- पिछले साल, निफ़्टी 500 TRI पर आधारित भारतीय इक्विटी मार्केट में 16.1 फ़ीसदी की ग्रोथ देखने को मिली, जबकि मोतीलाल ओसवाल फ़्लेक्सीकैप फ़ंड और इन्वेस्को इंडिया फ़ोकस्ड फ़ंड ने क्रमशः 46.5 फ़ीसदी और 44.7 फ़ीसदी का असाधारण रिटर्न दिया.
- मिड-कैप सेगमेंट में, मोतीलाल ओसवाल मिडकैप फ़ंड ने 2024 में 58.26 फ़ीसदी का शानदार रिटर्न दिया, जो निफ़्टी मिडकैप 150 TRI के 24.24 फ़ीसदी रिटर्न से काफ़ी बेहतर प्रदर्शन था. इन्वेस्को इंडिया मिडकैप फ़ंड ने भी 44.52 फ़ीसदी का रिटर्न देकर अच्छा प्रदर्शन किया.
- बंधन स्मॉलकैप फ़ंड स्मॉल-कैप सेगमेंट में सबसे आगे रहा, जिसने निफ़्टी स्मॉलकैप 250 TRI के 27 फ़ीसदी के मुकाबले 44.74 फ़ीसदी रिटर्न दिया.
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शानदार प्रदर्शन के कारण
वैल्यू रिसर्च ने मोतीलाल ओसवाल, इन्वेस्को और बंधन के सीनियर फ़ंड मैनेजर्स से ये जानने के लिए संपर्क किया कि वो इस साल कैसे शानदार प्रदर्शन करने में कामयाब रहे. जानिए, उन्होंने क्या कहा.
निकेत शाह, चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर, मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फ़ंड
शाह ने अपनी सफलता का श्रेय दो प्रमुख फ़ैक्टर्सः थीम का चयन और सेक्टर्स के भीतर सही स्टॉक का चयन, को दिया.
शाह ने कहा, "एक ऐसे साल में जब बाज़ारों को अर्निंग्स में ग्रोथ से जुड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, हमारे पोर्टफ़ोलियो ने अर्निंग्स में औसतन 25-30 फ़ीसदी की ग्रोथ दर्ज की. मिड-कैप IT, अस्पताल, मैन्युफैक्चरिंग और टेलिकॉम जैसी थीम ने फ़ंड्स के प्रदर्शन में ख़ासा योगदान दिया."
इक्विटी निवेश में, ख़राब प्रदर्शन करने वाले सेक्टर्स से बचना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि सही सेक्टर्स पर दांव लगाना. मोतीलाल ओसवाल के फ़ंड्स को फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) में निवेश न करने और बैंकिंग, फ़ाइनेंशियल सर्विसेज़ और इंश्योरेंस (BFSI) सेक्टर्स में न्यूनतम निवेश करने से फ़ायदा हुआ.
ताहिर बादशाह, चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर, इनवेस्को म्यूचुअल फ़ंड
बादशाह ने कहा कि डिफेंस, चुनिंदा PSU (सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियां), मैन्युफैक्चरिंग और फार्मा जैसी थीम ने उनके बेहतर प्रदर्शन में अच्छी भूमिका निभाई है.
उन्होंने कहा कि 2024 की शुरुआत में टिकाऊ ग्रोथ को लेकर बड़े स्तर पर संदेह के बावजूद उनके "सकारात्मक मार्केट आउटलुक" ने उनकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. बादशाह ने कहा, "जहां हमने माना कि कुछ मिड और स्मॉल-कैप शेयरों में वैल्यूएशन बढ़ा हुआ था, वहीं, हमने इन सेगमेंट्स में कई आकर्षक अवसरों की पहचान की."
मनीष गुनवानी, हेड (इक्विटीज़), बंधन एसेट मैनेजमेंट कंपनी
बंधन के स्मॉल-कैप फ़ंड ने मजबूत अल्फ़ा दिया, क्योंकि:
- उन्होंने संभावित विजेताओं की पहचान करने के लिए मोटे तौर पर सेक्टोरल रुझानों पर निर्भर रहने के बजाय प्रत्येक कंपनी का अलग-अलग विश्लेषण करते हुए, स्टॉक चुनने की बॉटम-अप (bottom-up) स्ट्रैटजी पर ध्यान केंद्रित किया.
- फ़ंड ने पिछले 18 महीनों में 8-10 फ़ीसदी कैश पोजिशन भी बनाए रखी, जिसे रिटर्न बढ़ाने के लिए बाज़ार में गिरावट के दौरान रणनीतिक निवेश किया गया.
गुनवानी ने बताया, "हमारी सोच ये है कि हम ऐसे शेयरों में निवेश करना चाहते हैं जो अगले तीन से चार सालों में दोगुने हो सकते हैं और ज़्यादा बेंचमार्क-केंद्रित नहीं हैं. जब हम बाज़ार में ऐसे अवसर देखते हैं, तो हम एलोकेशन बढ़ाते हैं और जब कोई अवसर नहीं होता है, तो हम एलोकेशन कम कर देते हैं।"
यहां ये बताना ज़रूरी है कि जनवरी 2023 में गुनवानी के फ़ंड हाउस से जुड़ने के बाद से बंधन के प्रदर्शन में काफ़ी सुधार हुआ है. इसके अलावा, रिसर्च टीम को तीन से बढ़ाकर नौ एनालिस्ट्स तक बढ़ाने से स्टॉक कवरेज बढ़ा है और बॉटम-अप स्टॉक चयन पर जोर दिया है.
2025 के लिए आउटलुक
मोतीलाल ओसवाल के निकेत शाह ने FMCG और बैंकिंग सेक्टर्स से दूर रहते हुए IT, फार्मा और चुनिंदा कंज्यूमर कंपनियों पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बनाई है.
बंधन के मनीष गुनवानी हेल्थकेयर कंपनियों के बारे में आशावादी बने हुए हैं और नई टेक कंपनियों में ख़ासे अवसर देखते हैं.
इन्वेस्को के ताहिर बादशाह ने आने वाले वर्ष को चुनौतीपूर्ण बताया: "आने वाले समय की बात करें तो 2025 पिछले दो वर्षों की तरह आसान नहीं हो सकता. जोखिम प्रबंधन महत्वपूर्ण होगा. 12-18 महीने के लिए निवेश करने वाले निवेशकों के लिए, लार्ज-कैप, फ़्लेक्सी-कैप या मल्टी-कैप फ़ंड जैसे डायवर्सिफ़ाइ़ड विकल्प उपयुक्त होंगे."
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