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जब लोहा गरम हो, तब ही वार करना चाहिए और चूंकि शेयर मार्केट में इस समय अच्छी तेज़ी बनी हुई है, इसलिए इक्विटी फ़ंड इस तेज़ी का फ़ायदा उठा रहे हैं. हालांकि, सभी इक्विटी फ़ंड ऐसा नहीं कर रहे हैं. कुछ ने जानबूझकर अपना निवेश रोक दिया है और सही समय के लिए अपने पैसे बचाए हुए हैं.
हम ये कहना चाहते है कि कुछ इक्विटी फ़ंड मार्केट के नई-नई ऊंचाइयों पर पहुंचने के बावज़ूद कैश को अपने पास रखे हुए हैं या डेट में निवेश कर रहे हैं. ये फ़ंड निवेशकों से पैसा तो ले रहे हैं, लेकिन वे इसे शेयरों में निवेश नहीं कर रहे हैं; या उतना निवेश नहीं कर रहे हैं जितना उन्हें आम तौर पर करना चाहिए.
क्या ये ख़राब रणनीति है? अगर आपने इन कंज़र्वेटिव या सावधानी बरतने वाली स्कीम में निवेश किया है तो ऐसा नहीं है. PPFAS म्यूचुअल फ़ंड के चेयरमैन और CEO नील पराग पारिख और क्वांटम के फ़ंड मैनेजर जॉर्ज थॉमस दोनों ने ही सावधानी भरे लहज़े में कहा कि "शुरुआती वैल्यूएशन इतने सस्ते नहीं हैं" और कई कंपनियां मौज़ूदा मार्केट में "हमारे सही वैल्यू के अनुमान से आगे निकल गई हैं".
कैश पर बैठे 11 फ़ंड
इन 11 डाइवर्सिफ़ाइड इक्विटी फ़ंड के पास 10 फ़ीसदी से ज्यादा कैश होल्डिंग है
फ़ंड का नाम | वर्तमान कैश होल्डिंग (%) | औसत कैश होल्डिंग (%) |
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पराग पारिख फ़्लेक्सी कैप | 17.6 | 16.0 |
पराग पारिख ELSS टैक्स सेवर | 16.7 | 17.1 |
क्वांटम स्मॉल कैप | 16.5 | 17.3 |
क्वांटम ELSS टैक्स सेवर | 15.2 | 14.1 |
क्वांटम लॉन्ग टर्म इक्विटी वैल्यू | 14.0 | 13.1 |
ICICI प्रुडेंशियल वैल्यू डिस्कवरी | 13.9 | 11.6 |
ग्रो वैल्यू | 13.5 | 10.7 |
ICICI प्रूडेंशियल इंडिया अपॉर्चुनिटीज़ | 13.0 | 12.0 |
ICICI प्रुडेंशियल स्मॉलकैप | 11.2 | 10.3 |
बंधन स्मॉल कैप | 10.8 | 10.1 |
HDFC फ़ोकस्ड 30 | 10.1 | 10.3 |
नोट: 31 अगस्त 2024 तक की करेंट होल्डिंग्स. पिछले छह महीनों की औसत कैश और डेट होल्डिंग्स. |
PPFAS के नील पारिख ने कहा, "हम इस बात को लेकर सजग हैं कि हम किसी शेयर को ख़रीदने के लिए क्या क़ीमत चुकाएंगे. हम इस मार्केट में उचित क़ीमत की तलाश में अपना समय ले रहे हैं. कुछ सेक्टर/शेयर पर बाक़ियों का ध्यान नहीं गया और उन्हें हमने अपने पोर्टफ़ोलियो में शामिल किया है." PPFAS की स्कीम्स ने इस समय निवेशकों के पैसे का लगभग 20 फ़ीसदी हिस्सा सही मौक़े की तलाश में होल्ड रखा हुआ है.
तब तक, वो "वैल्यूएशन के कम्फर्ट ज़ोन में पहुंचने का सब्र से इंतजार करेंगे".
क्वांटम के थॉमस ने भी इस बात से सहमति जताई: "इस समय के मार्केट सेट-अप में बहुत कम शेयर हैं जो हमारी ख़रीद की लिमिट के क़रीब हैं." उन्होंने कहा कि वे कैश का इस्तेमाल सिर्फ़ तभी करेंगे जब वे एक "बड़ा मार्केट करेक्शन" देखेंगे.
हमारी राय
कैश पर बैठे रहने और इस तेज़ी से बढ़ते मार्केट का फ़ायदा न लेने की रणनीति ख़राब या बेतुकी नहीं है, और न ही ऐसा पहली बार हो रहा है. ये सिर्फ़ अलग-अलग इन्वेस्टमेंट फ़िलॉसफ़ी वाला मामला है.
भले ही, कई फ़ंड हाउस को मौज़ूदा तेज़ी के दौर में चूक जाने का डर (फियर ऑफ़ मिसिंग आउट या FOMO) हो सकता है, वहीं कुछ फ़ंड हाउस मौज़ूदा शानदार रिटर्न के बारे में न सोचकर सही समय के इंतजार में बैठे हो सकते हैं.
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