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क्या होता है पीई रेशियो?

ये रेशियो आपको बताएगा कि कोई स्टॉक महंगा है या सस्ता. तो जानिए कब कोई स्टॉक महंगा होता है और कब सस्ता कहलाता है.

क्या होता है पीई रेशियो? जानिए इसका महत्व और उपयोग | PE ratio meaning in Hindi

जब भी आप किसी स्टॉक में निवेश करने की सोचते हैं, तो कई फ़ाइनेंशियल टर्म सामने आते हैं. इनमें से एक बेहद महत्वपूर्ण टर्म है पीई रेशियो (Price to Earnings Ratio). ये रेशियो आपको बताता है कि कोई स्टॉक महंगा है या सस्ता और ये आपकी निवेश योजना में एक अहम भूमिका निभाता है. आइए इसे विस्तार से समझते हैं.

पीई रेशियो क्या है? (What is PE Ratio?)

पीई रेशियो किसी कंपनी के स्टॉक प्राइस को उसकी प्रति शेयर कमाई (Earnings Per Share - EPS) से विभाजित करके निकाला जाता है.

ये रेशियो दिखाता है कि निवेशक एक रुपये की कमाई के लिए कितनी क़ीमत देने को तैयार हैं.

पीई रेशियो का महत्व (Importance of PE Ratio)

  1. स्टॉक का वैल्यूएशन समझने में मदद करता है: पीई रेशियो बताता है कि कोई स्टॉक ओवरवैल्यूड है या अंडरवैल्यूड.
  2. कंपनी की ग्रोथ संभावनाएं: अगर किसी कंपनी का पीई ज़्यादा है, तो इसका मतलब हो सकता है कि निवेशक भविष्य में अच्छी ग्रोथ की उम्मीद कर रहे हैं.
  3. प्रतिस्पर्धी कंपनियों की तुलना: निवेशक इसे एक ही इंडस्ट्री की दूसरी कंपनियों से तुलना करने में इस्तेमाल सकते हैं.

पीई रेशियो के प्रकार (Types of PE Ratio)

  1. फ़ॉरवर्ड पीई (Forward PE): भविष्य की अनुमानित कमाई के आधार पर निकाला जाता है.
  2. ट्रेलिंग पीई (Trailing PE): पिछले 12 महीनों की कमाई को आधार मानता है.

पीई रेशियो का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use PE Ratio for Investment?)

  • हाई पीई रेशियो: ये दिखाता है कि स्टॉक महंगा हो सकता है, लेकिन कंपनी की ग्रोथ संभावनाएं ज़्यादा हो सकती हैं.
  • लो पीई रेशियो: ये संकेत देता है कि स्टॉक सस्ता हो सकता है, लेकिन कंपनी के प्रदर्शन में सुधार की ज़रूरत हो सकती है.
  • दूसरे फ़ाइनेंशियल मैट्रिक्स के साथ तुलना करें: सिर्फ़ पीई रेशियो पर निर्भर न रहें. दूसरे फ़ंडामेंटल फैक्टर जैसे रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE), डेट-टू-इक्विटी रेशियो का भी ध्यान रखें.

स्टॉक्स में निवेश के लिए पीई रेशियो का सही इस्तेमाल (Right Way to Use PE Ratio for Investment)

  1. इंडस्ट्री एवरेज को समझें: अलग-अलग सेक्टरों के लिए सामान्य पीई रेशियो अलग हो सकता है.
  2. साइक्लिकल कंपनियों में सावधानी बरतें: ऑटोमोबाइल, रियल एस्टेट जैसी कंपनियों के लिए पीई रेशियो में उतार-चढ़ाव ज़्यादा हो सकता है.
  3. दूसरे फ़ाइनेंशियल फैक्टरों के साथ संतुलन बनाए रखें: सिर्फ़ पीई रेशियो को देखकर निवेश का फ़ैसला न लें.

म्यूचुअल फ़ंड का PE रेशियो

म्यूचुअल फ़ंड के मामले में, सबसे पहले, इक्विटी फ़ंड शेयरों का एक समूह या कलेक्शन है. इसलिए, किसी फ़ंड का PE उसके पोर्टफ़ोलियो में मौजूद सभी स्टॉक के PE का औसत होता है. चूंकि फ़ंड पोर्टफ़ोलियो बदलते रहते हैं, इसलिए PE भी बदलेगा और ये संबंधित एसेट की ग्रोथ की संभावनाओं को प्रतिबिंबित नहीं करेगा. किसी फ़ंड का PE उसके स्टॉक का वेटेड एवरेज (weighted average) PE होता है. इसमें नक़दी की कोई भूमिका नहीं होती.

ये भी पढ़िए - Index Fund चुनते समय किन बातों का ध्यान रखें?

म्यूचुअल फ़ंड का PE रेशियो देखने के मायने

आपको सावधानी बरतनी चाहिए और PE पर ग़ौर करते समय कैश कम्पोनेंट भी ध्यान में रखना होगा. इसी तरह, घाटे में चल रही कंपनियों को ज़ीरो वैल्यू दी जाती है. इन कारणों से शेयर की तुलना में एक फ़ंड के PE पर ध्यान देने का ज़्यादा मतलब नहीं है. बहरहाल, एक फ़ंड के PE का इस्तेमाल अपनी कैटेगरी में फ़ंड की तुलना करने या कैटेगरी के बीच तुलना करने के लिए किया जा सकता है. अगर आप वैल्यू फ़ंड में निवेश कर रहे हैं, तो उम्मीद करें कि फ़ंड का PE ग्रोथ फ़ंड की तुलना में कम होगा.

इसी तरह, मिड-कैप फ़ंड में आम तौर पर लार्ज-कैप फ़ंड की तुलना में कम PE होगा. इसलिए, एक फ़ंड का PE रेशियो हमें बता सकता है कि फ़ंड में दूसरे फ़ंड की तुलना में ज़्यादा ग्रोथ स्टॉक या वैल्यू स्टॉक हैं. लेकिन याद रखें, जैसे ग्रोथ और वैल्यू स्थिर कॉन्सेप्ट नहीं हैं, वैसे ही एक फ़ंड का PE भी बदलता रहेगा.

जाते-जाते

पीई रेशियो निवेश के लिए एक काम का टूल है, लेकिन इसे अकेले इस्तेमाल करना सही नहीं होगा. बेहतर निर्णय लेने के लिए इसे दूसरे फ़ाइनेंशियल मेट्रिक्स और मार्केट कंडीशन्स के साथ मिलाकर समझना ज़रूरी है. सही तरीक़े से पीई रेशियो का इस्तेमाल करके आप अपने निवेश को ज़्यादा प्रभावी बना सकते हैं.

पीई रेशियो पर आम सवालों के जवाब (FAQs)

1. पीई रेशियो ज़्यादा होना अच्छा है या कम?

पीई रेशियो ज़्यादा होने का अर्थ है कि निवेशक भविष्य में कंपनी की बेहतर ग्रोथ की उम्मीद कर रहे हैं, जबकि कम पीई रेशियो दिखाता है कि स्टॉक अंडरवैल्यूड हो सकता है. लेकिन इसका सही आकलन दूसरे फैक्टरों को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए.

2. एक अच्छा पीई रेशियो क्या होता है?

अलग-अलग इंडस्ट्री के लिए अच्छा पीई रेशियो अलग होता है. आमतौर पर 15-25 का पीई रेशियो सामान्य माना जाता है, लेकिन निवेश से पहले इंडस्ट्री एवरेज की स्टडी ज़रूरी है.

3. पीई रेशियो और ईपीएस में क्या अंतर है?

पीई रेशियो स्टॉक की कीमत को प्रति शेयर आय से विभाजित करता है, जबकि ईपीएस कंपनी की कुल कमाई को आउटस्टैंडिंग शेयरों से विभाजित करता है.

4. क्या पीई रेशियो से स्टॉक का भविष्य जाना जा सकता है?

नहीं, पीई रेशियो अकेले स्टॉक का भविष्य तय नहीं कर सकता. निवेशकों को दूसरे फ़ाइनेंशियल इंडिकेटर और मार्केट ट्रेंड्स को भी देखना चाहिए.

5. कम पीई रेशियो वाला स्टॉक ख़रीदना सही होता है?

कम पीई रेशियो वाले स्टॉक्स आकर्षक लग सकते हैं, लेकिन ये ज़रूरी नहीं कि वे अच्छे निवेश हों. कंपनी की फ़ाइनेंशियल स्थिति और ग्रोथ पोटेंशियल को समझना ज़रूरी है.

ये लेख पहली बार सितंबर 11, 2024 को पब्लिश हुआ, और जनवरी 23, 2025 को अपडेट किया गया.

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