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Sai Life Sciences IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफ़रिंग) 11 दिसंबर 2024 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया. इसकी आख़िरी तारीख़ 13 दिसंबर 2024 है. निवेश का फ़ैसला लेने में निवेशकों की मदद के लिए, यहां हम इस फ़ार्मास्युटिकल कॉन्ट्रैक्ट रिसर्च एंड मैन्युफ़ैक्चरिंग कंपनी की ताक़त, कमज़ोरियों और ग्रोथ की संभावनाओं के बारे में बता रहे हैं.
Sai Life Sciences IPO: संक्षेप में
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क्वालिटी:
FY2022 और 2024 के बीच, कंपनी ने क़रीब 4 फ़ीसदी का एवरेज
रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE)
और 5 फ़ीसदी का एवरेज
रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE)
दर्ज किया.
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ग्रोथ:
FY22 और FY24 के बीच, इसका रेवेन्यू लगभग 30 फ़ीसदी सालाना बढ़ा; और इसी अवधि में इसका नेट प्रॉफ़िट लगभग 265 फ़ीसदी सालाना बढ़ा.
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वैल्यूएशन:
₹549 के ऊपरी प्राइस बैंड पर, कंपनी का स्टॉक क्रमशः 92 और 6 गुने के
P/E (प्राइस -टू-अर्निंग रेशियो)
और
P/B (प्राइस-टू-बुक रेशियो)
पर कारोबार करेगा.
- मार्केट में कंपनी की स्थिति: Sai Life Sciences एक कॉन्ट्रैक्ट रिसर्च, डेवलपमेंट एंड मैन्युफ़ैक्चरिंग ऑर्गेनाइज़ेशन (CRDMO) है, जो फ़ार्मास्युटिकल इंडस्ट्री में बढ़ते आउटसोर्सिंग ट्रेंड से फ़ायदा उठाने की स्थिति में है. इस समय, रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) के लिए आउटसोर्सिंग की डिमांड ख़ासकर बढ़ रही है. डवलपमेंट की मुश्किलें, ऊंची लागत, सप्लाई चेन में रुकावट और रेगुलेटरी नियमों का पालन करने जैसी चुनौतियां ग्लोबल R&D आउटसोर्सिंग सेवाओं को अपनाने के लिए कंपनियों को प्रेरित कर रही हैं. इसका सीधा फ़ायदा Sai Life Sciences जैसी कंपनियों को होगा. हालांकि, इस सेक्टर में बढ़ती प्रतिस्पर्धा कंपनी के लिए चुनौती बनी हुई है.
Sai Life Sciences के बारे में
Sai Life Sciences, ग्लोबल फ़ार्मा और बायोटेक कंपनियों को स्मॉल मॉलिक्यूल न्यू केमिकल एन्टिटीज़ (यानी नए खोजे गए केमिकल कंपाउंड्स) के लिए एंड-टू-एंड सेवाएं देती है. कंपनी की कुल इनकम का लगभग 43% हिस्सा नई दवाओं की खोज और रिसर्च से आता है, जबकि बाक़ी हिस्सा कॉन्ट्रैक्ट डेवलपमेंट एंड मैन्युफैक्चरिंग से आता है. कंपनी पूरी तरह एक्सपोर्ट पर निर्भर है और इसका 97% बिज़नस अमेरिका, यूके, यूरोप और जापान जैसे देशों से आता है. यह दर्शाता है कि Sai Life Sciences की ग्लोबल मार्केट में मज़बूत पकड़ है.
ताक़त
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इंटीग्रेटेड सर्विस:
Sai Life Sciences दवा की खोज (Drug Discovery), विकास (Development) और मैन्युफ़ैक्चरिंग की पूरी वैल्यू चेन में सर्विस देती है. ये एंड-टू-एंड सपोर्ट देने में सक्षम है, जिससे कंपनी को मिड-स्टेज ग्राहकों को भी आकर्षित करने में मदद मिलती है.
- मज़बूत कस्टमर बेस: कंपनी का कस्टमर बेस बेहद मज़बूत है, जिसमें दुनिया की टॉप 25 फ़ार्मा कंपनियों में से 18 कंपनियां (2023 के आंकड़ों के अनुसार) शामिल हैं. इनमें Pfizer और Johnson & Johnson जैसी दिग्गज कंपनियां भी शामिल हैं.
कमज़ोरियां
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क्लायंट कंसंट्रेशन का रिस्क:
FY24 में Sai Life Sciences के कुल 329 ग्राहकों में से टॉप 10 ग्राहकों ने कंपनी की कुल इनकम में 46% योगदान दिया. इसका मतलब है कि अगर किसी प्रमुख ग्राहक से आउटसोर्सिंग की डिमांड में रुकावट आती है, तो कंपनी पर इसका नेगेटिव असर पड़ सकता है.
- कर्मचारी ख़र्च ज़्यादा होना: कंपनी का पिछले तीन साल का औसत कर्मचारी ख़र्च इसकी इनकम का 34% रहा है, जो काफ़ी ज़्यादा है. इसका असर कंपनी के मुनाफ़े पर पड़ता है, जिससे इसका EBIT मार्जिन 11.3% पर आ गया है. ये इसके साथियों की तुलना में सबसे कम है, जबकि इसके ग्रॉस मार्जिन अच्छे हैं.
Sai Life Sciences IPO की डिटेल
IPO का कुल साइज़ (करोड़ ₹) | 3043 |
ऑफर फॉर सेल (करोड़ ₹) | 2093 |
नए इशू (करोड़ ₹) | 950 |
प्राइस बैंड (₹) | 522-549 |
सब्सक्रिप्शन की तारीख़ | 11 - 13 दिसंबर, 2024 |
उद्देश्य | क़र्ज़ चुकाना |
IPO के बाद
मार्केट कैप (करोड़ ₹) | 11,419 |
नेट वर्थ (करोड़ ₹) | 1,995 |
प्रमोटर होल्डिंग (%) | 35.2 |
प्राइस/अर्निंग रेशियो (P/E) | 92.3 |
प्राइस/बुक रेशियो (P/B) | 5.7 |
फ़ाइनेंशियल हिस्ट्री
फ़ाइनेंशियल्स (करोड़ ₹) | 2Y ग्रोथ (% सालाना) | TTM | FY24 | FY23 | FY22 |
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रेवेन्यू | 29.8 | 1,498 | 1,465 | 1,217 | 870 |
EBIT | 131.4 | 220 | 166 | 66 | 31 |
PAT | 271.9 | 124 | 83 | 10 | 6 |
नेट वर्थ | 1,045 | 974 | 887 | 878 | |
कुल डेट | 992 | 928 | 932 | 965 | |
EBIT-- अर्निंग बिफ़ोर इंटरेस्ट एंड टैक्स
PAT -- प्रॉफ़िट आफ्टर टैक्स TTM: सितम्बर 2024 में ख़त्म हुए 12 महीने |
प्रमुख रेशियो
रेशियो | 3 साल का औसत | TTM | FY24 | FY23 | FY22 |
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ROE (%) | 3.6 | 11.8 | 8.9 | 1.1 | 0.7 |
ROCE (%) | 4.7 | 10.7 | 8.9 | 3.6 | 1.7 |
EBIT मार्जिन (%) | 6.8 | 14.6 | 11.3 | 5.4 | 3.6 |
डेट-टू-इक्विटी | 1.0 | 0.9 | 1.0 | 1.0 | 1.1 |
ROE -- रिटर्न ऑन इक्विटी ROCE -- रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड |
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Sai Life Sciences की रिस्क रिपोर्ट
कंपनी और बिज़नस
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क्या पिछले 12 महीनों में Sai Life Sciences की टैक्स के पहले की कमाई (profit before tax) ₹50 करोड़ से ज़्यादा है?
हां. कंपनी ने सितंबर 2024 को ख़त्म होने वाले 12 महीनों में ₹166 करोड़ की ‘टैक्स के पहले की कमाई’ दर्ज़ की.
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क्या कंपनी अपना बिज़नस बढ़ा पाएगी?
हां. ग्लोबल स्मॉल मॉलिक्यूल CRDMO इंडस्ट्री, 2028 तक कुल CRDMO मार्केट का लगभग 53% हिस्सा बन सकती है. इसका मुख्य कारण फ़ार्मास्यूटिकल और बायोटेक R&D में बढ़ती आउटसोर्सिंग है. इससे कंपनी को अपने ऑपरेशन को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
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क्या कंपनी का कस्टमर बेस काफ़ी वफ़ादार है और क्या ये कंपनी किसी जाने-माने ब्रांड से जुड़ी है?
हां. FY24 के दौरान, कंपनी ने 280 से ज़्यादा फ़ार्मास्यूटिकल कंपनियों को सेवाएं दीं, जिनमें से 18 दुनिया की टॉप 25 कंपनियों में शामिल हैं. इसके अलावा, कंपनी ने अपने टॉप 10 ग्राहकों के साथ औसतन 12 साल का मज़बूत संबंध बनाए रखा है.
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क्या कंपनी के पास कॉम्पिटेटिव एडवांटेज़ है?
नहीं. इंडस्ट्री में कई बड़े खिलाड़ी मौज़ूद हैं, जिससे प्रतिस्पर्धा काफी तगड़ी है. इसके साथ ही, प्राइसिंग पॉवर भी ग्राहकों के हाथ में रहती है.
Sai Life Sciences का मैनेजमेंट
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क्या कंपनी के संस्थापकों में से किसी के पास अभी भी कंपनी में कम से कम 5 फ़ीसदी हिस्सेदारी है? या क्या प्रमोटरों के पास कंपनी में 25 फ़ीसदी से ज़्यादा हिस्सेदारी है?
हां. IPO के बाद प्रमोटर होल्डिंग 35 फ़ीसदी होगी.
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क्या टॉप 3 मैनजरों के पास कंपनी में काम करते हुए कुल मिलाकर 15 साल से ज़्यादा का लीडरशिप अनुभव है?
हां. कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर कृष्णम राजू और चेयरमैन कनुमुरी रंगा क्रमशः 2004 और 1999 से कंपनी के साथ बने हुए हैं.
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क्या मैनेजमेंट पर भरोसा किया जा सकता है? क्या कंपनी SEBI दिशानिर्देशों के तहत साफ़-सुथरी रिपोर्ट जारी करती है?
हां. कोई नेगेटिव जानकारी उपलब्ध नहीं है.
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क्या Sai Life Sciences की अकाउंटिंग पॉलिसी ठीक है?
हां. कोई नेगेटिव जानकारी उपलब्ध नहीं है.
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क्या कंपनी प्रमोटरों के शेयर गिरवी होने मुक्त है?
नहीं. प्रमोटरों के लगभग 2.46 फ़ीसदी शेयर गिरवी हैं (प्री-IPO).
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Sai Life Sciences के फ़ाइनेंशियल
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क्या कंपनी का वर्तमान और तीन साल का औसत रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) 15 फ़ीसदी से ज़्यादा और औसत रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE) 18 फ़ीसदी से ज़्यादा है?
नहीं. इसका 3 साल का औसत ROE और ROCE क्रमशः लगभग 4 और 5 फ़ीसदी है; और FY24 में, इसने लगभग 9 फ़ीसदी का ROE और ROCE दर्ज किया.
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क्या पिछले तीन साल के दौरान कंपनी का ऑपरेटिंग कैश फ़्लो पॉज़िटिव रहा है?
हां. FY22-24 में कंपनी का ऑपरेटिंग कैश फ़्लो पॉज़िटिव रहा है.
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क्या कंपनी का नेट डेट-टू-इक्विटी रेशियो 1 से कम है?
हां. Q2 FY25 तक, कंपनी का नेट डेट-टू-इक्विटी रेशियो 0.8 था.
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क्या कंपनी रोज़मर्रा के कामों के लिए बड़ी वर्किंग कैपिटल पर निर्भरता से मुक्त है?
नहीं. कंपनी की वर्किंग कैपिटल की ज़रूरतें काफी ज़्यादा हैं.
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क्या कंपनी अगले तीन साल में बाहरी फ़ंडिंग पर निर्भर हुए बिना अपना बिज़नस चला सकती है?
हां. कंपनी प्रॉफ़िटेबल है और इसका फ़्री कैश फ़्लो पॉज़िटिव है, जिससे इसे बाहरी फ़ंडिंग पर निर्भर होने की ज़रूरत नहीं हो सकती है.
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क्या कंपनी बड़ी आकस्मिक देनदारी से मुक्त है?
हां. Q2 FY25 तक, कंपनी की आकस्मिक देनदारियों इसकी नेट वर्थ का 2.5 फ़ीसदी थीं.
Sai Life Sciences का वैल्यूएशन
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क्या स्टॉक अपनी एंटरप्राइज़ वैल्यू पर 8 फ़ीसदी से ज़्यादा की ऑपरेटिंग अर्निंग यील्ड देता है?
नहीं. लिस्ट होने के बाद, ये स्टॉक अपनी एंटरप्राइज़ वैल्यू पर 2 फ़ीसदी ऑपरेटिंग अर्निंग यील्ड देगा.
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क्या स्टॉक का प्राइस-टू-अर्निंग रेशियो अपनी जैसी दूसरी कंपनियों के औसत से कम है?
नहीं. लिस्टिंग के बाद, यह स्टॉक अपने साथियों के 86 गुना औसत P/E रेशियो की तुलना में लगभग 92 गुना के P/E रेशियो पर कारोबार करेगा.
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क्या स्टॉक की प्राइस-टू-बुक वैल्यू अपनी जैसी दूसरी कंपनियों के औसत स्तर से कम है?
हां. लिस्टिंग के बाद, यह स्टॉक अपने साथियों के 12 गुना औसत P/B रेशियो की तुलना में लगभग 6 गुना के P/B रेशियो पर कारोबार करेगा.
डिस्क्लेमर: ये निवेश का सुझाव नहीं है. निवेश करने से पहले ज़रूरी जांच-पड़ताल ज़रूर करें.
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