वैल्यू रिसर्च फ़ंड रेटिंग रिटर्न और रिस्क दोनों का एक सुविधाजनक और विस्तृत तरीक़ा है. ये तरीक़ा किसी फ़ंड के रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न को दिखाने के लिए वैल्यू रिसर्च फ़ंड रिस्क ग्रेड और वैल्यू रिसर्च फ़ंड रिटर्न ग्रेड को जोड़ता है. ये रेटिंग पूरी तरह से क्वांटिटेटिव है, इसमें कुछ भी सब्जेक्टिव नहीं है. ये एक यूनिफ़ाइड परफ़ॉर्मेंस तय करने का तरीक़ा है और संक्षेप में बताता है कि किसी फ़ंड ने अपने द्वारा उठाए रिस्क के लिए, अपनी कैटेगरी के किसी दूसरे फ़ंड्स के मुक़ाबले ऐतिहासिक रूप में कैसा प्रदर्शन किया है.
इक्विटी और हाइब्रिड फ़ंड्स के लिए, हर एक फ़ंड कैटेगरी में दूसरे फ़ंड्स की तुलना में हर एक फ़ंड की रेटिंग का सिंगल असेसमेंट देने के लिए दो अवधियों (तीन और पांच साल) के लिए फ़ंड रेटिंग को जोड़ दिया जाता है. कुल स्कोर पर पहुंचने के लिए पांच साल के स्कोर को 60 प्रतिशत और तीन साल के स्कोर को 40 प्रतिशत का महत्व दिया गया है. जिन फ़ंड्स का पांच साल का इतिहास नहीं है, उनके तीन साल के स्कोर को 100 प्रतिशत महत्व दिया जाता है. डेट फ़ंड्स के लिए, फ़ंड रेटिंग कैटेगरी के दूसरे फ़ंड्स के मुक़ाबले 18 महीने के साप्ताहिक रिस्क-एडजस्टिड परफ़ॉर्मेंस पर आधारित होती है.
हर एक फ़ंड के लिए रिस्क स्कोर और रिटर्न स्कोर अलग-अलग कैलकुलेट किया जाता है और फिर कंपोज़िट स्कोर पर पहुंचने के लिए रिस्क स्कोर को रिटर्न स्कोर से घटा दिया जाता है. ये सिंगल रिस्क-एडजस्टेड परफ़ॉर्मेंस का माप है जो रेटिंग का आधार बनता है. रिज़ल्टिंग नंबर को इस तरह से इवैलुएट किया जाता है:
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टॉप 10% |
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अगला 22.5% |
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मिडिल 35% |
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अगला 22.5% |
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सबसे नीचे 10% |
वैल्यू रिसर्च फंड रिस्क ग्रेड
वैल्यू रिसर्च फ़ंड रिस्क ग्रेड फ़ंड के नुक़सान के रिस्क को दिखाता है. ये मानक विचलन और बीटा जैसे पारंपरिक रिस्क और अस्थिरता उपायों से अलग है क्योंकि ये केवल नकारात्मक पक्ष की अस्थिरता को इंगित करता है. उत्तरार्द्ध पूर्ण घाटे और येां तक कि अवधि को संदर्भित करता है जब फ़ंड रिस्क-मुक्त गारंटीकृत निवेश से कम प्रदर्शन करता है. तर्क: आप बैंक टर्म डिपॉजिट जैसे रिस्क-मुक्त गारंटी वाले निवेश में पूंजी लगा कर हमेशा गारंटी वाला रिटर्न पा सकते हैं. म्यूचुअल फ़ंड में निवेश करने के रिस्क में न केवल पैसा खोने की संभावना शामिल है, बल्कि गारंटी वाले निवेश पर आपकी कमाई से कम कमाई की संभावना भी शामिल है.
फ़ंड रिस्क कैलकुलेट करने के लिए, मासिक/साप्ताहिक फ़ंड रिटर्न की तुलना इक्विटी और हाइब्रिड फ़ंड के लिए मासिक रिस्क-फ़्री रिटर्न और डेट फ़ंड के लिए साप्ताहिक रिस्क-फ़्री रिटर्न से की जाती है. रिस्क-फ़्री रिटर्न को स्टेट बैंक की 45-180 दिनों की टर्म डिपॉज़िट रेट के रूप में परिभाषित किया गया है. सभी महीनों/सप्ताहों में फ़ंड ने रिस्क-फ़्री रिटर्न से कम प्रदर्शन किया है, कम प्रदर्शन का नतीजा जोड़ा जाता है. इससे हमें औसत अंडरपरफ़ॉर्मेंस तक पहुंचने में मदद मिलती है और फ़ंड ने अपनी कैटेगरी के औसत के मुक़ाबले कैसा प्रदर्शन किया है. फ़ंड के सापेक्ष प्रदर्शन को रिस्क स्कोर के तौर पर दिखाया जाता है.
किसी फ़ंड का रिस्क स्कोर इस तरह से बांटा जाता है और रेट किया जाता है:
उच्चतम | टॉप 10% |
एवरेज से ज़्यादा | अगला 22.5% |
औसत | मिडिल 35% |
एवरेज से कम | अगला 22.5% |
लो | सबसे नीचे 10% |
वैल्यू रिसर्च फंड रिटर्न ग्रेड
वैल्यू रिसर्च फ़ंड रिटर्न ग्रेड कैटेगरी के दूसरे फ़ंड्स की तुलना में फ़ंड के रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न को कैप्चर करता है. रिटर्न, हालांकि डिविडेंड, बोनस या राइट्स के लिए एडजस्ट किया गया है, वेट के लिए एडजस्ट नहीं किया गया है. रिस्क-फ़्री रिटर्न पर फ़ंड के कुल रिटर्न पर पहुंचने के लिए फ़ंड के मासिक/साप्ताहिक रिटर्न की तुलना मासिक/साप्ताहिक रिस्क-फ़्री रिटर्न से की जाती है. फ़ाइनल स्कोर पर पहुंचने के लिए मासिक औसत रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न की तुलना कैटेगरी के एवरेज रिटर्न से की जाती है. नेगेटिव कैटेगरी के औसत रिटर्न के मामले में, रिस्क-फ़्री रिटर्न को बेंचमार्क के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. एक से ज़्यादा स्कोर दिखाता है कि फ़ंड ने अपनी कैटेगरी के औसत से बेहतर प्रदर्शन किया है और ऐसा ही इसका उलटा भी होता है.
किसी फ़ंड का रिटर्न स्कोर इस तरह से बांटा जाता है और रेट किया जाता है:
उच्चतम | टॉप 10% |
एवरेज से ज़्यादा | अगला 22.5% |
औसत | मिडिल 35% |
एवरेज से कम | अगला 22.5% |
लो | सबसे नीचे 10% |
ऐसे केस जब किसी फ़ंड को रेट नहीं किया जाता
- वैल्यू रिसर्च तीन साल से कम प्रदर्शन वाले इक्विटी या हाइब्रिड फ़ंड और 18 महीने से कम प्रदर्शन ट्रैक रिकॉर्ड वाले डेट फ़ंड की रेटिंग नहीं करता है.
- हर एक कैटेगरी को रेटिंग देने के लिए उसके पास कम से कम 10 फ़ंड्स होने चाहिए.
- पिछले छह महीनों में मैनेजमेंट के तहत 5 करोड़ रुपये से कम औसत एसेट वाला फ़ंड रेटिंग के लिए क्वालिफ़ाई नहीं करता है.
- ऐसी कैटेगरी के मामले में जहां फ़ंड की तुलना नहीं की जा सकती या एक तरह के सेट नहीं बनते हैं, रेटिंग कैलकुलेट नहीं की जाती है.
- हम ETF को रेटिंग नहीं देते हैं, क्योंकि आमतौर पर, NAV द्वारा दिखाया गया प्रदर्शन असल में वो नहीं होता जो एक निवेशक को मिल सकता है.
- ऐसे फ़ंड जिन्होंने हाल ही में अपने निवेश के उद्देश्य या ऑब्जैक्टिव में बड़े बदलाव किए हैं, जिससे उनका पिछला प्रदर्शन उनके जैसे दूसरे फ़ंड्स से बेमानी या अप्रासंगिक हो गया है.
आप ज़्यादा जानकारी के लिए रेटिंग FAQ डॉक्यूमेंट पढ़ सकते हैं.