बड़े सवाल

क्या गिरते हुए मार्केट में इक्विटी निवेश समझदारी है?

आमतौर पर, बाज़ार में गिरावट डराने वाली होती है

Is it smart to invest during a market crash?- In HindiAI-generated image

"मैं इक्विटी में निवेश करना चाहता हूं, लेकिन पिछले कुछ हफ़्तों से बाज़ार में जारी गिरावट के चलते हिम्मत नहीं कर पा रहा हूं. मुझे क्या करना चाहिए?" ये सवाल हमारे पाठकों में से एक ने हाल ही में पूछा.

ये डर स्वाभाविक है. आख़िरकार, जब बाज़ार की गिरावट रुकने का अंदाज़ा ही नहीं लग रहा हो, तो इक्विटी में अपना पैसा लगाने का ख़याल ही डराने वाला हो सकता है. लेकिन अतीत को देखेंगे तो आपका डर कम हो जाएगा.

आप कोई भी रिकॉर्ड उठाएं तो पाएंगे कि बड़ी गिरावट के बाद सेंसेक्स ने हमेशा ही दमदार वापसी की है. तो, मौजूदा बाज़ार उसके आगे कुछ भी नहीं लगेंगे.

सेंसेक्स की बड़ी गिरावटें और उसके बाद दमदार वापसी

तारीख़ उच्चतम स्तर से गिरावट (%) सुस्ती का दौर उबरने में लगा समय निचले स्तर से पांच साल का रिटर्न (%)
28 मई, 1988 -41 1 साल 9 महीने 6 महीने 43
25 जनवरी, 1991 -39 3 महीने 6 महीने 24
26 अप्रैल, 1993 -54 1 साल 1 साल 4 महीने 15
04 दिसंबर, 1996 -41 2 साल 3 महीने 2 साल 7 महीने 4
21 सितंबर, 2001 -56 1 साल 7 महीने 2 साल 4 महीने 36
17 मई, 2004 -27 4 महीने 6 महीने 22
14 जून, 2006 -29 1 महीने 4 महीने 15
09 मार्च, 2009 -61 1 साल 2 महीने 1 साल 8 महीने 22
20 दिसंबर, 2011 -28 1 साल 1 महीने 1 साल 10 महीने 12
11 फ़रवरी, 2016 -23 1 साल 1 महीने 1 साल 2 महीने 18
23 मार्च, 2020 -38 2 महीने 8 महीने 26*
*30 दिसंबर, 2024 तक का डेटा

बड़े सबक़

  • यहां तक ​​कि भारी गिरावट (मिसाल: 2009 में 61%) के दौरान भी बाज़ार आख़िरकार संभल गया, जिससे निवेशकों को पांच साल के दौरान काफ़ी रिटर्न दिया.
  • संभलने की अवधि कुछ महीनों से लेकर कुछ सालों तक अलग-अलग रही, लेकिन आख़िरकार मार्केट में ग्रोथ ही देखी गई.
  • इन अवधियों के दौरान निवेश में बने रहने के लिए सब्र की ज़रूरत थी, लेकिन धीरे-धीरे इसका फ़ायदा दोहरे-अंको में मिले मुनाफ़े के तौर पर मिला.

दो और कारण हैं कि क्यों गिरते बाज़ार के बावजूद आपको निवेश करने से पीछे नहीं हटना चाहिए:

1. कम क़ीमत: जब बाज़ार में गिरावट आती है, तो शेयर और इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड सस्ते हो जाते हैं. ऐसे दौर में अपना निवेश शुरू करने से आपको उसी निवेश के लिए ज़्यादा यूनिट जमा करने का फ़ायदा मिलता है, जिससे बाज़ार की गिरावट ज़्यादा रिटर्न की संभावनाएं बनाती है.

2. कम्पाउंडिंग: आप जितने लंबे समय तक निवेश में बने रहेंगे, कम्पाउंडिंग उतना ही ज़्यादा फ़ायदा देगी . और निवेश जल्दी शुरू करना चाहिए यहां तक ​​कि बाज़ार में गिरावट के दौरान भी ऐसा ही करना चाहिए ताकि ये पक्का हो जाए कि आने वाले समय में जब बाज़ार पलटता है तो आपके निवेश को भी इसका फ़ायदा मिल सके. ये एक सरल सिद्धांत है: बाज़ार में टाइम बिताना बाज़ार को टाइम से करने बेहतर है यानि निवेश में बने रहना, निवेश के सही मौक़े का इंतज़ार करने से कहीं बेहतर है.

ये भी पढ़िए - 10 साल में सबसे ज़्यादा रिटर्न देने वाले 5 म्यूचुअल फ़ंड

उतार-चढ़ाव भरे दौर में समझदारी से निवेश कैसे करें?
अगर आप अभी भी झिझक रहे हैं, तो इस आसान गाइड को फ़ॉलो करें:

1. छोटी शुरुआत करें, लेकिन अभी करें
निवेश करने का सही समय अभी है. छोटी रक़म से शुरुआत करें, भले ही वो सिर्फ़ ₹100 ही क्यों न हो और समय के साथ आत्मविश्वास विकसित करें.

2. व्यवस्थित निवेश करें
एक सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) बाज़ार के उतार-चढ़ाव से निपटने का सबसे आसान तरीक़ा है. ये आपके निवेश को मार्केट साइकल् में फैलाता है, ये पक्का करता है कि जब क़ीमतें कम हों तो आप ज़्यादा यूनिट ख़रीदें और जब क़ीमतें ज़्यादा हों तो कम यूनिट ख़रीदें, जिससे आपकी निवेश लागत औसत हो जाती है.

3. लंबी अवधि के बारे में सोचें
इक्विटी निवेश से तुरंत फ़ायदे की उम्मीद न करें. लाभ कुछ सालों में नहीं, बल्कि दशकों में मिलते हैं. अपने फ़ाइनेंशियल गोल्स पर ध्यान केंद्रित करें और समय के साथ कम्पाउंडिंग को अपना काम करने दें.

4. मंदी में शांत रहें
बाज़ार की गिरावट पर भावुकता भरी प्रतिक्रिया देने से बचें. गिरावट के दौरान बेचने से नुक़सान होता है, जबकि निवेशित रहने से आपको अंततः गिरावट से फ़ायदा मिलता है.

गिरते बाज़ार के दौरान निवेश शुरू करने में हिचकिचाहट होना स्वाभाविक है. लेकिन इतिहास बताता है कि ऐसे समय अनुशासित रहने वालों को बड़ा फ़ायदा मिलता है. इसलिए, संदेह न करें. आज से ही शुरुआत करें, निवेश में लगातार बने रहें और बाजार को अपने पक्ष में काम करने दें.

ये भी पढ़िए - बाज़ार के इस उतार-चढ़ाव में चैन की नींद कैसे आए?

वैल्यू रिसर्च धनक से पूछें aks value research information

कोई सवाल छोटा नहीं होता. पर्सनल फ़ाइनांस, म्यूचुअल फ़ंड्स, या फिर स्टॉक्स पर बेझिझक अपने सवाल पूछिए, और हम आसान भाषा में आपको जवाब देंगे.


टॉप पिक

स्मॉल-कैप फ़ंड्स में पिछले साल ₹3 लाख निवेश किए थे, क्या बड़ी ग़लती हो गई?

पढ़ने का समय 4 मिनटउज्ज्वल दास

बजट 2025: टैक्स स्लैब रिवाइज़ होने के बाद अब आप ₹35,000-₹1.1 लाख बचाएंगे

पढ़ने का समय 2 मिनटवैल्यू् रिसर्च टीम

टैक्स में राहत से ख़ुशी तो मिलेगी, लेकिन बचत पर असर पड़ सकता है

पढ़ने का समय 4 मिनटधीरेंद्र कुमार

आपके पैसे पर क्या असर डालेगा बजट 2025?

पढ़ने का समय 4 मिनटवैल्यू् रिसर्च टीम

छोटी SIP का बड़ा खेल: एक जूनियर के करोड़पति बनने की कहानी

पढ़ने का समय 4 मिनटउज्ज्वल दास

म्यूचुअल फंड पॉडकास्ट

updateनए एपिसोड हर शुक्रवार

Invest in NPS

बचत पर टैक्स का बड़ा असर

हमें इसे कमतर नहीं आंकना चाहिए कि देश की टैक्स पॉलिसी हमारी बचत को कैसे आकार देती है; केंद्रीय बजट में ये झलकना चाहिए

दूसरी कैटेगरी