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Deepak Builders IPO: दीपक बिल्डर्स एंड इंजीनियर्स IPO (इनीशियल पब्लिक ऑफर) 21 अक्तूबर 2024 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है और 23 अक्तूबर 2024 को बंद होगा. निवेशकों को बेहतर फ़ैसला लेने में मदद करने के लिए नीचे बुनियादी ढांचा कंपनी की ताक़त, कमज़ोरियों और ग्रोथ की संभावनाओं के बारे में बताया गया है.
Deepak Builders & Engineers IPO: संक्षेप में
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क्वालिटी:
FY22 और 2024 के बीच,कंपनी ने क्रमशः 35 और 33 फ़ीसदी के लगभग एवरेज
रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) और रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE)
दर्ज़ किया.
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ग्रोथ:
FY22-24 के दौरान, कंपनी का रेवेन्यू और नेट प्रॉफ़िट क्रमशः 19 और 85 फ़ीसदी सालाना बढ़ा है.
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वैल्यूएशन:
लिस्टिंग के बाद, कंपनी का स्टॉक क्रमशः 15.7 और 2.5 गुने के
P/E (प्राइस -टू-अर्निंग रेशियो)
और
P/B (प्राइस-टू-बुक रेशियो)
पर कारोबार करेगा.
- मार्केट में कंपनी की स्थिति: सेक्टर के मुताबिक़ अनुकूल परिस्थितियां कंपनी की ग्रोथ की संभावनाओं को सहारा दे रही हैं. रेलवे और बुनियादी ढांचे के विकास पर सरकार के ज़ोर से कंपनी को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी. हालांकि, बाज़ार में कई कंपनियों के साथ मूल्य-आधारित प्रतिस्पर्धा इसकी संभावनाओं के लिए खतरा पैदा करती है।
दीपक बिल्डर्स एंड इंजीनियर्स के बारे में
दीपक बिल्डर्स एंड इंजीनियर्स एक इंजीनियरिंग, ख़रीद और निर्माण (EPC) कंपनी है, जो ख़ासकर रेलवे सेक्टर में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे और कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स को पूरा करती है. ये रेलवे पुलों का निर्माण करती है और रेलवे स्टेशनों के विकास और पुनर्विकास का भी काम करती है. इसके अन्य कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स में प्रशासनिक और संस्थागत भवन, अस्पताल और फ्लाईओवर आदि शामिल हैं. कंपनी के पास फ़ाइनेंशियल ईयर 24 तक ₹ 1,380 करोड़ के ऑर्डर थे, जिनमें से 66 फ़ीसदी रेलवे से थे.
दीपक बिल्डर्स एंड इंजीनियर्स की क्षमताएं
- मज़बूत ऑर्डर बुक: कंपनी की ₹1,380 करोड़ की ऑर्डर बुक उसके फ़ाइनेंशियल ईयर 24 के रेवेन्यू से लगभग तीन गुनी है, जो इसके बिज़नस के ठोस होने के संकेत देती है. फ़ाइनेंशियल ईयर 22 और फ़ाइनेंशियल ईयर 24 के बीच, कंपनी ने अपनी ऑर्डर बुक को लगभग दोगुना कर दिया, जो इसकी मजबूत निष्पादन क्षमताओं और सरकारी अनुबंध हासिल करने में लगातार सफलता को दर्शाता है.
दीपक बिल्डर्स एंड इंजीनियर्स की कमज़ोरियां
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क्षेत्रीय निर्भरता:
कंपनी का रेवेन्यू भौगोलिक यानी कुछ क्षेत्रों पर केंद्रित है, जिसका 33 फ़ीसदी अकेले पंजाब से आता है, जिससे इसके साथ क्षेत्रीय जोखिम जुड़े हुए हैं.
- सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स पर ज़्यादा निर्भरता: कंपनी की ऑर्डर बुक में पूरी तरह से सरकार द्वारा दिए गए कॉन्ट्रैक्ट्स शामिल हैं. सरकारी ख़र्च में मंदी से बिज़नस को काफ़ी नुक़सान हो सकता है.
Deepak Builders & Engineers IPO की डिटेल्स
IPO का कुल साइज़ (करोड़ ₹) | 260 |
ऑफर फॉर सेल (करोड़ ₹) | 43 |
नए इशू (करोड़ ₹) | 217 |
प्राइस बैंड (₹) | 192-203 |
सब्सक्रिप्शन की तारीख़ | 21-23 अक्तूबर 2024 |
उद्देश्य | क़र्ज़ लौटाना और वर्किंग कैपिटल के लिए फ़ंड जुटाना |
IPO के बाद
मार्केट कैप (करोड़ ₹) | 946 |
नेट वर्थ (करोड़ ₹) | 373 |
प्रमोटर होल्डिंग (%) | 72.5 |
प्राइस/अर्निंग रेशियो (P/E) | 15.7 |
प्राइस/बुक रेशियो (P/B) | 2.5 |
फ़ाइनेंशियल हिस्ट्री
फ़ाइनेंशियल्स (करोड़ ₹) | 2 साल का CAGR (%) | FY24 | FY23 | FY22 |
---|---|---|---|---|
रेवेन्यू | 18.7 | 511 | 433 | 363 |
EBIT | 65.5 | 105 | 45 | 38 |
PAT | 84.9 | 60 | 21 | 18 |
नेट वर्थ | 141 | 89 | 70 | |
कुल डेट | 157 | 97 | 80 | |
EBIT-- अर्निंग बिफ़ोर इंटरेस्ट एंड टैक्स
PAT -- प्रॉफ़िट आफ्टर टैक्स |
प्रमुख रेशियो
रेशियो | 3 साल का औसत (%) | FY24 | FY23 | FY22 |
---|---|---|---|---|
ROE (%) | 34.6 | 52.4 | 26.8 | 24.7 |
ROCE (%) | 32.6 | 43.4 | 27.0 | 27.3 |
EBIT मार्जिन (%) | 13.9 | 20.5 | 10.5 | 10.6 |
डेट-टू-इक्विटी | 1.1 | 1.1 | 1.1 | 1.1 |
ROE -- रिटर्न ऑन इक्विटी ROCE -- रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड |
रिस्क रिपोर्ट
कंपनी और बिज़नस
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क्या पिछले 12 महीनों में दीपक बिल्डर्स की टैक्स के पहले की कमाई (profit before tax) ₹50 करोड़ से ज़्यादा है?
हां. कंपनी ने फ़ाइनेंशियल ईयर 2024 में ₹82 करोड़ की ‘टैक्स के पहले की कमाई’ दर्ज की.
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क्या कंपनी अपना बिज़नस बढ़ा पाएगी?
हां. बुनियादी ढांचे के विकास और रेलवे पर सरकार के बढ़ते फोकस से कंपनी को ऑर्डर हासिल करने और अपने परिचालन को बढ़ाने में मदद मिलने की उम्मीद है. इसके अलावा, कंपनी ने अपने ऑर्डर बुक को प्रभावशाली ढंग से बढ़ाया है, पिछले तीन सालों में ये लगभग दोगुनी हो गई है.
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क्या दीपक बिल्डर्स का कस्टमर बेस काफ़ी वफ़ादार है और क्या ये कंपनी किसी जाने-माने ब्रांड से जुड़ी है?
नहीं. कंपनी कंस्ट्रक्शन बिज़नस में लगी हुई है, जिसमें कंपनियों के बीच अंतर कम है और वैल्यू-आधारित प्रतिस्पर्धा ज़्यादा है.
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क्या कंपनी को सुरक्षा घेरा (मोट) हासिल है?
नहीं. दीपक बिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ऐसे माहौल में काम करती है, जहां छोटे और बड़े दोनों ही तरह की कंपनियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा होती है. कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में कम अंतर होने के कारण कंपनी के लिए अपने प्रतिस्पर्धियों पर प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त हासिल करना मुश्किल हो जाता है.
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मैनेजमेंट
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क्या कंपनी के संस्थापकों में से किसी के पास अभी भी कंपनी में कम से कम 5 फ़ीसदी हिस्सेदारी है? या क्या प्रमोटरों के पास कंपनी में 25 फ़ीसदी से ज़्यादा हिस्सेदारी है?
हां. IPO के बाद, प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 72.5 फ़ीसदी हो जाएगी.
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क्या टॉप 3 मैनजरों के पास कंपनी में काम करते हुए कुल मिलाकर 15 साल से ज़्यादा का लीडरशिप अनुभव है?
हां. प्रबंध निदेशक दीपक कुमार सिंघल 2017 में कंपनी के गठन के बाद से ही इसके साथ जुड़े हुए हैं.
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क्या मैनेजमेंट पर भरोसा किया जा सकता है? क्या कंपनी SEBI दिशानिर्देशों के तहत साफ़-सुथरी रिपोर्ट जारी करती है?
हां. कोई नेगेटिव जानकारी उपलब्ध नहीं है.
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क्या कंपनी की अकाउंटिंग पॉलिसी ठीक है?
हां. कोई नेगेटिव जानकारी उपलब्ध नहीं है.
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क्या कंपनी प्रमोटरों के शेयर गिरवी होने मुक्त है?
हां. कोई शेयर गिरवी नहीं रखे हैं.
फ़ाइनेंशियल
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क्या कंपनी का वर्तमान और तीन साल का औसत रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) 15 फ़ीसदी से ज़्यादा और औसत रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE) 18 फ़ीसदी से ज़्यादा है?
हां. इसका तीन साल का औसत ROE और ROCE क्रमशः 35 और 33 फ़ीसदी के लगभग है. FY24 में, इसका ROE और ROCE क्रमशः 53 और 43 फ़ीसदी के लगभग रहा है.
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क्या पिछले तीन साल के दौरान कंपनी का ऑपरेटिंग कैश फ़्लो पॉज़िटिव रहा है?
नहीं. इसने FY24 में ₹27 करोड़ का नेगेटिव कैश फ़्लो दर्ज किया.
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क्या कंपनी का नेट डेट-टू-इक्विटी रेशियो 1 से कम है?
नहीं. FY24 में उसका नेट डेट टू इक्विटी रेशियो एक था.
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क्या कंपनी रोज़मर्रा के कामों के लिए बड़ी वर्किंग कैपिटल पर निर्भरता से मुक्त है?
नहीं. लंबी अवधि की परियोजनाओं की प्रकृति के कारण कंपनी की वर्किंग कैपिटल की ज़रूरत बहुत ज़्यादा है. FY24 तक, इसका वर्किंग कैपिटल साइकल 172 दिनों का था.
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क्या कंपनी अगले तीन साल में बाहरी फ़ंडिंग पर निर्भर हुए बिना अपना बिज़नस चला सकती है?
नहीं. इस बिज़नस में ज़्यादा कैपिटल की ज़रूरत होती है. कंपनी ने अपनी पूंजी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पहले भी क़र्ज लिया है. परिणामस्वरूप, FY22-24 के बीच इसका क़र्ज लगभग दो गुना बढ़ गया है. इसके अलावा, इसे अपनी ऑर्डर बुक को पूरा करने के लिए ख़ासी वर्किंग कैपिटल की ज़रूरत होगी. इन फ़ैक्टर्स के कारण पैसा जुटाना ज़रूरी होगा.
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क्या कंपनी बड़ी आकस्मिक देनदारी से मुक्त है?
नहीं. FY24 तक, कुल इक्विटी के प्रतिशत के रूप में इसकी आकस्मिक देनदारियां लगभग 188 फ़ीसदी थीं.
वैल्यूएशंस
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क्या स्टॉक अपनी एंटरप्राइज़ वैल्यू पर 8 फ़ीसदी से ज़्यादा की ऑपरेटिंग अर्निंग यील्ड देता है?
हां. ये स्टॉक अपनी एंटरप्राइज़ वैल्यू पर 9.5 फ़ीसदी ऑपरेटिंग अर्निंग यील्ड देगा.
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क्या स्टॉक का प्राइस-टू-अर्निंग रेशियो अपनी जैसी दूसरी कंपनियों के मीडियन लेवल कम है?
हां. लिस्ट होने के बाद ये स्टॉक 16 गुना P/E पर कारोबार करेगा, जबकि इसकी जैसी दूसरी कंपनियों का मीडियन स्तर 21 गुना है.
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क्या स्टॉक की प्राइस-टू-बुक वैल्यू अपनी जैसी दूसरी कंपनियों के औसत स्तर से कम है?
हां. लिस्ट होने के बाद ये स्टॉक 2.5 गुना P/B रेशियो पर ट्रेड होगा, जबकि इसकी जैसी दूसरी कंपनियों का मीडियन लेवल 3.5 गुना है.
डिस्क्लेमर: ये निवेश का सुझाव नहीं है. निवेश करने से पहले ज़रूरी जांच-पड़ताल करें.
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