2 FY25 में अपने शुद्ध लाभ में 17 प्रतिशत की गिरावट देखी. कच्चे दूध की बढ़ती क़ीमतों और ऊंची ऑपरेशनल ख़र्च के कारण मुनाफ़ा कम हुआ. उम्मीद से कम मांग ने इन्वेंट्री को भी बढ़ा दिया, जिससे एक दशक में पहली बार नेगेटिव कैश फ़्लो हुआ.
फिर भी, हैटसन एक अच्छी तरह से स्थापित व्यवसाय बना हुआ है. इसका डायरेक्ट ख़रीद का मॉडल, 100 प्रतिशत दूध सीधे किसानों से लेना, क्वालिटी कंट्रोल और सप्लाई की स्थिरता सुनिश्चित करते हैं - बंटे हुए डेयरी सेक्टर में ये एक बड़ा अंतर है. कंपनी अपने गोविंदपुर प्लांट में क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ 3,500 से ज़्यादा आउटलेट के अपने बड़े रिटेल फ़ुटप्रिंट का भी फ़ायदा उठा रही है, जिसका इस्तेमाल FY25 में 50 प्रतिशत से बढ़कर 75 प्रतिशत होने की उम्मीद है.
महत्वपूर्ण बात ये है कि इन्वेंट्री का स्तर सामान्य होने लगा है, जिससे कैश फ़्लो का दबाव कम होना चाहिए. अपने विश्वसनीय ब्रांड की प्रतिष्ठा और डेयरी उत्पादों की स्थिर मांग के साथ, हैटसन कच्चे माल की लागत स्थिर होने के बाद बदलाव के लिए तैयार है.
5) Birlasoft (स्टॉक रेटिंग: 4)
डिजिटल बदलाव, क्लाउड सॉल्यूशन और एंटरप्राइस रिसरोर्स प्लानिंग (ERP) में विशेषज्ञता वाली वैश्विक IT सर्विस देने वाली बिड़लासॉफ़्ट मार्जिन के दबाव से जूझ रही है. BFSI से लेकर कंस्ट्रक्शन और लाइफ़ साइंस तक की इंडस्ट्री को सर्विस देने वाली कंपनी ने माइक्रोसॉफ़्ट एज़्योर, SPऔर ओरेकल जैसी दिग्गजों के साथ साझेदारी की है. फिर भी, कुछ क्षेत्रों में कमज़ोर मांग ने इसके प्रदर्शन को कमज़ोर कर दिया है, और इसका ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट मार्जिन FY25 की दूसरी तिमाही में 14 प्रतिशत अंक गिरकर 10.5 प्रतिशत रह गया है. मूल्य निर्धारण रियायतें और ऑनसाइट-भारी रेवेन्यू मिक्स (जिसमें कर्मचारी ट्रांसफ़र के कारण ऊंची कॉस्ट शामिल है) ने प्रॉफ़िटेबिलिटी पर भार डाला है, जबकि लाइफ़ साइंस सेक्टर में गिरावट जारी है, जिससे रेवेन्यू में कमी आई है.
इन शॉर्ट-टर्म असफलताओं के बावजूद, बिड़लासॉफ़्ट की अंतर्निहित ताक़त बरक़रार है. जनरेटिव AI और क्लाउड सर्विस में निवेश बढ़ रहा है, अब 20 प्रतिशत रेवेन्यू डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म से आ रहा है - ये भविष्य के लिए तैयार तकनीकों की ओर इसके झुकाव का सबूत है. ERP सर्विस और रणनीतिक वैश्विक विस्तार पर इसका निरंतर ध्यान, वित्तीय स्थिरता के साथ मिलकर, बिड़लासॉफ़्ट को वापसी के लिए तैयार करता है. लॉन्ग-टर्म डिजिटल बदलावों के रुझानों पर नज़र रखने वाले निवेशकों के लिए, ये स्टॉक एक आकर्षक मामला पेश करता है, ख़ासकर जब बाज़ार की मांग स्थिर हो जाती है और इसके AI और क्लाउड इन्वेस्टमेंट के प्रॉफ़िट नंबर में दिखाई देने लगते हैं.
स्टॉक निवेश में याद रखने वाली बात
इस तरह की लिस्ट अक्सर आकर्षक होती है. लेकिन ये बस इतना ही है - एक लिस्ट जो निवेश लायक़ यूनिवर्स को एक मैनेज किए जाने वाले स्तर पर ला देती है. इससे पहले कि आप किसी शेयर को ख़रीदने का बटन दबाएं, हमारे फ़िल्टर के बाद आने वाले वास्तविक काम को करना याद रखें - कंपनी, उसकी इंडस्ट्री, मार्केट की स्थिति और मैनेजमेंट का कड़ा फ़ाइनेंशियल अनालेसिस.
अगर नहीं, तो आप ख़ुद को ऐसे निवेशों में बंद कर सकते हैं जो कभी भी नए निचले स्तर को पार करना बंद नहीं कर सकते हैं. बस यस बैंक को देखें. एसेट क्वालिटी और गवर्नेंस के मुद्दों के साथ इसके लंबे समय तक संघर्ष ने पक्का किया है कि ये बार-बार 52-सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच जाए.
जाने से पहले
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ये लेख पहली बार जनवरी 15, 2025 को पब्लिश हुआ.