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कोफ़ोर्ज एक बार फिर से सुर्खियों में है. इस बार सिग्निटि टेक्नोलॉजीज़ की अपने साथ मर्ज़र की योजना के चलते ऐसा हुआ है. कंपनी में 54 फ़ीसदी हिस्सेदारी (पहले 28 फ़ीसदी से ज़्यादा) हासिल करने के बाद, कोफ़ोर्ज कुछ बड़ा करने की तैयारी कर रही है. लेकिन इस बार डील क्या हुई है? और, कोफ़ोर्ज, सिग्निटि को अपने साथ क्यों मिलाना चाहती है? निवेशकों के लिए इसमें क्या है? आइए इस ₹1,800 करोड़ की डील के बारे में विस्तार से जानते हैं.
क्यों हुई ये डील?
कोफ़ोर्ज बीमा, बैंकिंग और ट्रैवल सेक्टर के लिए IT सर्विस देने वाली दिग्गज कंपनियों में से एक है. वहीं सिग्निटि क्वालिटी एश्योरेंस (QA), सॉफ्टवेयर टेस्टिंग और AI आधारित डिजिटल इंजीनियरिंग में अग्रणी है.
किसमें है कितना दम?
कोफ़ोर्ज और सिग्निटि टेक्नोलॉजीज़ के फ़ाइनेंशियल्स पर एक नज़र
सिग्निटि टेक्नोलॉजीज़ | कोफ़ोर्ज | |
---|---|---|
रेवेन्यू (करोड़ ₹) | 1,815 | 9,179 |
नेट प्रॉफ़िट (करोड़ ₹) | 166 | 836 |
ऑपरेटिंग मार्जिन (%) | 10.7 | 12.2 |
मार्केट कैप (करोड़ ₹) | 5,057 | 63,672 |
सिग्निटि को ख़ुद में मिलाने के साथ, कोफ़ोर्ज इंडस्ट्री की एक ख़ास कंपनी से एक व्यापक IT सॉल्यूशन उपलब्ध कराने वाली कंपनी में बदल जाएगी. इसका लक्ष्य इंफ़ोसिस और TCS जैसी इस इंडस्ट्री की दिग्गज कंपनियों से मुकाबला करना और दुनिया भर के ग्राहकों को समग्र IT सर्विसेज प्रदान करने वाली वन-स्टॉप शॉप बनना है. ध्यान रखिए, ग्लोबल IT सर्विस मार्केट 2032 तक $2.25 ट्रिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें क्वालिटी एश्योरेंस और टेस्टिंग सर्विसेज की हिस्सेदारी 5 फ़ीसदी होगी.
सिग्निटि की बात करें तो मर्ज़र से उसे कोफ़ोर्ज का बड़ा क्लाइंट बेस मिलने की संभावनाएं बनेंगी, जिससे ये स्वचालन और AI में अपने कौशल को बहुत बड़े पैमाने पर प्रदर्शित करने में सक्षम हो सकती है.
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ग्लोबल मार्केट में पहुंच
इस मर्जर का एक आकर्षक पहलू कोफ़ोर्ज के लिए ग्लोबल मार्केट तक पहुंच कायम करने का मौक़ा है. सिग्निटि अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे बड़े बाज़ारों में काम करती है, जिससे कोफ़ोर्ज को इन बाज़ारों में वर्षों तक जमीनी स्तर पर तैयारी किए बिना प्रवेश करने का मौक़ा मिलता है.
सबसे बढ़िया बात है, भारत में सिग्निटि का डिलीवरी इकोसिस्टम. कम लागत वाले IT सॉल्यूशंस की बढ़ती मांग के साथ, ये कोफ़ोर्ज के लिए- कॉस्ट बढ़ाए बिना विस्तार वाली स्थिति है.
वैल्यूएशन की बात
इस डील के लिए कोफ़ोर्ज ने प्रति शेयर ₹1,415 खर्च किए, जिससे सिग्निटि की वैल्यू 28 के P/E रेशियो निकली है. इसकी तुलना में, कोफ़ोर्ज का अपना वैल्यूएशन 80 के भारी भरकम मल्टीपल पर है.
हालांकि, ध्यान रहे कि ये अभी भी एक बड़ा निवेश है जिससे कोफ़ोर्ज की वित्तीय स्थिति प्रभावित होगी.
निवेशकों के लिए, मर्ज़र एक आकर्षक मौक़ा है. कंपनियों के बीच मज़बूत तालमेल दिखाई देता है. कोफ़ोर्ज को इस डील से जहां अपनी क्षमताओं और पहुंच का विस्तार का मौक़ा मिलेगा, वहीं, सिग्निटि को तेज़ ग्रोथ के लिए ज़रूरी समर्थन मिलेगा. हालांकि, किसी भी प्रमुख कॉर्पोरेट एक्शन की तरह, डील की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि दोनों कंपनियां कितनी अच्छी तरह मर्ज़ होती हैं और अपनी योजना को पूरा करती हैं.
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