एनेलिस्ट की पसंद
हाल में देखा गया
सब क्लियर करें
सेबी के रिस्कोमीटर के आधार पर
Split between different types of investments
Split between categories of Equity investments
फंड का नाम
|
रेटिंग |
वैल्यू रिसर्च धनक की राय |
रिस्क
|
रिटर्न (%) |
|
व्यय अनुपात (%)
|
---|---|---|---|---|---|---|
SBI Nifty 10 yr Benchmark G-Sec ETF
|
मॉडरेट
|
लोडिंग... |
0.14 |
|||
मॉडरेट
|
लोडिंग... |
0.14 |
||||
मॉडरेट
|
लोडिंग... |
0.39 |
||||
मॉडरेट
|
लोडिंग... |
0.63 |
₹3,162 करोड़
--
5,000
--
--
--
निवेश की रणनीति
यह स्कीम ऐसे रिटर्न प्रदान करने का प्रयास करती है, जो ट्रैकिंग त्रुटि के अधीन, अंडरलाईंग इंडेक्स द्वारा दर्शाए गए सेक्योरिटीज़ के कुल रिटर्न के साथ निकटता से मेल खाते हैं.
उपयुक्तता
"ये एक ऐसा फ़ंड है जो मुख्य रूप से भारत सरकार द्वारा जारी बॉन्ड में निवेश करता है जो 10 साल या उससे ज़्यादा समय में मैच्योर होगा. इन बॉन्ड्स में डिफ़ॉल्ट का कोई रिस्क नहीं होता, क्योंकि निवेशकों के पैसे के पेमेंट को सरकार का समर्थन होता है. लेकिन ब्याज दरों में बदलाव के कारण उनमें तेज़ उतार-चढ़ाव का ख़तरा होता है.
हालांकि, रिटेल निवेशक इन फ़ंड्स से पूरी तरह बच सकते हैं. बहुत ज़्यादा तरह के डेट फ़ंड मौजूद हैं और ये फ़ंड जिस प्रकार के बॉण्ड में निवेश करते हैं या बॉण्ड की अवधि के आधार पर उनका वर्गीकरण बहुत बड़ा है. हमारा मानना है कि बहुत सी फ़ंड कैटेगरी निवेश में जटिलता लाती है जिसे आसानी से टाला जा सकता हैं. रिटेल निवेशक केवल एक साल तक की निवेश अवधि के लिए लिक्विड फ़ंड में, और अपने लंबी अवधि के पोर्टफ़ोलियो में फ़िक्स्ड इनकम एलोकेशन के लिए शॉर्ट ड्यूरेन फ़ंड में निवेश कर सकते हैं. (जो तीन साल तक के निवेश अवधि के लिए 100 प्रतिशत होना चाहिए)."
कैपिटल गेन्स टैक्स
डिस्क्लेमर: टैक्स से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक तौर पर और दूसरे स्रोतों पर उपलब्ध जानकारियों से तैयार करने की पूरी कोशिश की गई है, जिसे वैल्यू रिसर्च विश्वसनीय मानता है. इसका उद्देश्य टैक्स संबंधी सलाह देना नहीं है, और हमारी आपको सलाह है कि कोई भी फ़ैसला लेने से पहले अपने टैक्स सलाहकार से परामर्श ज़रूर करें. वैल्यू रिसर्च इस जानकारी के आधार पर किसी भी निवेश या निवेश से बाहर निकलने के निर्णय से होने वाले किसी नुक़सान या क्षति की कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेता है और न ही कोई दायित्व स्वीकार करता है.
डिविडेंड टैक्स
पढ़ने का समय 1 मिनट•न्यूज़ डेस्क
एसबीआई निफ्टी 10 वर्ष बेंचमार्क जी-सेक ईटीएफ को भारत सरकार द्वारा जारी बॉन्ड में अपनी संपत्ति का कम से कम 80 प्रतिशत निवेश करना अनिवार्य है, जैसे कि इसके पोर्टफोलियो की अवधि 10 साल के बराबर है. निष्क्रिय रूप से प्रबंधित होने के कारण, यह अपने चुने हुए बेंचमार्क इंडेक्स के पोर्टफोलियो को दोहराता है.
म्यूचुअल फ़ंड्स को सीधे फ़ंड हाउस की वेबसाइट से ख़रीदा जा सकता है. मिसाल के तौर पर, SBI Nifty 10 yr Benchmark G-Sec ETF फ़ंड को SBI Mutual Fund की वेबसाइट से ख़रीदा जा सकता है. आप म्यूचुअल फ़ंड्स को MF यूटिलिटी, MF सेंट्रल, जैसे प्लेटफ़ॉर्म से भी ख़रीद सकते हैं. हालांकि, अगर आप म्यूचुअल फ़ंड ऑनलाइन नहीं ख़रीदना चाहते हैं, तो आप म्यूचुअल फ़ंड डिस्ट्रीब्यूटर की मदद ले सकते हैं. ज़्यादातर बैंक भी म्यूचुअल फ़ंड डिस्ट्रीब्यूटर के तौर पर काम करते हैं. तो, आप मदद के लिए अपने बैंक से बात कर सकते हैं.
19-अप्रैल-2025 तक SBI Nifty 10 yr Benchmark G-Sec ETF का NAV ₹254.3284 है.
31-मार्च-2025 तक SBI Nifty 10 yr Benchmark G-Sec ETF फ़ंड का AUM ₹3,162 करोड़ है.
SBI Nifty 10 yr Benchmark G-Sec ETF का रिस्कोमीटर लेवल Moderate है. और देखें
कंपनी | पोर्टफ़ोलियो का प्रतिशत |
---|---|
GOI Sec 6.79 07/10/2034 |
96.87
|
31-मार्च-2025 तक, SBI Nifty 10 yr Benchmark G-Sec ETF ने 96.87% डेब्ट में और 3.13% Cash & Cash Eq. में निवेश किए थे
SBI Nifty 10 yr Benchmark G-Sec ETF 8 years 10 months पुराना है. इसने अपनी शुरुआत से 6.51% रिटर्न दिया है. और देखें
1Y
|
3Y
|
5Y
|
7Y
|
10Y
|
अपनी शुरुआत से
|
---|---|---|---|---|---|
12.25%
|
8.70%
|
5.68%
|
6.80%
|
--
|
6.51%
|
नहीं, SBI Nifty 10 yr Benchmark G-Sec ETF में लॉक-इन पीरियड नहीं है.
SBI Nifty 10 yr Benchmark G-Sec ETF का एक्सपेंस रेशियो 0.14 है.