ख़बरें आपके पोर्टफ़ोलियो की दोस्त नहीं
डीपसीक की घटना बताती है कि ख़बरों पर तुंरत रिएक्ट करना शायद ही कभी अच्छा होता है
डीपसीक की घटना बताती है कि ख़बरों पर तुंरत रिएक्ट करना शायद ही कभी अच्छा होता है
कब सस्ते स्टॉक वाक़ई सस्ते होते हैं और कब वे सिर्फ़ एक ट्रैप बन जाते हैं
बाज़ार की गिरावट में अवसर छुपे होते हैं, लेकिन सिर्फ़ उन्हीं के लिए जो घबराने के बजाय धीरज रखना जानते हैं.
जब 'पैसिव' फ़ंड्स को एक्टिव फ़ैसले लेने की ज़रूरत पड़े, तो समझ जाइए कुछ बहुत ग़लत है
अच्छा निवेश धैर्य की बात है, लगातार कुछ करते रहने की नहीं
सरकार का जमा किया सोना भी अगर शक़ के दायरे में आ जाए तो उसका क्या मतलब हो सकता है
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